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बलिया :स्वर्णप्राशन संस्कार से दूर हो सकता है कोरोना वायरस का प्रकोप,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण के कारण हो सकता है कारगर : डॉ आरबीएन पांडेय

स्वर्णप्राशन संस्कार से दूर हो सकता है कोरोना वायरस का प्रकोप,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण के कारण हो सकता है कारगर : डॉ आरबीएन पांडेय

बलिया 12 मार्च 2020 ।। शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मझौली बलिया के चेयरमैन डॉ आरबीएन पांडेय का मानना है कि आयुर्वेद के 16 संस्कारों में से एक स्वर्ण प्राशन संस्कार के द्वारा दुनिया भर में इस समय महामारी के रूप में डर पैदा कर रहे कोरोना वायरस पर नियंत्रण किया जा सकता है । डॉक्टर पांडेय ने कहा कि वैसे तो यह नई बीमारी है और इस पर अभी शोध चल रहे हैं लेकिन मेरा मानना है कि स्वर्ण प्राशन संस्कार जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, के द्वारा इस रोग से लड़ने की क्षमता मरीज के शरीर में बढ़ जाएगी और इस वायरस के द्वारा  ग्रसित मरीज होगा वह ठीक हो सकता है । कहा कि इस दवा को मूल रूप से बलिया निवासी डॉ अभय नारायण तिवारी ने खोज की  है और डॉ तिवारी ने इसका सफल परीक्षण गोरखपुर के सहजनवा ब्लाक के ग्राम पंचायत भड़सर में किया है । यह संस्कार मस्तिष्क ज्वर जेईई में काफी कारगर साबित हुआ है और भड़सर ग्राम में प्रतिवर्ष जेईई के द्वारा 10 से 15 बच्चों की होने वाली मौत को रोक दिया है । कहा कि डॉ तिवारी ने इस ग्राम पंचायत में 8 महीने तक प्रत्येक बच्चे को स्वर्ण प्राशन संस्कार कराया जिसका नतीजा यह हुआ कि इस गांव में इस वर्ष जेईई से कोई भी मौत नहीं हुई ,ना ही कोई बच्चा बीमार पड़ा । इसी को ध्यान में रखकर मैंने भी अपने जनपद में इस संस्कार को शुरू करने का निर्णय किया है । कहा कि मैंने जिस ग्राम सभा मे मेरा मेडिकल कालेज है , उस मझौली ग्राम पंचायत को गोद लिया है और इस ग्राम पंचायत के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क स्वर्णप्राशन संस्कार पूरे 10 माह तक कराऊंगा । यह संस्कार प्रत्येक माह के पुष्य नक्षत्र में किया जाता है । इससे बच्चे बलवान व बुद्धिमान हो जाते है । 10 माह के बाद बच्चो का परीक्षण किया जाएगा कि बच्चो के मानसिक व शारीरिक विकास में कितना परिवर्तन हुआ है ।