Breaking News

हल्दी बलिया : मानव जीवन से कथा,सत्संग,यज्ञ,दान,व्रत,तीर्थ,पूजा,पाठ हटाते ही जानवर व मनुष्य में नही रह जायेगा अंतर : जीयर स्वामी


 मानव जीवन से कथा,सत्संग,यज्ञ,दान,व्रत,तीर्थ,पूजा,
पाठ हटाते ही जानवर व मनुष्य में नही रह जायेगा अंतर : जीयर स्वामी
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट




हल्दी बलिया 3 मार्च 2020 ।।पराशर क्षेत्र स्थित भगवान नरसिंह की नगरी भरसौता गांव के पूरब स्थित बागीचे ने श्री श्री 1008 जगत गुरु श्री त्रिदंडी स्वामी जी के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मीप्रपन्न जियर स्वामी जी  द्वारा ज्ञान यज्ञ महोत्सव सोमवार की सुबह आरती के साथ शुरू हुआ।जिसमें आस पास के दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोगों ने दूर-दूर से आकर आरती में भाग लिया।तत्पश्चात शाम को जियर स्वामी जी महाराज ने अपने मुखारबिंद से कथा करते हुए कहे कि मानव जीवन में कथा,सत्संग,यज्ञ,दान,व्रत,तीर्थ,पूजा,पाठ आदि धार्मिक अनुष्ठानों को इस पृथ्वी से हटा दिया जाय तो मनुष्य व जानवरों में कोई अन्तर नही रहेगा।इस कलयुग में आपका साथ देने वाला कोई नहीं है,चाहे वो पत्नी या पुत्र ही क्यों न हो।अगर कोई आपका साथ देगा तो वो नारायण ही है।

सबसे छोटा कलियुग है, जिसमें चार लाख बत्तीस हजार वर्ष, द्वापर युग में इससे दोगुने- आठ लाख चौंसठ हजार वर्ष, त्रेता युग में इससे तीन गुना- बारह लाख छियान्नवे हजार वर्ष, और सतयुग में इससे चार गुना- सत्रह लाख अट्ठाइस हजार वर्ष होते हैं। इन चारों को जोड़ देंगे, तो तैंतालीस लाख बीस हजार वर्ष हुए। यह एक चतुर्युगी हो गई। एक सृष्टिकाल में एक हजार चतुर्युगी होती है।इस प्रकार अभी आठ हजार वर्ष बाद कलंकी अवतार होगा जो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभलपुर गांव निवासी विष्णुयश व्यक्ति के घर कुँवारी कन्या के गर्भ से जन्म लेंगे।
लेकिन उस समय तक गंगा आदि नदियाँ विलुप्त हो जाएंगी।फल,फूल असमय होंगे।

 उन्होंने कथा में ऋषि कश्यप और भगवान सूर्य के प्रसंग को विस्तार से सुनाया।जिसमें पुत्र के कर्तव्य को बताया। कथा सुनने के लिए सैकड़ो की संख्या में पुरुष व महिलायें उपस्थित रहे।