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नईदिल्ली : लॉकडाउन में मां की अर्थी को कंधा देने के लिए बेटे को मुश्किल से मिल सके चार कंधे


लॉकडाउन में मां की अर्थी को कंधा देने के लिए बेटे को मुश्किल से मिल सके चार कंधे
ए कुमार


नईदिल्ली 29 अप्रैल 2020 ।।
कोरोना महामारी ने लोगो को इस कदर भयभीत कर दिया है कि लोग अब सामाजिकता को भी तिलांजलि देते नजर आ रहे है । कोरोना से पहले जिन सफल लोगो के पास मरने के लिये भी समय नही था, वे आज कोरोना से जान बचाने के लिये अपने अपने घरों में मौत से बचने के लिये छुपे बैठे हुए है । दिल्ली में आज दो लोगो ने मानवता को श्मशानघाट पर तो बचा लिया लेकिन मुहल्लों वालो की संवेदनशीलता से मानवता शर्मसार हो गयी । बताया जाता है कि दिल्ली में एक वृद्ध महिला की मौत के बाद उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए चार कंधे भी मुश्किल से ही मिल सके। वृद्धा कोरोना कि मरीज नहीं थी, फिर भी कोरोना की दहशत और लाकडाउन की वजह से पड़ोसी भी उसके अंतिम संस्कार में नहीं आए। महिला का बेटा और बेटी अपनी मां के शव को एक वाहन में लेकर निगमबोध घाट पहुंचे। यहां भी अंतिम यात्रा के लिए कोई कंधा देने वाला उनके साथ नहीं था, लेकिन तभी नर सेवा, नारायण सेवा संस्था के दो सदस्य और निगमबोध घाट का एक कर्मचारी उनकी मदद के लिए आगे आए। 




बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील

कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत




यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है

डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए











एक अपील 
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना  लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं। 
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098