वाराणसी में तेज आंधी तूफान से सहमे लोग।कई इलाके की बिजली गुल
वाराणसी में तेज आंधी तूफान से सहमे लोग।कई इलाके की बिजली गुल
ए कुमार
वाराणसी 10 मई 2020 ।। जिले में देर शाम तकरीबन सवा आठ बजे से धूल भरी तेज आंधी शुरू हो गयी। पौन घंटे तक चली आंधी का रौद्र रूप देख लोग सहम गये। आधी इतनी तेज रही कि सड़क पर सिवाय धूल के और कुछ भी नहीं दिख रहा था।
आंधी के वक्त सड़क पर चल रहे भारी वाहन भी जहां के तहां रुक गये। इस दौरान दुपहिया वाहन चालकों ने भी सड़क किनारे अपनी गाड़ी खड़ी करके किसी सुरक्षित जगह पर पनाह लेना उचित समझा।
किसी प्रकार की अनहोनी न होने पाये इसे देखते हुए विद्युत विभाग की ओर से शहर के तमाम इलाकों में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई रोक दी गयी। कई इलाकों में धूल भरी तेज आंधी के साथ तेज बारिश भी हुई है।
फिलहाल आंधी से जान-माल के नुकसान का आंकलन नहीं हो सका है। हालांकि कई जगह मकानों के टीन शेड, झोपड़ियां और पेड़ों के गिरने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप पर दो-दो पश्चिमी विक्षोभ देखे गये हैं। इनमें पहला ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर है, जबकि दूसरा कश्मीर सहित उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल के ऊपर देखा गया है। आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ सर्दियों के मौसम में ही ज्यादा सक्रिय होते हैं। ये भूमध्य सागर और कैस्पियन सागर से नमी लेकर उसे उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल पर तूफान के साथ तेज वर्षा रूप में गिराते हैं।
ए कुमार
वाराणसी 10 मई 2020 ।। जिले में देर शाम तकरीबन सवा आठ बजे से धूल भरी तेज आंधी शुरू हो गयी। पौन घंटे तक चली आंधी का रौद्र रूप देख लोग सहम गये। आधी इतनी तेज रही कि सड़क पर सिवाय धूल के और कुछ भी नहीं दिख रहा था।
आंधी के वक्त सड़क पर चल रहे भारी वाहन भी जहां के तहां रुक गये। इस दौरान दुपहिया वाहन चालकों ने भी सड़क किनारे अपनी गाड़ी खड़ी करके किसी सुरक्षित जगह पर पनाह लेना उचित समझा।
किसी प्रकार की अनहोनी न होने पाये इसे देखते हुए विद्युत विभाग की ओर से शहर के तमाम इलाकों में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई रोक दी गयी। कई इलाकों में धूल भरी तेज आंधी के साथ तेज बारिश भी हुई है।
फिलहाल आंधी से जान-माल के नुकसान का आंकलन नहीं हो सका है। हालांकि कई जगह मकानों के टीन शेड, झोपड़ियां और पेड़ों के गिरने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप पर दो-दो पश्चिमी विक्षोभ देखे गये हैं। इनमें पहला ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर है, जबकि दूसरा कश्मीर सहित उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल के ऊपर देखा गया है। आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ सर्दियों के मौसम में ही ज्यादा सक्रिय होते हैं। ये भूमध्य सागर और कैस्पियन सागर से नमी लेकर उसे उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल पर तूफान के साथ तेज वर्षा रूप में गिराते हैं।