नागपुर : बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत : कोरोना के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़नी है जंग,हमारी सेवा का आधार है अपनत्व की भावना,स्नेह व प्रेम,130 करोड़ का समाज भारत माता का पुत्र
बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत : कोरोना के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़नी है जंग,हमारी सेवा का आधार है अपनत्व की भावना,स्नेह व प्रेम
ए कुमार
नागपुर 26 अप्रैल 2020 ।। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सभी को सामूहिक रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सब अपने हैं। हम मनुष्यों में भेद नहीं करते। सेवा में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती है। जो भी सेवा के काम में लगे हैं, उन्हें साथ में लेकर काम करना है। हमारी सेवा का आधार अपनत्व की भावना, स्नेह और प्रेम है।
संघ प्रमुख ने कहा- काम करते-करते हम बीमार ना हों, इसका भी ध्यान रखना है। हाथ धोना, मास्क लगाना, दवा लेना ये जरूरी है। बहुत सावधानी पूर्वक और सजगता से काम करना होगा। जिसे आवश्यकता है, उसके पास मदद पहुंचे, ऐसा काम करना होगा।
भागवत ने कहा कि अपनी सेवा के दायरे में हर कोई आ जाए, अनुशासन को इतना लचीला रखना है। आदतें भी लोगों की ठीक रखनी चाहिए। लोगों को अनुभव हो गया है और वे तैयार हैं तो हमें भी अच्छाई का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें धैर्य रखना है। कितने दिन की नहीं सोचना है, लगातार करते रहना है। विदुरनीति में कहा गया है कि जिस पुरुष को अपनी जीत चाहिए, अपना अच्छा चाहिए उसे 6 दोषों को खत्म करना होता है। आलस्य और दीर्घ सूत्रता काम की नहीं है, तत्परता चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ने आलस्य नहीं किया और जल्द फैसला लिया। निद्रा और तंद्रा यानी असावधानी। सोच-समझकर काम करना। भय और क्रोध को टालना। लोगों को भय है कि क्वारैंटाइन में डाल देंगे तो छिपने का प्रयास करते हैं। नियमों में बांध दिया तो भावना उनकी यह रहती है कि हम पर ऐसा कुछ ना हो। भड़काने वाले भी कम नहीं है, इसकी वजह से क्रोध होता है और फिर अतिवादी कृत्य होते हैं। इसका लाभ लेने वाले लोग हैं। जो इसे दूसरे भावों पर परिवर्तित करके लाभ लेने का प्रयास करते हैं.
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि किसी ने भयवश या क्रोध वक्त किसी ने कुछ कर दिया तो हमें यह ध्यान रखना है कि हमारे देश का विषय है और हमारी भावना सहयोग की रहेगी, विरोध की नहीं रहेगी। राजनीतिक आ जाती है, जिन्हें करना है वो करते रहेंगे। 130 करोड़ का समाज भारत माता का पुत्र है और हमारा बंधु है। अगर कोई घटना होती है तो प्रतिक्रिया नहीं देनी है। भय और क्रोधवश होने वाले कृत्यों में हमें नहीं होना है और ये सभी अपने समाज को बताएं। दो संन्यासियों की हत्या हुई, उसे लेकर बयानबाजी हो रही है। लेकिन, ये कृत्य होना चाहिए क्या, कानून हाथ में किसी को लेना चाहिए क्या, पुलिस को क्या करना चाहिए? संकट के वक्त ऐसे किंतु, परंतु होते हैं, भेद और स्वार्थ होता है। हमें इन पर ध्यान ना देते हुए देशहित में सकारात्मक बनकर रहना चाहिए।
संघ प्रमुख ने लोगों से लंबे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी लोगों को घर में रहकर ही जंग जीतनी है. साथ ही उन्होंने कहा है घर में रहकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. उन्होंने कहा कि घर में रहें और ईश्वर से प्रार्थना करें.
संघ प्रमुख ने कहा कि ये हमारा समाज है, ये हमारा देश है, इसलिए काम कर रहे हैं. कुछ बातें सभी के लिए स्पष्ट है. .नई बीमारी है, इसलिए सबकुछ पता नहीं है. ऐसे में अनुमति लेकर, सावधानी बरतकर काम करें. थकना नहीं चाहिए, प्रयास करते रहना चाहिए.
अपने संबोधन में ऐसेे माहौल में सकारात्मकता की ओर ध्यान दिलाते हुए संघ प्रमुख ने बताया कि पर्यावरण में काफी शुद्धता आई है वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है ऐसे में हमारा ये चिंतन होना चाहिए कि ये सुधार आगे भी कैसे चले ?. इस पर विचार होना चाहिए। समाज में तभी सकारात्म बदलाव ला सकते हैं जब शासन, प्रशासन और जनता का आचरण तीनों मिलकर काम करें। तभी बदलाव संभव हो पायेगा। संघ प्रमुख ने कहा कि नागरिक अनुशासन का पालन करना होगा। समाज में सदभाव का वातावरण तैयार करना होगा। राजनीतिक लोग राजनीति को स्वार्थ मूलक से हटाकर देश हित के मूलक बनाएंगे सारे विश्व के हित वाला देश बनाने के लिए हमें आचरण करना होगा। हमारी भूमिका संकट को अवसर बनाकर एक नए भारत का उत्थान करने की होनी चाहिए।।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
ए कुमार
नागपुर 26 अप्रैल 2020 ।। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सभी को सामूहिक रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सब अपने हैं। हम मनुष्यों में भेद नहीं करते। सेवा में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती है। जो भी सेवा के काम में लगे हैं, उन्हें साथ में लेकर काम करना है। हमारी सेवा का आधार अपनत्व की भावना, स्नेह और प्रेम है।
संघ प्रमुख ने कहा- काम करते-करते हम बीमार ना हों, इसका भी ध्यान रखना है। हाथ धोना, मास्क लगाना, दवा लेना ये जरूरी है। बहुत सावधानी पूर्वक और सजगता से काम करना होगा। जिसे आवश्यकता है, उसके पास मदद पहुंचे, ऐसा काम करना होगा।
भागवत ने कहा कि अपनी सेवा के दायरे में हर कोई आ जाए, अनुशासन को इतना लचीला रखना है। आदतें भी लोगों की ठीक रखनी चाहिए। लोगों को अनुभव हो गया है और वे तैयार हैं तो हमें भी अच्छाई का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें धैर्य रखना है। कितने दिन की नहीं सोचना है, लगातार करते रहना है। विदुरनीति में कहा गया है कि जिस पुरुष को अपनी जीत चाहिए, अपना अच्छा चाहिए उसे 6 दोषों को खत्म करना होता है। आलस्य और दीर्घ सूत्रता काम की नहीं है, तत्परता चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ने आलस्य नहीं किया और जल्द फैसला लिया। निद्रा और तंद्रा यानी असावधानी। सोच-समझकर काम करना। भय और क्रोध को टालना। लोगों को भय है कि क्वारैंटाइन में डाल देंगे तो छिपने का प्रयास करते हैं। नियमों में बांध दिया तो भावना उनकी यह रहती है कि हम पर ऐसा कुछ ना हो। भड़काने वाले भी कम नहीं है, इसकी वजह से क्रोध होता है और फिर अतिवादी कृत्य होते हैं। इसका लाभ लेने वाले लोग हैं। जो इसे दूसरे भावों पर परिवर्तित करके लाभ लेने का प्रयास करते हैं.
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि किसी ने भयवश या क्रोध वक्त किसी ने कुछ कर दिया तो हमें यह ध्यान रखना है कि हमारे देश का विषय है और हमारी भावना सहयोग की रहेगी, विरोध की नहीं रहेगी। राजनीतिक आ जाती है, जिन्हें करना है वो करते रहेंगे। 130 करोड़ का समाज भारत माता का पुत्र है और हमारा बंधु है। अगर कोई घटना होती है तो प्रतिक्रिया नहीं देनी है। भय और क्रोधवश होने वाले कृत्यों में हमें नहीं होना है और ये सभी अपने समाज को बताएं। दो संन्यासियों की हत्या हुई, उसे लेकर बयानबाजी हो रही है। लेकिन, ये कृत्य होना चाहिए क्या, कानून हाथ में किसी को लेना चाहिए क्या, पुलिस को क्या करना चाहिए? संकट के वक्त ऐसे किंतु, परंतु होते हैं, भेद और स्वार्थ होता है। हमें इन पर ध्यान ना देते हुए देशहित में सकारात्मक बनकर रहना चाहिए।
संघ प्रमुख ने लोगों से लंबे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी लोगों को घर में रहकर ही जंग जीतनी है. साथ ही उन्होंने कहा है घर में रहकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. उन्होंने कहा कि घर में रहें और ईश्वर से प्रार्थना करें.
संघ प्रमुख ने कहा कि ये हमारा समाज है, ये हमारा देश है, इसलिए काम कर रहे हैं. कुछ बातें सभी के लिए स्पष्ट है. .नई बीमारी है, इसलिए सबकुछ पता नहीं है. ऐसे में अनुमति लेकर, सावधानी बरतकर काम करें. थकना नहीं चाहिए, प्रयास करते रहना चाहिए.
अपने संबोधन में ऐसेे माहौल में सकारात्मकता की ओर ध्यान दिलाते हुए संघ प्रमुख ने बताया कि पर्यावरण में काफी शुद्धता आई है वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है ऐसे में हमारा ये चिंतन होना चाहिए कि ये सुधार आगे भी कैसे चले ?. इस पर विचार होना चाहिए। समाज में तभी सकारात्म बदलाव ला सकते हैं जब शासन, प्रशासन और जनता का आचरण तीनों मिलकर काम करें। तभी बदलाव संभव हो पायेगा। संघ प्रमुख ने कहा कि नागरिक अनुशासन का पालन करना होगा। समाज में सदभाव का वातावरण तैयार करना होगा। राजनीतिक लोग राजनीति को स्वार्थ मूलक से हटाकर देश हित के मूलक बनाएंगे सारे विश्व के हित वाला देश बनाने के लिए हमें आचरण करना होगा। हमारी भूमिका संकट को अवसर बनाकर एक नए भारत का उत्थान करने की होनी चाहिए।।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं।
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098