बलिया : सबसे बड़ा सवाल : जब पूरी दुनिया मे भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे है स्थगित तो मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन क्यो ? क्या इससे नही फैलेगा कोरोना ?
सबसे बड़ा सवाल : जब पूरी दुनिया मे भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे है स्थगित तो मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन क्यो ? क्या इससे नही फैलेगा कोरोना ?
मधुसूदन सिंह
बलिया 12 मार्च 2020 ।। पूरे विश्व मे कोरोना वायरस ने त्राहि त्राहि मचा रखी है । एक से देश से दूसरे देश जाने पर सरकारें रोक लगा रही है ।पीएम मोदी स्वयं कार्यक्रमों में जाने से मना कर चुके है , होली मिलन के कार्यक्रम तक स्थगित हो गये , लेकिन न जाने इतनी बड़ी बीमारी के बावजूद यूपी में मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन लगातार होना , कही न कही यूपी के स्वास्थ्य विभाग के और शासन के आला अधिकारियों के इस बीमारी को हल्के में लेना साबित करता है । अन्य आयोजनों की अपेक्षा इस आयोजन में कोरोना के संक्रमण का खतरा शत प्रतिशत से भी अधिक संभावित है । ऐसे में लगता है कि यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मेले के द्वारा यूपी की जनता में कोरोना वायरस को फैलाकर सरकार की मेला लगाने के औचित्य को ही असफल साबित करना चाहते है ।
अभी होली के दिन ही गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में जिस तरह WHO की गाइड लाइन जारी होने के बावजूद सीएम योगी के उपस्थित रहने पर भी कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी की गई , उपस्थित लोगों को बिना मास्क के सीएम योगी से मिलने दिया गया, यह अपने आप मे घोर लापरवाही को दर्शाता है । वही इसी कार्यक्रम में विधायक जी द्वारा दिया गया बयान कि कुम्भ में करोड़ो लोग स्नान किये और उनको संक्रमण नही हुआ तो इस होली मिलन कार्यक्रम से भी नही होगा,यह साबित करने के लिये काफी है कि यूपी के राजनेता इस बीमारी को कितनी गंभीरता के साथ ले रहे है ।
मेरा तो स्पष्ट मानना है कि अगर यूपी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है तो कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री आरोग्य मेला जैसे कार्यक्रमों को स्थगित कर देना चाहिये नही तो यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए अगर यहां यह वायरस फैल गया तो रोकना मुश्किल हो जाएगा ।
इसके लिये चाहे कोई भी बैठक हो उसमें मास्क का प्रयोग होना चाहिये जो नही हो रहा है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 12 मार्च 2020 ।। पूरे विश्व मे कोरोना वायरस ने त्राहि त्राहि मचा रखी है । एक से देश से दूसरे देश जाने पर सरकारें रोक लगा रही है ।पीएम मोदी स्वयं कार्यक्रमों में जाने से मना कर चुके है , होली मिलन के कार्यक्रम तक स्थगित हो गये , लेकिन न जाने इतनी बड़ी बीमारी के बावजूद यूपी में मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन लगातार होना , कही न कही यूपी के स्वास्थ्य विभाग के और शासन के आला अधिकारियों के इस बीमारी को हल्के में लेना साबित करता है । अन्य आयोजनों की अपेक्षा इस आयोजन में कोरोना के संक्रमण का खतरा शत प्रतिशत से भी अधिक संभावित है । ऐसे में लगता है कि यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मेले के द्वारा यूपी की जनता में कोरोना वायरस को फैलाकर सरकार की मेला लगाने के औचित्य को ही असफल साबित करना चाहते है ।
अभी होली के दिन ही गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में जिस तरह WHO की गाइड लाइन जारी होने के बावजूद सीएम योगी के उपस्थित रहने पर भी कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी की गई , उपस्थित लोगों को बिना मास्क के सीएम योगी से मिलने दिया गया, यह अपने आप मे घोर लापरवाही को दर्शाता है । वही इसी कार्यक्रम में विधायक जी द्वारा दिया गया बयान कि कुम्भ में करोड़ो लोग स्नान किये और उनको संक्रमण नही हुआ तो इस होली मिलन कार्यक्रम से भी नही होगा,यह साबित करने के लिये काफी है कि यूपी के राजनेता इस बीमारी को कितनी गंभीरता के साथ ले रहे है ।
मेरा तो स्पष्ट मानना है कि अगर यूपी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है तो कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री आरोग्य मेला जैसे कार्यक्रमों को स्थगित कर देना चाहिये नही तो यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए अगर यहां यह वायरस फैल गया तो रोकना मुश्किल हो जाएगा ।
इसके लिये चाहे कोई भी बैठक हो उसमें मास्क का प्रयोग होना चाहिये जो नही हो रहा है ।