बिहार से बड़ी खबर : ईमानदारी पूर्वक ड्यूटी करने पर करनी पड़ेगी उठक बैठक,क्योकि यहां है सुशासन बाबू का जो राज
बिहार से बड़ी खबर : ईमानदारी पूर्वक ड्यूटी करने पर करनी पड़ेगी उठक बैठक,क्योकि यहां है सुशासन बाबू का जो राज
बुजुर्ग होमगार्ड की बस इतनी गलती है की लॉक डाउन के दौरान इसने ज़िला कृषि पदाधिकारी , अररिया (DAO) की तलाशी ले ली
ए कुमार
अररिया बिहार 21 अप्रैल 2020 : ये वीडियो अररिया जिले का है । लॉक-डाउन का पालन हो इसके लिए चेकिंग लगायी गयी थी लेकिन एक होम गार्ड के जवान सिविल ड्रेस में जा रहे कृषि अधिकारी को नही पहचान पाया और गाड़ी का पास मांग बैठा । फिर क्या था, अधिकारी ने तुरंत किसी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को बुलाया और बेचारे होमगार्ड से बीच सड़क पर ही उठा-बैठक शुरू करा दिया गया ।
इस बुजुर्ग होमगार्ड की बस इतनी गलती है की लॉक डाउन के दौरान इसने ज़िला कृषि पदाधिकारी , अररिया (DAO) की तलाशी ले ली ।ये बात DAO साहेब को बिल्कुल भी अच्छी नही लगी क्योकि साहब एक पदाधिकारी जो ठहरे , DAO साहेब आग बबूला हो गए और होमगार्ड जवान को बीच सड़क पर ही उठक बैठक करा दी ।
इस घटना में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की जब लॉक डाउन के दौरान पुलिस महकमा से सख्ती बरतने को कहा गया है और एक होमगार्ड के जवान ने अपना काम ईमानदारी से किया तो उसे इस तरह ज़लील करना क्या एक ओछी मानसिकता का परिचायक नही है । इस समय भी कोई अपने पहुंच और रौब दिखाता है तो इससे गिरा हुआ व्यक्ति कोई हो ही नही सकता है । यह उस सीएम के राज में हुआ है जिसको लोग सुशासन बाबू के नाम से जानते है । अब देखना है कि सीएम नीतीश कुमार इस पर न्याय करते है कि नही । इस वीडियो को देखने के बाद तो यही कहेंगे कि बिहार के इस प्रकरण में तुलसी दास की चौपाई सटीक बैठ रही है - समरथ के नहि दोष गोसाई .....
बुजुर्ग होमगार्ड की बस इतनी गलती है की लॉक डाउन के दौरान इसने ज़िला कृषि पदाधिकारी , अररिया (DAO) की तलाशी ले ली
ए कुमार
अररिया बिहार 21 अप्रैल 2020 : ये वीडियो अररिया जिले का है । लॉक-डाउन का पालन हो इसके लिए चेकिंग लगायी गयी थी लेकिन एक होम गार्ड के जवान सिविल ड्रेस में जा रहे कृषि अधिकारी को नही पहचान पाया और गाड़ी का पास मांग बैठा । फिर क्या था, अधिकारी ने तुरंत किसी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को बुलाया और बेचारे होमगार्ड से बीच सड़क पर ही उठा-बैठक शुरू करा दिया गया ।
इस बुजुर्ग होमगार्ड की बस इतनी गलती है की लॉक डाउन के दौरान इसने ज़िला कृषि पदाधिकारी , अररिया (DAO) की तलाशी ले ली ।ये बात DAO साहेब को बिल्कुल भी अच्छी नही लगी क्योकि साहब एक पदाधिकारी जो ठहरे , DAO साहेब आग बबूला हो गए और होमगार्ड जवान को बीच सड़क पर ही उठक बैठक करा दी ।
इस घटना में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की जब लॉक डाउन के दौरान पुलिस महकमा से सख्ती बरतने को कहा गया है और एक होमगार्ड के जवान ने अपना काम ईमानदारी से किया तो उसे इस तरह ज़लील करना क्या एक ओछी मानसिकता का परिचायक नही है । इस समय भी कोई अपने पहुंच और रौब दिखाता है तो इससे गिरा हुआ व्यक्ति कोई हो ही नही सकता है । यह उस सीएम के राज में हुआ है जिसको लोग सुशासन बाबू के नाम से जानते है । अब देखना है कि सीएम नीतीश कुमार इस पर न्याय करते है कि नही । इस वीडियो को देखने के बाद तो यही कहेंगे कि बिहार के इस प्रकरण में तुलसी दास की चौपाई सटीक बैठ रही है - समरथ के नहि दोष गोसाई .....