बलिया में सबसे बड़ा सवाल : क्या प्रशांत उपाध्याय के यहां से दवा लाने वाले दुकानदार व सभी स्टाफ सपरिवार हुए है क्वारंटाइन ? देवी दवा संगम को आखिर क्यों नही बन्द करा पा रहे है अभिहीत अधिकारी
बलिया में सबसे बड़ा सवाल : क्या प्रशांत उपाध्याय के यहां से दवा लाने वाले दुकानदार व सभी स्टाफ सपरिवार हुए है क्वारंटाइन ? देवी दवा संगम को आखिर क्यों नही बन्द करा पा रहे है अभिहीत अधिकारी
मधुसूदन सिंह
बलिया 28 अप्रैल 2020 ।। वाराणसी के कोरोना पॉजिटिव दवा व्यवसायी प्रशांत उपाध्याय के साथ व्यापार करने वाले बलिया के प्रमुख व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों के प्रशासन की सख्ती के बाद बन्द होने से एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब ये लोग अपने से दुकानें नही बन्द कर रहे थे तो क्या जरूरी है कि ये लोग स्वयं व अपने सभी स्टाफों के परिजनों के साथ होम क्वारंटाइन में होंगे ? वही एक महिला दवा व्यवसायी का नाम भी प्रशांत उपाध्याय के यहां से दवा लाने वालों में शुमार होने के बावजूद इनकी दुकान पानी टंकी चौराहे पर कैसे खुल रही है ? यही नही यह दुकान प्रशासन से मिले 7 बजे से 7 बजे तक कि समयावधि के बाद भी दवा बेचती है लेकिन न तो अभिहीत अधिकारी , न ही प्रशासन रोक लगाता है , आखिर क्यों ? क्या इस दुकान की मालकिन को अपने सभी स्टाफों के साथ होम क्वारंटाइन में नही रहना चाहिये ? इस कोरोना संक्रमण के दौर में अभिहीत अधिकारी की भूमिका चाहे किराना दुकानदारों के चयन का हो या दवा की दुकानों के चयन का हो ,संदिग्ध नजर आयी है ।
वाराणसी के दवा व्यवसायी के कोरोना संक्रमित होने की खबर मिलने के बाद भी उससे संबंधित दुकानदारों को अगर अभिहीत अधिकारी तत्काल बन्द नही करा पाते है और इसके लिये पुलिस को आगे आना पड़ता है, तो निश्चित ही इनकी कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आती है । अब तक इनको चाहिये था कि सभी दुकानदारों व इनके समस्त स्टाफों की सूची लेकर सम्बंधित थानाध्यक्षो को सौप देनी चाहिये थी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ये लोग होम क्वारंटाइन में है कि नही । अन्यथा अगर इन दुकानदारों के द्वारा बलिया में कोरोना का संक्रमण फैलता है तो इसमें अभिहीत अधिकारी की लापरवाही प्रमुख कारणों में से एक होगी ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
मधुसूदन सिंह
बलिया 28 अप्रैल 2020 ।। वाराणसी के कोरोना पॉजिटिव दवा व्यवसायी प्रशांत उपाध्याय के साथ व्यापार करने वाले बलिया के प्रमुख व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों के प्रशासन की सख्ती के बाद बन्द होने से एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब ये लोग अपने से दुकानें नही बन्द कर रहे थे तो क्या जरूरी है कि ये लोग स्वयं व अपने सभी स्टाफों के परिजनों के साथ होम क्वारंटाइन में होंगे ? वही एक महिला दवा व्यवसायी का नाम भी प्रशांत उपाध्याय के यहां से दवा लाने वालों में शुमार होने के बावजूद इनकी दुकान पानी टंकी चौराहे पर कैसे खुल रही है ? यही नही यह दुकान प्रशासन से मिले 7 बजे से 7 बजे तक कि समयावधि के बाद भी दवा बेचती है लेकिन न तो अभिहीत अधिकारी , न ही प्रशासन रोक लगाता है , आखिर क्यों ? क्या इस दुकान की मालकिन को अपने सभी स्टाफों के साथ होम क्वारंटाइन में नही रहना चाहिये ? इस कोरोना संक्रमण के दौर में अभिहीत अधिकारी की भूमिका चाहे किराना दुकानदारों के चयन का हो या दवा की दुकानों के चयन का हो ,संदिग्ध नजर आयी है ।
वाराणसी के दवा व्यवसायी के कोरोना संक्रमित होने की खबर मिलने के बाद भी उससे संबंधित दुकानदारों को अगर अभिहीत अधिकारी तत्काल बन्द नही करा पाते है और इसके लिये पुलिस को आगे आना पड़ता है, तो निश्चित ही इनकी कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आती है । अब तक इनको चाहिये था कि सभी दुकानदारों व इनके समस्त स्टाफों की सूची लेकर सम्बंधित थानाध्यक्षो को सौप देनी चाहिये थी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ये लोग होम क्वारंटाइन में है कि नही । अन्यथा अगर इन दुकानदारों के द्वारा बलिया में कोरोना का संक्रमण फैलता है तो इसमें अभिहीत अधिकारी की लापरवाही प्रमुख कारणों में से एक होगी ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
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निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098