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स्व बच्चा पाठक : बलिया की ऐसी राजनैतिक शख्सियत जिसने सात बार किया बांसडीह विधानसभा का प्रतिनिधित्व, पंचायत चुनाव (प्रधानी) से शुरू हुआ राजनीति का सफर और पहुंचा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में

स्व बच्चा पाठक : बलिया की ऐसी राजनैतिक शख्सियत जिसने सात बार किया बांसडीह विधानसभा का प्रतिनिधित्व,पंचायत चुनाव (प्रधानी) से शुरू हुआ राजनीति का सफर और पहुंचा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में






आपातकाल के दौर में भी जीतकर बनायी पहचान
बलिया 23 अप्रैल 2020 ।।  शेर-ए-पूर्वांचल के नाम से प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश के कद्दावर राजनेता बच्चा पाठक जो 11 मई 1930 को अपनी बगावती तेवर के लिए पूरे विश्व में जानी जाने वाली बागी बलिया के बांसडीह तहसील अंतर्गत रेवती ब्लाक के खानपुर गांव में जन्मे थे,की तीसरी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजली देने के साथ ही परिजनों द्वारा अस्पतालो में मरीजो के मध्य फल वितरित किया गया ।
राजनैतिक सफर
      पूर्वमंत्री बच्चा पाठक के राजनीतिक जीवन की शुरूआत 60 के दशक में गांव के प्रधानी से हुई। इसके बाद वे रेवती के ब्लाक प्रमुख और फिर विधायक और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री तक बने।

          बच्चा पाठक ने वर्ष 1967 में बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा। हालांकि तब वे बैजनाथ सिंह से चुनाव हार गये। 1969 में फिर चुनाव हुआ और बच्चा पाठक ने विजय बहादुर को हराकर जीत दर्ज की। इसके बाद से बच्चा पाठक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1974 में उस जमाने के जिले के प्रतिष्ठित व बड़े कद के नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को हराकर बच्चा पाठक ने अपना लोहा मनवाया तथा कांग्रेस में उनका कद बढ़ा। 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में चली आंधी में भी पूरे पूर्वांचल में बच्चा पाठक ने अपने नाम का डंका बजवाया। 1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने। कुछ दिनो तक पीडब्ल्यूडी मंत्री रहने के बाद फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये। राजनीति में बच्चा पाठक दुश्मन को भी अपना दोस्त समझते थे। वर्ष 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बाद भी राजनीति में सक्रिय रहे। नतीजा यह कि पुन: 1991, 1993, 1996 में विधायक चुने गये। 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये थे।
           अपातकाल के बाद जब कांग्रेस की पराजय हुई उस वक्त भी बच्चा पाठक ने बांसडीह सीट से जीत दर्ज की। इस कामयाबी ने उन्हें कांग्रेस में ऊंचे पायदान पर स्थापित कर दिया। इस जीत की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें दस जनपथ में अपने हाथों सम्मानित किया था। 80 के दशक में वे विजयलक्ष्मी से पराजित हुए तथा इनका टिकट कटा। इसके बाद 90 का दशक बच्चा पाठक के नाम रहा। हालांकि कांग्रेस छोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस में जाने का उनका निर्णय गलत साबित हुआ। इसके बाद वे पहले रामगोविन्द और फिर शिवशंकर चौहान के हाथों हार गये। बीते विधानसभा चुनाव में बच्चा पाठक ने सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी रामगोविन्द चौधरी के पक्ष में न सिर्फ कई जनसभाएं कीं बल्कि उनकी जीत का मजबूत आधार भी तैयार किया।
   कब कब रहें विधायक व मंत्री

             बच्चा पाठक बांसडीह सीट से कांग्रेस के टिकट पर सात बार विधायक रहे। आंकड़ों के मुताबिक वे 1969, 1974, 1977, 1980, 1991, 1993 तथा 1996 में विधायक चुने गये थे। इसके अलावा वे सरकार में 1980 से 1985 लोक निर्माण व सहकारिता मंत्री तथा 1996 से 2002 पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री रहे।
बच्चा पाठक बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सात बार विधायक रहे। 1980 से 1985 लोक निर्माण व सहकारिता और 1996 से 2002 पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री रहे।
                दिग्गज कांग्रेसी नेता बच्चा पाठक 1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद जीत दर्ज कर फिर चर्चा में आये और ‘ शेर ए पूर्वांचल 'के नाम से जाने जाने लगे.
   स्वर्गीय संतविश्वनाथ दास जी इनके राजनीतिक गुरू व मार्गदर्शक रहें जिन्होंने ब्लाक प्रमुख से लेकर विधायकी के टिकट तक दिलवाने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |
                बच्चा पाठक अपने लोगों के लिए पक्ष के पहाड़ थे इसका प्रमाणस्वरूप बांसडीह विधान सभा के सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोग है जो सहकारिता विभाग व शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी कर रहे हैं । जिसमें कुछ सेवानिवृत्त हो गया तथा कुछ अभी कार्यरत है ।
             पंडित बच्चा पाठक जी का बांसडीह विधान सभा में शिक्षा के अति महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, आजीवन ये दर्जनों विद्यालयों के प्रबंधक व प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पद को सुशोभित किए ।

     इस तरह यह युग पुरुष व महान राजनीतिक पुरोधा 23 अप्रैल 2017 को इस दुनिया से सदा सदा के लिए विदा हो गया रही तो केवल स्मृतियां...






बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील

कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत




यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है

डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए











एक अपील 
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना  लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं। 
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098