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गुजरात मे फंसे बलिया के युवकों ने बलिया एक्सप्रेस से लगाई गुहार : सप्ताह भर से चना का भुजा खाकर व शर्बत पीकर जी रहे है सभी,गुजरात सरकार से नही मिल रहा है सहयोग,योगी जी तक गुहार पहुंचाने की विनती करी

 गुजरात मे फंसे बलिया के युवकों ने बलिया एक्सप्रेस से लगाई गुहार : सप्ताह भर से चना का भुजा खाकर व शर्बत पीकर जी रहे है सभी,गुजरात सरकार से नही मिल रहा है सहयोग,योगी जी तक गुहार पहुंचाने की विनती करी
संतोष द्विवेदी

नगरा बलिया 28 अप्रैल 2020 ।। एक तरफ यूपी की योगी सरकार है जो दूसरे प्रान्तों के लोगो को जो लॉक डाउन के चलते फंस गये है, को भोजन व रहने का निःशुल्क प्रबंध कर रही है । वही यूपी के लोग भाजपा की ही गुजरात में सरकार होने के बावजूद भूखों मरने की स्थिति में पहुंच गये है । आलम यह है कि गैस खत्म है , राशन खत्म है , पैसे खत्म है ,लेकिन गुजरात सरकार की तरफ से कोई सहयोग नही है । इतना जरूर है कि कमरे से निकलते ही गुजरात पुलिस लट्ठ लेकर इन गरीब मजदूरों की ठुकाई के लिये जरूर तैयार खड़ी है । यहां फंसे मजदूरों ने सीएम योगी से वापस बलिया लाने की गुहार लगाई है ।
वैश्विक महामारी का रुप धारण कर चुके कोरोना वायरस कोविड -19 से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन के चलते गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र में नगरा, भीमपुरा व सिकंदरपुर क्षेत्र के अलावा मऊ जनपद के सैकडों श्रमिक युवक फंसे हुए हैं। लॉक डाउन में इन युवकों के सामने रोजी रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। इन्हीं मजदूरों में गुजरात के राजकोट में फंसे भिटूकुना निवासी मजदूर अच्छेलाल ने बलिया एक्सप्रेस के विशेष संवाददाता से सोशल मीडिया पर अपनी आप बीती सुनाई। अच्छेलाल की आपबीती सुनने के बाद संवाददाता ने पूरी स्थिति की जानकारी ली और उन्हें ग्राम प्रधान मनोज सिंह का नंबर उपलब्ध कराने के साथ ही शासन द्वारा नामित नोडल अफसरो का मोबाइल नंबर दिया। इसके बाद राजकोट, बडोदरा, सूरत में फंसे भीटकुना ग्राम के दो दर्जन मजदूर ग्राम प्रधान मनोज सिंह से सहायता की गुहार लगाई है। ग्राम प्रधान के मोबाइल पर फोन करके गुजरात में फंसे अच्छेलाल, नागेंद्र, ब्रजेश सहित दर्जन भर मजदूरों ने अपनी आपबीती बयां की है। वहीं युवकों ने संवाददाता को वहा फंसे मजदूरों के नाम की सूची कॉपी पर लिखकर व्हाट्सएप पर भेजी है ।
         ग्राम प्रधान के मुताबिक मजदूरों ने बताया है कि गत एक सप्ताह से वे केवल चना खाकर व शरबत पी कर ही अपना जीवन गुजार रहे हैं। शुरुआती दौर में गुजरात सरकार ने अपनी तरफ से भोजन की व्यवस्था की थी लेकिन लॉक डाउन बढ़ने के साथ ही सरकारी सहायता बंद कर दी गई है। अब हम सभी चना का दाना व शरबत के सहारे येन केन प्रकारेण जीवन जी रहे हैं। प्रधान के अनुसार कर्नाटक में फंसे मजदूरों ने बताया कि बिस्कुट खा कर ही रह रहे हैं। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन ने सामुदायिक शौचालय भी बंद कर दिया है। बाहर निकलने पर पुलिस की लाठी खानी पड़ रही है। मजदूरों ने बलिया एक्सप्रेस के अलावा ग्राम प्रधान को यह भी जानकारी दिया है कि सहायता के लिए नोडल अधिकारियों का जो नंबर दिया गया है वह नंबर बंद मिल रहे हैं। यहां तक की सीएम हेल्प लाइन नंबर 1076 भी अमान्य बता रहा है ग्राम प्रधान ने बताया कि गुजरात व कर्नाटक में फंसें गांव के श्रमिकों की सहायता के लिए उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा हैं। बलिया ज़िला प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यो में फंसे लोगो को सूचीबद्ध करने के लिए जारी किए गए लिंक को विशेष संवाददाता द्वारा श्रमिक युवकों को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा बलिया के युवकों के साथ मऊ जनपद के भी सैकड़ों युवक फंसे हुए है। जिन्हे अपने घर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। अच्छेलाल के अनुसार बलिया के लगभग 150 व गाजीपुर व मऊ के लगभग 300 , कुल 450 से अधिक लोग किसी तरह जिंदा है । गुजरात सरकार से 15 दिनों से कोई सहायता नही मिली है ।




बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील

कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत




यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है

डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए











एक अपील 
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना  लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं। 
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098