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अब इन नेताओं के लगे लापता होने के पोस्टर :जनता का सवाल,कोरोना योद्धाओं से क्या महंगी है इनकी जान ?




बलिया ।। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के युवा नेता मनीष दुबे मनन के द्वारा बलिया सदर विधायक व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल और बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लापता होने के पोस्टर क्या चिपकाया गया ,अन्य नेता के भी पोस्टर लगाने का सिलसिला ही शुरू हो गया है । अब कांग्रेस के ही युवा नेता अभिजीत तिवारी सत्यम ने सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा और बांसडीह विधान सभा से विधायक व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के लापता होने का पोस्टर चिपकाया है ।


वही फेफना विधानसभा क्षेत्र में और सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य पोस्टर भी चर्चा का विषय बन गया है । इस पोस्टर में बलिया लोक सभा के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर,फेफना विधायक व मंत्री उपेन्द्र तिवारी,पूर्व मंत्री व बसपा नेता अम्बिका चौधरी व पूर्व विधायक व सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव को लापता बताते हुए पूंछा गया है कि क्या ये जनप्रतिनिधि लॉक डाउन में एकदिन भी क्षेत्र में दिखे है ?


देश मे प्रधान मंत्री मोदी व प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही हमेशा जनता के दुख दर्द को कम करने के लिये प्रयास करने की कोशिश व अन्य जन प्रतिनिधियों के जनता के बीच से गायब होने से ,स्थानीय नेताओं की छवि जनता के बीच खराब हुई है । आज जनता नेता विहीन होने से अधिकारियों की तानाशाही नियमो से त्रस्त हो रही है,जनता के कष्ट को कोई सुनने वाला नही रह गया है ।

लोगो मे यह भी चर्चा है कि जब आम लोगो को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिये पास निर्गत हो सकता है,कोरोना के मरीजो के लिये डॉक्टर्स दिन रात एक कर सकते है,पुलिस व प्रशासन के लोग दिनरात सबके बीच रहकर अपना कार्य कर सकते है, तो राजनेताओ को जनता के बीच आने में दिक्कत क्या है ? क्या इन लोगो की जान ,कोरोना को देश प्रदेश से भागने की मुहिम में लगे कोरोना योद्धाओं की जान से ज्यादे महंगी है ?

छात्र नेताओं द्वारा शुरू की गई यह मुहिम अगर जनता के दुख दर्द को सुनने के लिये राजनेताओ को जनता के बीच लाने में सहायक होती है ,तो यह बड़ी उपलब्धि होगी । अन्यथा की सूरत में जनता कड़े प्रशासनिक नियमो की चक्की में पीसने को मजबूर तो है ही ।

रिपोर्ट मधुसूदन सिंह