सात फेरे,सात जन्म तक साथ निभाने का वादा,साथ जिया साथ ही स्वाभाविक मौत, जाने कहाँ ?
सात फेरे,सात जन्म तक साथ निभाने का वादा,साथ जिया साथ ही स्वाभाविक मौत, जाने कहाँ ?
ललन बागी
रसड़ा बलिया 8 मई 2020 ।। जन्म जन्म का साथ है तुम्हारा हमारा,तुम्हारा हमारा ......
जी हां ,जब दो अजनबी शादी के पवित्र बंधन में बंधते है तो यही सप्तशदी की परिक्रमा के बाद कसम खाते है और सात जन्मों तक साथ जीने और मरने की कसमें खाते है लेकिन निभाते बिरले ही है । दुर्घटनाओं में हुई मौतों को छोड़ दिया जाय तो बिरले ही उदाहरण मिलेंगे जिसमे एक कि मौत के बाद दूसरे साथी ने भी बिछुड़ने के गम में स्वाभाविक मौत के द्वारा अपने जीवन साथी के साथ अंतिम यात्रा में भी साथ चला हो । लेकिन ऐसा हुआ है बलिया जनपद के रसड़ा तहसील के मुंडेरा गांव में जहां अपने पति की मौत के कुछ ही देर बाद पत्नी ने भी प्राण त्याग दी । जिसके कारण दोनो का दाह संस्कार एक साथ किया गया । इन दोनों को मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र मुन्ना उर्फ चंचल राजभर ने बक्सर गंगा घाट पर दिया । वैसे ये दोनों लोग वृद्ध थे और अपने पीछे भरा पूरा परिवार भी छोड़ गये है। बावजूद इसके उनकी साथ-साथ मौत ने सभी को सोचने पर विवश कर दिया है। बता दें कि मुडेडा गांव के राजभर बस्ती निवासी पशुपति राजभर (90) का बुधवार को रात्रि में आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर जैसे ही उनकी पत्नी बदामी देवी को मिली वैसे ही उनकी भी कुछ ही देर के बाद मृत्यु हो है। क्योंकि वे इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पायी। दोनों की निधन की सूचना फैलते ही गांव के लोग उनके घर पहुंचने लगे। जो जहां था वहीं से यही कह रहा था कि यह एक संयोग ही है कि पति पत्नी एक साथ स्वर्ग को सिधार गये। ऐसा माना जाता है कि इस भौतिक संसार मे विरले ही ऐसा सुसंयोग देखने को मिलता है। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में भासपा नेता दिनेश राजभर, पूर्व प्रधान श्रीविलाश यादव, प्रधान प्रतिनिधि हरेंद्र यादव, अजीत सिंह, अभिषेक तिवारी बिट्टू व गांव के सम्मानित आदि लोग रहे।
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बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
ललन बागी
रसड़ा बलिया 8 मई 2020 ।। जन्म जन्म का साथ है तुम्हारा हमारा,तुम्हारा हमारा ......
जी हां ,जब दो अजनबी शादी के पवित्र बंधन में बंधते है तो यही सप्तशदी की परिक्रमा के बाद कसम खाते है और सात जन्मों तक साथ जीने और मरने की कसमें खाते है लेकिन निभाते बिरले ही है । दुर्घटनाओं में हुई मौतों को छोड़ दिया जाय तो बिरले ही उदाहरण मिलेंगे जिसमे एक कि मौत के बाद दूसरे साथी ने भी बिछुड़ने के गम में स्वाभाविक मौत के द्वारा अपने जीवन साथी के साथ अंतिम यात्रा में भी साथ चला हो । लेकिन ऐसा हुआ है बलिया जनपद के रसड़ा तहसील के मुंडेरा गांव में जहां अपने पति की मौत के कुछ ही देर बाद पत्नी ने भी प्राण त्याग दी । जिसके कारण दोनो का दाह संस्कार एक साथ किया गया । इन दोनों को मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र मुन्ना उर्फ चंचल राजभर ने बक्सर गंगा घाट पर दिया । वैसे ये दोनों लोग वृद्ध थे और अपने पीछे भरा पूरा परिवार भी छोड़ गये है। बावजूद इसके उनकी साथ-साथ मौत ने सभी को सोचने पर विवश कर दिया है। बता दें कि मुडेडा गांव के राजभर बस्ती निवासी पशुपति राजभर (90) का बुधवार को रात्रि में आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर जैसे ही उनकी पत्नी बदामी देवी को मिली वैसे ही उनकी भी कुछ ही देर के बाद मृत्यु हो है। क्योंकि वे इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पायी। दोनों की निधन की सूचना फैलते ही गांव के लोग उनके घर पहुंचने लगे। जो जहां था वहीं से यही कह रहा था कि यह एक संयोग ही है कि पति पत्नी एक साथ स्वर्ग को सिधार गये। ऐसा माना जाता है कि इस भौतिक संसार मे विरले ही ऐसा सुसंयोग देखने को मिलता है। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में भासपा नेता दिनेश राजभर, पूर्व प्रधान श्रीविलाश यादव, प्रधान प्रतिनिधि हरेंद्र यादव, अजीत सिंह, अभिषेक तिवारी बिट्टू व गांव के सम्मानित आदि लोग रहे।
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बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
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