कोविड-19 की लड़ाई में मजदूर लाचार : सड़क पर जाने पर पुलिसियां लाठी,रेल मार्ग पर गये तो मिल रही है मौत : सुशील पांडेय कान्ह जी
कोविड-19 की लड़ाई में मजदूर लाचार : सड़क पर जाने पर पुलिसियां लाठी,रेल मार्ग पर गये तो मिल रही है मौत : सुशील पांडेय कान्ह जी
बलिया 10 मई 2020 ।।आज कुछ समाचार पत्रों के माध्यमो से जानकारी मिली कि कल जो गुजरात से श्रमिक ट्रेन से बलिया आये है उनसे ट्रेन का किराया लिया गया है, इस समाचार को पढ़ के मन बिल्कुल व्यथित हो गया।सरकार जो कह रही है कि एक भी मजदूर से किराया नही लिया जाएगा, क्या वह झूठ है ?अगर यह झूठ है तो इससे दुर्भग्यपूर्ण और कुछ भी नही हो सकता।
उक्त बातें समाजवादी पार्टी के निवर्तमान प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय "कान्हजी"ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कही और सरकार पर आरोप लगया कि देश के विकास के स्वरूप को सजाने और सवारने में जो मजदूर वर्ग अपना सर्वस लगा दिए आज विपत्ति के समय सरकारे उन्हें अपने हाल पर छोड़ दी है ,जिसका उदाहरण है महाराष्ट्र में रेल पटरी पर 16 मजदूरों की छत बिछत बिखरी लाशें । सरकार की बेपरवाही के कारण मजदूर आज रेल की पटरियों से या अन्य रास्तो से घर जाने को मजबूर है क्योकि मजदूर अगर सड़क पर जाता है तो लाठी मिलती है और ट्रेन की पटरी पर जाता है तो मौत । सरकार के तमाम दावों के बावजूद मजदूर आज बेबस और लाचार नजर आ रहा है आखिर इस भयंकर त्रासदी का जिम्मेदार कौन है ? रोज मोटी अक्षरों में मजदूरों को रियायत की बाते दिख रही है लेकिन अगर वास्तव में वह रियायते जमीन पर उतरी होती तो आज मजदूर वर्ग इतना मजबूर,बेबस,लाचार और भयाक्रांत नही होता।इससे यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा हैं कि इस महामारी के समय कोविड 19 से लड़ाई में भी सरकार सिर्फ़ राजनीतिक स्टंट कर रही हैं धरातल पर जनता को उसके हाल पर छोड़ दी है।
कान्हजी जी सरकार से मांग किया कि देश के जिस हिस्से में भी मजदूर है और वह अपने घर जाना चाह रहे है सरकार को तत्काल उन्हे बिना एक पैसे लिए घर तक पहुचाने का इंतजाम करना चाहिए।क्योंकि मजदूरों को खुश रखे बिना और उनका विश्वास जीते बिना कोविड 19 की लड़ाई के बाद भी देश को विकास के पथ पर अग्रसर नही किया जा सकता।
बलिया 10 मई 2020 ।।आज कुछ समाचार पत्रों के माध्यमो से जानकारी मिली कि कल जो गुजरात से श्रमिक ट्रेन से बलिया आये है उनसे ट्रेन का किराया लिया गया है, इस समाचार को पढ़ के मन बिल्कुल व्यथित हो गया।सरकार जो कह रही है कि एक भी मजदूर से किराया नही लिया जाएगा, क्या वह झूठ है ?अगर यह झूठ है तो इससे दुर्भग्यपूर्ण और कुछ भी नही हो सकता।
उक्त बातें समाजवादी पार्टी के निवर्तमान प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय "कान्हजी"ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कही और सरकार पर आरोप लगया कि देश के विकास के स्वरूप को सजाने और सवारने में जो मजदूर वर्ग अपना सर्वस लगा दिए आज विपत्ति के समय सरकारे उन्हें अपने हाल पर छोड़ दी है ,जिसका उदाहरण है महाराष्ट्र में रेल पटरी पर 16 मजदूरों की छत बिछत बिखरी लाशें । सरकार की बेपरवाही के कारण मजदूर आज रेल की पटरियों से या अन्य रास्तो से घर जाने को मजबूर है क्योकि मजदूर अगर सड़क पर जाता है तो लाठी मिलती है और ट्रेन की पटरी पर जाता है तो मौत । सरकार के तमाम दावों के बावजूद मजदूर आज बेबस और लाचार नजर आ रहा है आखिर इस भयंकर त्रासदी का जिम्मेदार कौन है ? रोज मोटी अक्षरों में मजदूरों को रियायत की बाते दिख रही है लेकिन अगर वास्तव में वह रियायते जमीन पर उतरी होती तो आज मजदूर वर्ग इतना मजबूर,बेबस,लाचार और भयाक्रांत नही होता।इससे यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा हैं कि इस महामारी के समय कोविड 19 से लड़ाई में भी सरकार सिर्फ़ राजनीतिक स्टंट कर रही हैं धरातल पर जनता को उसके हाल पर छोड़ दी है।
कान्हजी जी सरकार से मांग किया कि देश के जिस हिस्से में भी मजदूर है और वह अपने घर जाना चाह रहे है सरकार को तत्काल उन्हे बिना एक पैसे लिए घर तक पहुचाने का इंतजाम करना चाहिए।क्योंकि मजदूरों को खुश रखे बिना और उनका विश्वास जीते बिना कोविड 19 की लड़ाई के बाद भी देश को विकास के पथ पर अग्रसर नही किया जा सकता।