बलिया : सादगी से मनाई गई बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 129 वी जयंती
बलिया : सादगी से मनाई गई बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 129 वी जयंती
बलिया 14 अप्रैल 2020: डॉ भीमराव आम्बेडकर जी की जयंती मंगलवार को पूरी सादगी के साथ मनाई गई। इस अवसर पर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई। इसमें वक्ताओं ने अंबेडकर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
गोष्ठी की शुरुआत में जिलाधिकारी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर दीप प्रज्ज्वलन किया। फिर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अगर आवाज उठी तो यह आंबेडकर जी के प्रयास की ही देन थी। सामाजिक असमानता को दूर करने, वंचित वर्गों को न्याय दिलाने और संविधान का निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले आंबेडकर जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। अपर जिलाधिकारी राम आसरे, डिप्टी कलेक्टर सुरेश पाल, एसओसी धर्मराज यादव समेत अन्य अधिकारियों ने डॉ भीमराव के व्यक्तित्व और कृतित्व व उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन प्रशासनिक अधिकारी अश्विनी श्रीवास्तव ने किया।
सूचना कार्यालय में भी मनी जयंती
बलिया 14 अप्रैल 2020 ।। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी की 129वी जयंती पर जिला सूचना कार्यालय में भी मंगलवार को सादगी के साथ मनायी गयी। जिसमें प्रधान सहायक/उर्दू अनुवादक श्री फजलुर्रहमान ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। बीआर अंबेडकर ने न सिर्फ संविधान का निर्माण किया बल्कि देश की सबसे बड़ी बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे जिन्होंने भारत में दलित बौद्ध आंदोलन चलाया। डॉ भीम राव अंबेडकर कई प्रतिभाओं और व्यवसायों के व्यक्ति थे। वे एक राजनीतिज्ञ, न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे। इसके अलावा, अंबेडकर दलित बौद्ध आंदोलन के पीछे की ताकत थे। यह व्यक्ति उस समय भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न अन्याय से लड़ने के लिए भावुक थें। अन्याय के खिलाफ इस लड़ाई के तहत, अम्बेडकर ने अछूतों के समर्थन में एक अभियान का नेतृत्व किया। वह स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाने में एक केंद्रीय भूमिका भी निभाई थी। स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में मान्यता प्राप्त, भारतीय गणराज्य की संपूर्ण अवधारणा के निर्माण में अम्बेडकर जी का योगदान बहुत बड़ा है। देश में उनके योगदान और सेवा का सम्मान करने के लिए, उनका जन्मदिन हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। अंबेडकर एक समझदार छात्र और कानून और अर्थशास्त्र के व्यवसायी थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इस अवसर पर देश दीपक यादव, रामाश्रय चौहान, अरूण कुमार व रमाकांत चौहान उपस्थित रहे।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
बलिया 14 अप्रैल 2020: डॉ भीमराव आम्बेडकर जी की जयंती मंगलवार को पूरी सादगी के साथ मनाई गई। इस अवसर पर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई। इसमें वक्ताओं ने अंबेडकर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
गोष्ठी की शुरुआत में जिलाधिकारी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर दीप प्रज्ज्वलन किया। फिर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अगर आवाज उठी तो यह आंबेडकर जी के प्रयास की ही देन थी। सामाजिक असमानता को दूर करने, वंचित वर्गों को न्याय दिलाने और संविधान का निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले आंबेडकर जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। अपर जिलाधिकारी राम आसरे, डिप्टी कलेक्टर सुरेश पाल, एसओसी धर्मराज यादव समेत अन्य अधिकारियों ने डॉ भीमराव के व्यक्तित्व और कृतित्व व उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन प्रशासनिक अधिकारी अश्विनी श्रीवास्तव ने किया।
सूचना कार्यालय में भी मनी जयंती
बलिया 14 अप्रैल 2020 ।। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी की 129वी जयंती पर जिला सूचना कार्यालय में भी मंगलवार को सादगी के साथ मनायी गयी। जिसमें प्रधान सहायक/उर्दू अनुवादक श्री फजलुर्रहमान ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। बीआर अंबेडकर ने न सिर्फ संविधान का निर्माण किया बल्कि देश की सबसे बड़ी बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे जिन्होंने भारत में दलित बौद्ध आंदोलन चलाया। डॉ भीम राव अंबेडकर कई प्रतिभाओं और व्यवसायों के व्यक्ति थे। वे एक राजनीतिज्ञ, न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे। इसके अलावा, अंबेडकर दलित बौद्ध आंदोलन के पीछे की ताकत थे। यह व्यक्ति उस समय भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न अन्याय से लड़ने के लिए भावुक थें। अन्याय के खिलाफ इस लड़ाई के तहत, अम्बेडकर ने अछूतों के समर्थन में एक अभियान का नेतृत्व किया। वह स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाने में एक केंद्रीय भूमिका भी निभाई थी। स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में मान्यता प्राप्त, भारतीय गणराज्य की संपूर्ण अवधारणा के निर्माण में अम्बेडकर जी का योगदान बहुत बड़ा है। देश में उनके योगदान और सेवा का सम्मान करने के लिए, उनका जन्मदिन हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। अंबेडकर एक समझदार छात्र और कानून और अर्थशास्त्र के व्यवसायी थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इस अवसर पर देश दीपक यादव, रामाश्रय चौहान, अरूण कुमार व रमाकांत चौहान उपस्थित रहे।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
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निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098