गोरखपुर : डीआईजी के हस्तक्षेप से कोतवाली पुलिस की आत्महत्या की कहानी हुई फेल : बेटा ही निकला सईद का हत्यारा, हुआ गिरफ्तार
डीआईजी के हस्तक्षेप से कोतवाली पुलिस की आत्महत्या की कहानी हुई फेल : बेटा ही निकला सईद का हत्यारा, हुआ गिरफ्तार
हैंड वॉश रिपोर्ट आने के बाद मामला हुआ साफ
ए कुमार
गोरखपुर 1 मार्च 2020 ।। कोतवाली थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर निवासी दवा कारोबारी सईद अहमद की 13 फरवरी की रात को उनके ही घर में गोली लगने से मौत हो गई थी पुलिस और परिजन मौत के बाद से ही उसे आत्महत्या बताने की कोशिश करते रहे। लेकिन सईद को सिर में एक और सीने में दो गोली लगी थी जिसके बाद से ही हर किसी को आत्महत्या की कहानी गले से नीचे नहीं उतर रही थी।
घटना के जानकारी तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी डीआईजी राजेश डी राव मोडक को हुई और उनके हस्तक्षेप के बाद घटना की विवेचना कर रही कोतवाली पुलिस दूसरे एंगल पर विवेचना करने लगी। घटना के बारहवीं दिन डीआईजी ने खुद घटनास्थल का मुआयाना किया और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर हैंड वॉश रिपोर्ट तैयार कराया गया। डीआईजी लगातार घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे और पुलिस के द्वारा बताई गई कहानी पर संदेह व्यक्त कर रहे थे। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ता गया और कोतवाली पुलिस की बनाई गई स्क्रिप्ट की पोल खुलती गई हैंड वॉश रिपोर्ट आने के बाद दूध का दूध पानी हो गया। हैंड वास रिपोर्ट आने के बाद कोतवाली पुलिस के मुँह पर ताला लग गया। घटना के 18 वे दिन बाद खुलासा हुआ। कोतवाली पुलिस ने सईद के पुत्र अनस की गिरफ्तारी देखा कर उसे जेल भेज दिया गया और मीडिया से उसकी दूरी बनाए रखी गई। फिलहाल घटना के खुलासे के बाद से क्षेत्र में तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी डीआईजी राजेश डी राव मोडक के सूझबूझ व समझदारी की प्रशंसा खूब हो रही है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी मिली है कि इस पूरे प्रकरण में हत्यारे को बचाने और इस मामलो को आत्महत्या का रूप देने के लिए बड़ी डील भी हुई थी।
हैंड वॉश रिपोर्ट आने के बाद मामला हुआ साफ
ए कुमार
गोरखपुर 1 मार्च 2020 ।। कोतवाली थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर निवासी दवा कारोबारी सईद अहमद की 13 फरवरी की रात को उनके ही घर में गोली लगने से मौत हो गई थी पुलिस और परिजन मौत के बाद से ही उसे आत्महत्या बताने की कोशिश करते रहे। लेकिन सईद को सिर में एक और सीने में दो गोली लगी थी जिसके बाद से ही हर किसी को आत्महत्या की कहानी गले से नीचे नहीं उतर रही थी।
घटना के जानकारी तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी डीआईजी राजेश डी राव मोडक को हुई और उनके हस्तक्षेप के बाद घटना की विवेचना कर रही कोतवाली पुलिस दूसरे एंगल पर विवेचना करने लगी। घटना के बारहवीं दिन डीआईजी ने खुद घटनास्थल का मुआयाना किया और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर हैंड वॉश रिपोर्ट तैयार कराया गया। डीआईजी लगातार घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे और पुलिस के द्वारा बताई गई कहानी पर संदेह व्यक्त कर रहे थे। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ता गया और कोतवाली पुलिस की बनाई गई स्क्रिप्ट की पोल खुलती गई हैंड वॉश रिपोर्ट आने के बाद दूध का दूध पानी हो गया। हैंड वास रिपोर्ट आने के बाद कोतवाली पुलिस के मुँह पर ताला लग गया। घटना के 18 वे दिन बाद खुलासा हुआ। कोतवाली पुलिस ने सईद के पुत्र अनस की गिरफ्तारी देखा कर उसे जेल भेज दिया गया और मीडिया से उसकी दूरी बनाए रखी गई। फिलहाल घटना के खुलासे के बाद से क्षेत्र में तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी डीआईजी राजेश डी राव मोडक के सूझबूझ व समझदारी की प्रशंसा खूब हो रही है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी मिली है कि इस पूरे प्रकरण में हत्यारे को बचाने और इस मामलो को आत्महत्या का रूप देने के लिए बड़ी डील भी हुई थी।