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नाखूनों के बीच जमी मैल में हो सकता है अदृश्य शत्रु कोरोना- डॉ0 के0 डी0 प्रसाद



बलिया ।। कोरोना वायरस यानि कोविड-19 के खिलाफ जंग में सजगता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है । लड़ाई जब एक अदृश्य और अनजान वायरस के खिलाफ चल रही हो तो हमें हर एक छोटे-बड़े मोर्चों पर सतर्क रहना होगा तभी हम खुद के साथ घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित रख सकेंगे । इसलिए आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपके नाखूनों के बीच जमा मैल में भी कोरोना वायरस या बैक्टीरिया हो सकते हैं जो कि खाते-पीते समय मुंह के रास्ते पेट तक पहुँच सकते हैं और इस लड़ाई में आपको कमजोर कर सकते हैं ।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहाँ इस मुश्किल दौर में हर किसी को सुरक्षित बनाने को लेकर तरह-तरह की अपील की जा रही है वहीँ इस बारे में भी जागरूक किया जा रहा है कि अगर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना है तो नाखूनों को छोटा रखें ।
इस बारे में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के डी प्रसाद का कहना है कि हमारे नाखूनों के बीच मैल (गंदगी) बड़े आसानी से जमा हो जाती है । इस मैल में वायरस या बैक्टीरिया भी हो सकते हैं । इसलिए नाखून को छोटा रखें और हाथ अच्छी तरह से धोएं । बहुत से लोगों की आदत नाखूनों को चबाने की होती है, जो कि बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है, उससे तौबा करने में ही भलाई है । कोरोना वायरस को पूरी तरह से मात देने वाली वैक्सीन जब तक नहीं मिल जाती तब तक तो हमें इन्हीं छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखते हुए सजगता के साथ लड़ाई लड़नी है ।
बरतें जरूरी सावधानी –
– साबुन-पानी से बार-बार अच्छी तरह से हाथ धुलें और सैनिटाइजर का भी प्रयोग करें।
– बाहर निकलें तो मास्क, गमछा या रूमाल से मुंह ढकें
– सार्वजानिक स्थलों पर दो गज दूर से ही लोगों से मिलें
– नाक, मुंह व आँख को अनावश्यक रूप से छूने से बचें