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जम्मू-कश्मीरः छह महीने बाद आजाद हुए फारुक अब्दुल्ला, बोले- मेरे पास कहने को शब्द नहीं


जम्मू-कश्मीरः छह महीने बाद आजाद हुए फारुक अब्दुल्ला, बोले- मेरे पास कहने को शब्द नहीं
ए कुमार

जम्मू कश्मीर 13 मार्च 2020 ।। पीएसए कानून के तहत  नजरबंद फारुक अब्दुल्ला आज रिहा होकर अपने घर के बाहर पत्रकारों से मिले । पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरे पास कहने को शब्द नही है ।
 बता दे कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीएसए कानून के तहत हिरासत में लिए गए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को इससे आजादी मिल गई है। फारुक अब्दुल्ला ने पीएसए से रिहाई के बाद कहा कि आज मेरे पास शब्द नहीं हैं। आज मैं आजाद हूं। अगर मुझे अनुमति मिली तो मैं संसद जाऊंगा और आवाम की आवाज को संसद में रखूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं उन सभी सांसदों का धन्यवाद करता हूं जो मेरी रिहाई के लिए लड़े।

फारुक अब्दुल्ला आगे बोले कि अन्य लोगों को भी रिहा करना चाहिए। यह आजादी तब तक पूरी नहीं है जब तक हमारे सारे नेता आजाद नहीं होते। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार सभी लोगों को रिहा करने के लिए कार्रवाई करेगी।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव(योजना) रोहित कंसल ने जानकारी दी है कि सरकार ने फारुक अब्दुल्ला के ऊपर से पीएसए कानून के प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी किए हैं। फारुक अब्दुल्ला पर से पीएसए हटने की खबर के बाद भारी संख्या में मीडिया उनके घर के बाहर तैनात है। उनके कुछ समर्थक भी घर के बाहर पहुंचे जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया।

बता दे कि डॉ. अब्दुल्ला 15 सितंबर 2019 से पब्लिक सेफ्टी कानून(पीएसए) के तहत नजरबंद थे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से प्रदेश के कई बड़े नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं को नजरबंद रखा गया है।

सरकार द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि फारुक अब्दुल्ला पर पीएसए एक्ट तीन महीनों के लिए यानी दिसंबर तक लगा था। इसे बाद में तीन महीने और बढ़ा दिया गया। अब मार्च में वह अवधि पूरी हो रही है ऐसे में फारुक अब्दुल्ला जल्द रिहा होंगे।

नेशनल कांफ्रेंस ने बयान जारी कर कहा है कि, नेकां संरक्षक फारूक अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा किया जाना 'जम्मू कश्मीर में वास्तविक राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल करने की सही दिशा में लिया गया कदम है’।