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जाने कौन है बलिया स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का कोरोना ?

 जाने कौन है बलिया स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का कोरोना ?
बलिया स्वास्थ्य विभाग का कोरोना है डॉ राजनाथ ,योगी राज में भी इस भ्रष्टाचारी का कौन है नाथ ?,करोड़ो के घोटाले होने से पहले ही खुल गया राज,अब क्या होगा तेरा डॉ राजनाथ ?
मधुसूदन सिंह

22 मार्च 2020 ।। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना नामक वायरस से लड़ रही है । जिस तरह वायरस दुनिया मे मौत बांटते हुए अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहा है , उसी तरह बलिया स्वास्थ्य विभाग में भी डॉ राजनाथ नामक अधिकारी है जो स्वास्थ्य विभाग को अपनी लालची सोच के चलते कोरोना वायरस की तरह खोखला करने में लगा हुआ है । इसकी बखूबी साथ पारस नामक स्टोर इंचार्ज निभा रहा है । इन दोनों की विभाग को जोर का झटका धीरे से देने की योजना सफल होने से पहले ही जॉइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग और सीएमओ बलिया के संज्ञान में आ गयी और इनके करोड़ो रूपये के घोटाले करने के मंसूबो पर पानी फिर गया । श्रीमती गर्ग और सीएमओ डॉ पीके मिश्र द्वारा डॉ राजनाथ द्वारा सीधे मंगाये गये और ऑर्डर किये गये सामानों को रिजेक्ट कर वापस करने का आदेश जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही के निर्देश पर दे दिया गया है ।
दागदार है राजनाथ का इतिहास
 बता दे कि डॉ राजनाथ को 2018 में छठ पर्व के दिन व्रती महिला का नरही सीएचसी पर समुचित इलाज न होने के कारण बलिया लाते समय हुई मौत प्रकरण में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री उपेन्द्र तिवारी के आदेश पर श्रावस्ती स्थानांतरण हो गया था और इनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता की भी जांच हुई जिसमें प्रथम दृष्टया दोषी भी पाये गये थे । तत्कालीन सीएमओ डॉ एसपी राय ने डॉ राजनाथ को तत्काल प्रभाव से रिलीव भी कर दिया था । डॉ एसपी राय जबतक सीएमओ रहे , डॉ राजनाथ बलिया नही आये, न ही श्रावस्ती ही गये । लेकिन डॉ एसपी राय के बाद सीएमओ का चार्ज लेने वाले उमा पति दुबे के कार्यकाल में ये एकाएक बलिया आये और सीधे डीडीओ बन गये । डीडीओ बनते ही इन्होंने अपने बकाये वेतन (यहां से रिलीव होने की तिथि से पुनः वापस आने की तिथि तक) का भुगतान ले लिए । जबकि सूत्रों की माने तो मंत्री जी द्वारा कराये गये स्थानांतरण आदेश को निरस्त करके पुनः बलिया योगदान देने का कोई आदेश नही है, न ही इन्होंने अनुपस्थिति के दिवसों के लिये कोई मेडिकल जमा किया है । इसके अलावा पूर्व में इनके द्वारा मुख्य स्टोर का प्रभारी रहते हुए  भी करोड़ो का घोटाला किया गया है जिसकी विजिलेंस जांच चल रही है ।


  इस बार ऐसे थी घोटाले की योजना
सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र द्वारा मुख्य स्टोर का नोडल अधिकारी बनाये जाने के बाद डॉ राजनाथ एक बार फिर पुरानी कहानी को दुहराते हुए स्टोर प्रभारी पारस से गठजोड़ करके जेम पोर्टल के सहारे करोड़ो के घोटाले की योजना को मार्च में अमली जामा पहनाने की फिराक में थे कि जॉइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग ने स्टॉक वेरिफिकेशन में गड़बड़ी को पकड़ लिया और इसको सीएमओ और जिलाधिकारी को बता दिया । इसके बाद सीएमओ बलिया ने तत्काल डॉ राजनाथ द्वारा बिना सीएमओ की अनुमति के मंगाये गये समान और ऑर्डर को निरस्त कर दिया ।
 पारस के नजदीकियों को दिया गया था ऑर्डर
 सूत्रों की माने तो डॉ राजनाथ द्वारा जो भी ऑर्डर सीधे दिया गया था वो स्टोर प्रभारी पारस के नजदीकियों की फर्मो को दिया गया  है । अगर श्रीमती गर्ग इसको नही पकड़ती तो हो सकता था बिना सामान आये ही मार्च की भीड़ में यह करोड़ो का भुगतान हो जाता ।
सबसे बड़ा सवाल : मंत्री उपेन्द्र तिवारी द्वारा बदली कराने के बाद भी डॉ राजनाथ को किस नाथ ने है रोका
 विभिन्न तरह की वित्तीय अनियमितताओं के दोषी होने के वावजूद यह साबित करता है कि योगी राज में भी डॉ राजनाथ का कोई ऐसा नाथ है जो मंत्री तिवारी के आदेश को भी रुकवाने में (कागज पर न सही, मौखिक ही) सफल रहा है । अब देखना है कि इस कांड में डॉ राजनाथ व पारस को जांच के बाद क्या दंड मिलता है । (शेष अगली कड़ी में )