नरही/चितबड़ागांव बलिया : 40 की संख्या में खेतो में भूख व बीमारी से जूझ रहा है बंजारा परिवार, नही पहुंचा पूंछने सरकारी अमला इनका पुरसाहाल
नरही /चितबड़ागांव बलिया : 40 की संख्या में खेतो में भूख व बीमारी से जूझ रहा है बंजारा परिवार, नही पहुंचा पूंछने सरकारी अमला इनका पुरसाहाल
मधुसूदन सिंह
नरही / चितबड़ागांव बलिया 19 अप्रैल 2020 ।। कोरोना वायरस के चलते हुए लांकडाउन में तीन बंजारा परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है अब तो भोजन की भी समस्या उत्पन्न हो गई है गांव के लोगो की मदद से किसी तरफ इन लोगो का गुजारा हो रहा है । पिछले 10 दिनों से पुलिस विभाग द्वारा भी इनकी मदद नही की जा रही है । इनके पास जो पैसे थे खत्म हो गया है पूरा कूनबा परेशान हैं।40 लोग रात में खेत में सोते है और दिन में आम के पेड़ के नीचे समय बिताने को मजबूर हैं। वही एक युवती का जहां गर्भपात होने से हालत खराब है, तो वही एक छोटा बच्चा लू लगने से काफी बीमार है । परिजनों का कहना है कि पैसा नही है तो डॉक्टर को कैसे दिखाए ।जबकि सीएम योगी ने अपने आदेश में साफ कहा है कि घुमन्तु प्रवृत्ति के लोगो का विशेष ध्यान रखा जाय क्योकि उनके पास कोई जमा पूंजी नही होती है ।
सुनिये बीमार बच्चे की मां का बयान
सुनिये कुनबे के मुखिया का बयान
राकेश, सुनील,गोलू आदिवासी निवासी रामगढ़ चुरारा पोस्ट हरसम ऊ थाना नेवाढ़ी जिला टिकमगढ़ मध्य प्रदेश लांकडाउन के पहले बलिया के आस पास यह बंजारा परिवार मासूम बच्ची को रस्सी पर करतब दिखाने का काम कर रहे थे इससे इस परिवार का भरण-पोषण होता था यह परिवार 26 दिन पूर्व चितबड़ागांव थाना अंतर्गत रामपुर चीट गांव के जाने वाले मार्ग के पास व एन एच 31 से 300 मीटर की दूरी पर इस बंजारे परिवार के बच्चों महिलाओं पुरूषों सहि40 की संख्या है।लांकडाउन में यह परिवार 26 दिन से फंसा हुआ है यह परिवार दिन में आम के पेड़ के नीचे जबकि रात को खेत में खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर है लक डाउन के चलते यह अपना कहीं खेल भी नहीं दिखा पा रहे हैं जिससे कि इनको कोई आमदनी हो इनका पैसा खत्म हो चुका है ऊपर से भोजन की भी समस्या है । यह लोग मध्य प्रदेश जाने के लिए परेशान है लेकिन प्रशासन इनको भेजने में असमर्थता जता रहा है । अब आलम यह है कि एक छोटे बच्चे की हालत खराब हो गयी है,लू लग गयी है,वह दस्त कर रहा है लेकिन इन लोगो की कोई सुधि लेने वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी नही पहुंचा है । लॉक डाउन शुरू होने के समय से ही स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को इनके यहां रहने की जानकारी है ,कुछ दिन भोजन भी कराये है ,लेकिन किसी ने भी इनको किसी सुरक्षित जगह क्वारंटाइन के लिये रखने में दिलचस्पी नही दिखाई नतीजा आज एक अबोध की हालत खराब होने लगी है ।
प्रशासन को इन बंजारों को किसी विद्यालय में रखने की व्यवस्था करनी चाहिए तथा मासूम बच्चों को कोई दिक्कत ना हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए ऐसी विकट परिस्थिति में इन परिवारो के सामने भोजन की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
मधुसूदन सिंह
नरही / चितबड़ागांव बलिया 19 अप्रैल 2020 ।। कोरोना वायरस के चलते हुए लांकडाउन में तीन बंजारा परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है अब तो भोजन की भी समस्या उत्पन्न हो गई है गांव के लोगो की मदद से किसी तरफ इन लोगो का गुजारा हो रहा है । पिछले 10 दिनों से पुलिस विभाग द्वारा भी इनकी मदद नही की जा रही है । इनके पास जो पैसे थे खत्म हो गया है पूरा कूनबा परेशान हैं।40 लोग रात में खेत में सोते है और दिन में आम के पेड़ के नीचे समय बिताने को मजबूर हैं। वही एक युवती का जहां गर्भपात होने से हालत खराब है, तो वही एक छोटा बच्चा लू लगने से काफी बीमार है । परिजनों का कहना है कि पैसा नही है तो डॉक्टर को कैसे दिखाए ।जबकि सीएम योगी ने अपने आदेश में साफ कहा है कि घुमन्तु प्रवृत्ति के लोगो का विशेष ध्यान रखा जाय क्योकि उनके पास कोई जमा पूंजी नही होती है ।
सुनिये बीमार बच्चे की मां का बयान
राकेश, सुनील,गोलू आदिवासी निवासी रामगढ़ चुरारा पोस्ट हरसम ऊ थाना नेवाढ़ी जिला टिकमगढ़ मध्य प्रदेश लांकडाउन के पहले बलिया के आस पास यह बंजारा परिवार मासूम बच्ची को रस्सी पर करतब दिखाने का काम कर रहे थे इससे इस परिवार का भरण-पोषण होता था यह परिवार 26 दिन पूर्व चितबड़ागांव थाना अंतर्गत रामपुर चीट गांव के जाने वाले मार्ग के पास व एन एच 31 से 300 मीटर की दूरी पर इस बंजारे परिवार के बच्चों महिलाओं पुरूषों सहि40 की संख्या है।लांकडाउन में यह परिवार 26 दिन से फंसा हुआ है यह परिवार दिन में आम के पेड़ के नीचे जबकि रात को खेत में खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर है लक डाउन के चलते यह अपना कहीं खेल भी नहीं दिखा पा रहे हैं जिससे कि इनको कोई आमदनी हो इनका पैसा खत्म हो चुका है ऊपर से भोजन की भी समस्या है । यह लोग मध्य प्रदेश जाने के लिए परेशान है लेकिन प्रशासन इनको भेजने में असमर्थता जता रहा है । अब आलम यह है कि एक छोटे बच्चे की हालत खराब हो गयी है,लू लग गयी है,वह दस्त कर रहा है लेकिन इन लोगो की कोई सुधि लेने वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी नही पहुंचा है । लॉक डाउन शुरू होने के समय से ही स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को इनके यहां रहने की जानकारी है ,कुछ दिन भोजन भी कराये है ,लेकिन किसी ने भी इनको किसी सुरक्षित जगह क्वारंटाइन के लिये रखने में दिलचस्पी नही दिखाई नतीजा आज एक अबोध की हालत खराब होने लगी है ।
प्रशासन को इन बंजारों को किसी विद्यालय में रखने की व्यवस्था करनी चाहिए तथा मासूम बच्चों को कोई दिक्कत ना हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए ऐसी विकट परिस्थिति में इन परिवारो के सामने भोजन की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं।
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098