बलिया : मां का दूध बच्चे को देता है कोरोना से लड़ने की ताकत : कोरोना संक्रमित होने या सम्भावना पर बरतें पूरी सावधानी - ध्यान दें.. कोविड-19 के दौरान भी बच्चे को मिले पूर्ण आहार :डॉ एसएम दूबे
मां का दूध बच्चे को देता है कोरोना से लड़ने की ताकत :
कोरोना संक्रमित होने या सम्भावना पर बरतें पूरी सावधानी- ध्यान दें.. कोविड-19 के दौरान भी बच्चे को मिले पूर्ण आहार :डॉ सिद्धार्थ मणि दूबे
बलिया, 08 अप्रैल-2020 ।। कोविड-19 के दौरान भी छोटे बच्चों को पूर्ण आहार मिलता रहे, इस पर ध्यान देना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है, क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी इस बारे में लोगों को जागरूक करने में जुटा है । इस बारे में पोस्टर और पम्पलेट जारी कर जरूरी सावधानी बरतने के प्रति सचेत किया जा रहा है ।
अस्पतालों को भी यह निर्देश है कि यदि मां कोविड-19 से संक्रमित है या उसकी सम्भावना है, तब भी स्वास्थ्य कर्मचारी स्वच्छता के सारे मानकों का पालन करते हुए बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध पिलाना सुनिश्चित करें । इसके साथ ही बच्चे के छह माह का होने तक केवल स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें । इसके अलावा यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड-19 से संक्रमित है या उसकी सम्भावना है तो भी मां उसे पूरी सावधानी के साथ अपना दूध पिलाती रहे । जिला महिला अस्पताल स्थित PP सेंटर (प्रसोतर केंद्र) में कार्यरत नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे का कहना है कि कोरोना वायरस मां के दूध में नहीं पाया जाता परन्तु खांसने या छींकने पर बूंदों और एरोसेल के माध्यम से फैलता है । यदि मां पूरी सावधानी के साथ अपने स्वच्छता व्यवहार पर ध्यान दे तो स्तनपान करने पर भी संक्रमण से बचा जा सकता है ।
बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर पीला गाढ़ा दूध पिलाना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि वही उसका पहला टीका होता है जो कि कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है । इसके अलावा मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं और जिनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है उनको कोरोना से आसानी से बचाया जा सकता है । शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है । इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए, यहाँ तक कि पानी भी नहीं , क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है ।
मास्क पहनकर कराएँ स्तनपान :
बदलते मौसम के दौरान यदि मां बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराये । ऐसी स्थिति में मास्क पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए । खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढक लें । छींकने और खांसने के बाद , बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से 60 सेकण्ड तक धोएं । किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ़ कर लें ।
असमर्थता की स्थिति में कटोरी में अपना दूध निकालकर दें बच्चे को :
यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ़ कटोरी में निकालकर और साफ़ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती है । इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें । इसके बाद अच्छे से साफ़ किये गए कप या चम्मच से ही दूध पिलाएं । यदि स्थिति बहुत ही गंभीर है तो बच्चे को दूध पिलाने और उसकी देखभाल के लिए किसी अन्य महिला की भी मदद ली जा सकती है ।
छह माह से बड़े बच्चों के पूरक आहार का रखें ख्याल :
छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ ही पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है । इस दौरान दाल, दूध, दूध से बने पदार्थ, मौसमी फल और हरी सब्जियां देना चाहिए । लाक डाउन के दौरान ताजे फल या सब्जी न मिल पाए तो अन्य खाद्य सामग्री काम में लायें, बस इतना ख्याल रहे कि बच्चे का हर निवाला पोषण से भरपूर हो ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
कोरोना संक्रमित होने या सम्भावना पर बरतें पूरी सावधानी- ध्यान दें.. कोविड-19 के दौरान भी बच्चे को मिले पूर्ण आहार :डॉ सिद्धार्थ मणि दूबे
बलिया, 08 अप्रैल-2020 ।। कोविड-19 के दौरान भी छोटे बच्चों को पूर्ण आहार मिलता रहे, इस पर ध्यान देना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है, क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी इस बारे में लोगों को जागरूक करने में जुटा है । इस बारे में पोस्टर और पम्पलेट जारी कर जरूरी सावधानी बरतने के प्रति सचेत किया जा रहा है ।
अस्पतालों को भी यह निर्देश है कि यदि मां कोविड-19 से संक्रमित है या उसकी सम्भावना है, तब भी स्वास्थ्य कर्मचारी स्वच्छता के सारे मानकों का पालन करते हुए बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध पिलाना सुनिश्चित करें । इसके साथ ही बच्चे के छह माह का होने तक केवल स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें । इसके अलावा यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड-19 से संक्रमित है या उसकी सम्भावना है तो भी मां उसे पूरी सावधानी के साथ अपना दूध पिलाती रहे । जिला महिला अस्पताल स्थित PP सेंटर (प्रसोतर केंद्र) में कार्यरत नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे का कहना है कि कोरोना वायरस मां के दूध में नहीं पाया जाता परन्तु खांसने या छींकने पर बूंदों और एरोसेल के माध्यम से फैलता है । यदि मां पूरी सावधानी के साथ अपने स्वच्छता व्यवहार पर ध्यान दे तो स्तनपान करने पर भी संक्रमण से बचा जा सकता है ।
बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर पीला गाढ़ा दूध पिलाना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि वही उसका पहला टीका होता है जो कि कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है । इसके अलावा मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं और जिनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है उनको कोरोना से आसानी से बचाया जा सकता है । शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है । इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए, यहाँ तक कि पानी भी नहीं , क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है ।
मास्क पहनकर कराएँ स्तनपान :
बदलते मौसम के दौरान यदि मां बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराये । ऐसी स्थिति में मास्क पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए । खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढक लें । छींकने और खांसने के बाद , बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से 60 सेकण्ड तक धोएं । किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ़ कर लें ।
असमर्थता की स्थिति में कटोरी में अपना दूध निकालकर दें बच्चे को :
यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ़ कटोरी में निकालकर और साफ़ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती है । इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें । इसके बाद अच्छे से साफ़ किये गए कप या चम्मच से ही दूध पिलाएं । यदि स्थिति बहुत ही गंभीर है तो बच्चे को दूध पिलाने और उसकी देखभाल के लिए किसी अन्य महिला की भी मदद ली जा सकती है ।
छह माह से बड़े बच्चों के पूरक आहार का रखें ख्याल :
छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ ही पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है । इस दौरान दाल, दूध, दूध से बने पदार्थ, मौसमी फल और हरी सब्जियां देना चाहिए । लाक डाउन के दौरान ताजे फल या सब्जी न मिल पाए तो अन्य खाद्य सामग्री काम में लायें, बस इतना ख्याल रहे कि बच्चे का हर निवाला पोषण से भरपूर हो ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
एक अपील
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं।
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098