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बलिया : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने नशा मुक्ति अभियान" के अंतर्गत कोतवाली में आयोजित की कार्यशाला,कोतवाल विपिन सिंह ने छोड़ा गुटका खाना


दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने नशा मुक्ति अभियान" के अंतर्गत कोतवाली में आयोजित की कार्यशाला




बलिया 1 मार्च 2020 ।। थाना कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक विपिन सिंह की अध्यक्षता में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने नशा मुक्ति अभियान" के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में थाना कोतवाली के समस्त अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित सम्मिलित हुए। इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वामी आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी अर्जुनानंद जी ने कार्यशाला को  संबोधित करते हुए कहा कि पूरे भारत में नशे की लत वालो की संख्या बढ़ती जा रही है, खासकर युवा पीढ़ी में इसकी लत पड़ती   दिख रही  है। कहा कि अधिक नशा करने से उम्र भी कम होने लगती है। कहा कि एक सिगरेट पीने से औसतन 11 मिनट आयु कम होती है, यानी दिन में 5 सिगरेट पीने से औसतन 1 घंटा आयु कम होती है।



 भारत की  आबादी इस समय 133.92 करोड़ है इसमें से 26.7  करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं, आंकड़ों की बात करें तो तंबाकू खाने से हर साल 10 लाख लोगों की मौत होती है, वही धुआं रहित तंबाकू का उपयोग भारत में हर साल अतिरिक्त दो लाख लोगों को मारता है ।अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो 2020 तक तंबाकू सभी मौतों का 13% हिस्सा होगा ,जिसको सोच कर ही इसकी भयावहता आ अंदाजा लगाया जा सकता है ।
तंबाकू से सबसे ज्यादा हृदय रोग होता है ,हृदय रोग से होने वाली मृत्यु में से अनेक कारणों में से 42% तंबाकू के सेवन से होता है । 26.7  स्मोकिंग कर्ता के कारण 26.8 बच्चों को पैसिव स्मोकिंग में संलग्न होना पड़ता है जिसके कारण हर साल 92 लाख 6 हजार बच्चे बिना किसी अपराध के मारे जाते हैं और इतना ही नहीं जो मर रहे हैं वह तो नुकसान है ही बल्कि उससे बड़ा नुकसान देश का  धूम्रपान की समस्या के कारण बीमार हैं,उनके इलाज पर होता है । 2017 का डाटा बताता है कि केवल बीड़ी पीने के कारण बीमार लोगों के इलाज के लिए साल 2017 में 80550 करोड रुपए दवा पर खर्च किए गए ।धूम्रपान से जुड़े रोग संभावित रूप से अधिक लोगों को गरीबी में ढकेलते हैं । "the toll tobacco in india की वेबसाइट के अनुसार तंबाकू और इससे जुड़ी स्वास्थ्य लागतो  पर खर्च करने के कारण देश में हर साल लगभग 15 मिलियन लोग गरीबी रेखा में धकेल दिए जाते हैं जबकि तंबाकू उत्पाद भारतीय नहीं है ।
ध्रूमपान से पीने वाले का और देश का है बहुत बड़ा नुकसान

 तंबाकू धूम्रपान से आर्थिक नुकसान भी बहुत है । इतनी छोटी सी और सस्ती लगने वाली चीज आपको कितना आर्थिक नुकसान पहुंचाती है शायद आपको अंदाजा नही है । इसको उदाहरण से समझा जा सकता है ।यहां एक सिगरेट औसतन पांच से ₹10 की आती है और एक व्यक्ति एक दिन में 5 सिगरेट पीता है तो 1 दिन का खर्च 25 से ₹50, ऐसे ही हफ्ते का ,महीनों का ,साल का, 5 साल का और 10 साल का खर्चा निकाल ले । आपको जान कर आश्चर्य होगा कि जो पैसा समाज में खर्च होने चाहिये ,  परिवार के ऊपर, भगवान, गुरु के काम में लग सकता था ,उसको स्मोकिंग में  10 साल में 5 सिगरेट पीने वाला लगभग ₹182000 का सिगरेट पी जाता है
।नशा करने से भारी मात्र में लोगों की मृत्यु होती है। भारत सरकार को प्रति वर्ष करोड़ो का बजट नशा से ग्रसित लोगो के इलाज में मजबूरन खर्च करना पड़ता है ।  नशा करने से अवसाद ,कैंसर ,हृदयाघात एवम अनेक रोगों के गिरफ्त में आने की संभावना बढ़ जाती है। समाज में मानसिक विकृति बढ़ती जा रही है। इस हालात में समस्या का समाधान एक ही है अध्यात्म जब तक मनुष्य अपने भीतर ईश्वरीय शक्ति को नही जानेगा तब तक परिवर्तन नही आ सकता । जब हम ईश्वर को देख कर उस पर ध्यान करते है, हमारे भीतर मानसिक परिवर्तन आ जाता है। कहा कि ध्यान की सनातन पद्धति ही मनुष्य में परिवर्तन ला सकता है। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के इस मुहिम ने लाखों लोगों को नशा से मुक्त कराया है।
कार्यक्रम में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली विपिन सिंह द्वारा उपस्थित सभी पुलिस कर्मियों को नशा न करने की हिदायत दी व स्वयं नशा न करने का संकल्प लिया गया। शपथ ग्रहण के द्वारा कार्यशाला का समापन किया गया।

शहर कोतवाल ने ली गुटका तम्बाकू न खाने की शपथ
नशा मुक्ति कार्यशाला में शहर कोतवाल विपिन सिंह ने गुटका न खाने की शपथ ली और अपने सहकर्मियों से भी नशा से दूर रहने की अपील की ।