नगरा बलिया : छूट का लोगो ने उठाया नाजायज फायदा,सोशल डिस्टेंस का नही हुआ पालन, सब्जी विक्रेताओं ने भी की मुनाफाखोरी
नगरा बलिया : छूट का लोगो ने उठाया नाजायज फायदा,सोशल डिस्टेंस का नही हुआ पालन, सब्जी विक्रेताओं ने भी की मुनाफाखोरी
संतोष द्विवेदी
नगरा बलिया 27 मार्च 2020 ।। कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित 21 दिन के लाकडाउन की नगरा बाजार में तीसरे दिन शुक्रवार को सुबह जम कर धज्जियां उडाईं गईं। प्रशासन द्वारा निर्धारित समय सुबह 7 बजे 11 बजे के बीच लोग गांवों से बाजार की तरफ झोला थैला लेकर कूच कर दिए। देखते ही देखते सब्जी मार्केट में भारी भीड इकट्ठी हो गई। लोगों के चेहरे पर न तो मास्क ही था न ही आपस में दूरी ही बना कर खडे थे। पहले हम की चक्कर में दुकानों पर भीड लग गईं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसी भीड के बीच 112 नंबर की गाडी मूक दर्शक बन खडी थी। बाजार में थोक व फुटकर व्यापारियों एवं आम लोगो की भीड़ सरकार के लाक डाउन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
बाजार में भीड़ का जमकर नाजायज फायदा सब्जी विक्रेताओं ने भी उठाया। प्रशासन द्वारा निर्धारित रेट से अधिक पर सब्जियों की बिक्री हुई। प्रशासनिक लापरवाही के चलते सब्जी मंडी घंटों भीड से जूझती रही। लाक डाउन में किराना सब्जी, दवा की दुकानों सहित कुछ आवश्यक सामग्री से सम्बन्धित दुकानों को खोलने के लिए प्रशासन द्वारा सुबह 7 बजे से दिन में 11 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। खरीदारी के वक़्त सोशल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखना है। लेकिन बाजार में जुटी भीड़ ने जहा सरकार के मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया, वहीं अब ये भी सवाल उठने लगा है कि क्या इसी तरह बचाव करके कोरोना वायरस से पार पाया जाएगा। दुकानों पर जुटी लोगो का हुजूम काफी खतरनाक साबित हो सकता है।बतादें कि गुरुवार को उंची कीमतों को लेकर सब्जी विक्रेताओं व ग्राहकों में किचकिच भी हुई थी। कुछ लोगो ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी किंतु कोई असर देखने को नहीं मिला।
संतोष द्विवेदी
नगरा बलिया 27 मार्च 2020 ।। कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित 21 दिन के लाकडाउन की नगरा बाजार में तीसरे दिन शुक्रवार को सुबह जम कर धज्जियां उडाईं गईं। प्रशासन द्वारा निर्धारित समय सुबह 7 बजे 11 बजे के बीच लोग गांवों से बाजार की तरफ झोला थैला लेकर कूच कर दिए। देखते ही देखते सब्जी मार्केट में भारी भीड इकट्ठी हो गई। लोगों के चेहरे पर न तो मास्क ही था न ही आपस में दूरी ही बना कर खडे थे। पहले हम की चक्कर में दुकानों पर भीड लग गईं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसी भीड के बीच 112 नंबर की गाडी मूक दर्शक बन खडी थी। बाजार में थोक व फुटकर व्यापारियों एवं आम लोगो की भीड़ सरकार के लाक डाउन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
बाजार में भीड़ का जमकर नाजायज फायदा सब्जी विक्रेताओं ने भी उठाया। प्रशासन द्वारा निर्धारित रेट से अधिक पर सब्जियों की बिक्री हुई। प्रशासनिक लापरवाही के चलते सब्जी मंडी घंटों भीड से जूझती रही। लाक डाउन में किराना सब्जी, दवा की दुकानों सहित कुछ आवश्यक सामग्री से सम्बन्धित दुकानों को खोलने के लिए प्रशासन द्वारा सुबह 7 बजे से दिन में 11 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। खरीदारी के वक़्त सोशल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखना है। लेकिन बाजार में जुटी भीड़ ने जहा सरकार के मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया, वहीं अब ये भी सवाल उठने लगा है कि क्या इसी तरह बचाव करके कोरोना वायरस से पार पाया जाएगा। दुकानों पर जुटी लोगो का हुजूम काफी खतरनाक साबित हो सकता है।बतादें कि गुरुवार को उंची कीमतों को लेकर सब्जी विक्रेताओं व ग्राहकों में किचकिच भी हुई थी। कुछ लोगो ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी किंतु कोई असर देखने को नहीं मिला।