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भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की मांग पर लगी केंद्र सरकार की मुहर :देश के सभी पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा, पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन,प्रिंट,टीवी,वेब पत्रकारों को मिलेगा 5 लाख का बीमा,मान्यता प्राप्त की अनिवार्यता समाप्त

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की मांग पर लगी केंद्र सरकार की मुहर :देश के सभी पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा, पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन,प्रिंट,टीवी,वेब पत्रकारों को मिलेगा 5 लाख का बीमा,मान्यता प्राप्त की अनिवार्यता समाप्त
मधुसूदन सिंह

दिल्ली 10 मई 2020 :- भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की वर्षो से की जा रही सभी पत्रकारों को बीमा देने की मांग को आज केंद्र सरकार ने स्वीकार करते हुए पत्रकार वेलफेयर स्किम में संशोधन करते हुए मान्यता प्राप्त पत्रकार होने की बाध्यता को समाप्त करते हुए ऐतिहासिक निर्णय किया है । मोदी सरकार ने वर्तमान समय में सोशल मीडिया के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रिंट व टेलीविजन के पत्रकारों के साथ ही वेब जनर्लिस्ट को भी पत्रकार मानते हुए इस योजना में शामिल किया है ।
केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए 'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे। यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं। इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम "Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955" के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है।वेब और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी मिलेगा लाभ। इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।
इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है। इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।

अधिक जानकारी के लिए - http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं।
अथवा
महानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, 'ए' विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है। जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं।