जिला प्रशासन का अब पूरा जोर होम क्वारन्टीन को प्रभावशाली बनाने पर :-ग्राम व वार्ड निगरानी समिति को मिली बड़ी जिम्मेदारी, साथ रहेगा पुलिस प्रशासन : डीएम बलिया
बलिया: जिलाधिकारी एसपी शाही ने कहा कि अब बाहर से आए लोगों को होम क्वारंटाइन का पालन करना ही होगा। इन पर नजर रखने के लिए गांवों में ग्राम निगरानी समिति व शहरी क्षेत्र में मुहल्ला निगवानी समिति गठित है, पर सिर्फ गठन ही पर्याप्त नहीं है। इन समितियों को अब सक्रिय रहना होगा। समिति के सदस्य निर्भीक होकर अपना काम कर सकें, इसके लिए पुलिस प्रशासन हमेशा उनके साथ खड़ा रहेगा।
प्रधान व सभासद को सौंपा रजिस्टर
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जिलाधिकारी श्री शाही ने एक ग्राम प्रधान और एक सभासद को प्रतीकात्मक तौर पर निगरानी समिति का रजिस्टर सौंपा। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति का अध्यक्ष होने के नाते ग्राम प्रधान बेलहरी नीलम सिंह और वार्ड मेंबर की जिम्मेदारी सबसे अहम हो जाती है। नपा बलिया के टैगोरनगर मुहल्ले के सभासद सुमित मिश्र गोलू ने रजिस्टर व निगरानी समिति के अन्य अभिलेख लेने के बाद आश्वस्त किया कि अपने वार्ड में बाहर से आने वाले सभी लोगों को होम क्वारंटाइन का पालन सुनिश्चित कराएंगे।
शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों से मुखातिब डीएम ने कहा कि बाहर जाने वाले प्रवासियों की संख्या 25 हजार से अधिक जा रही है। ऐसे में सभी को फैसिलिटी सेंटर में रखना मुश्किल है। इसलिए हमारे सामने यही विकल्प है कि बाहर से आने वाले होम क्वारन्टीन का ठीक से पालन करें। हमारा पूरा जोर होम क्वारन्टीन को प्रभावशाली बनाना है। अब हर ग्राम व हर वार्ड को एक इकाई मानने की जरूरत है। ग्राम निगरानी समिति में प्रधान, आशा, आंगनबाड़ी व ग्राम स्तर के कर्मी सदस्य हैं, जबकि वार्डों में सभासद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इन समितियों को सशक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन पीछे से खड़ा है। सभी बीडीओ, ईओ, एसडीएम द्वारा रोज कम से कम एक वार्ड या ग्राम निगरानी समिति के अभिलेखों का रखरखाव व मानिटरिंग का निरीक्षण किया जाएगा और उसकी रिपोर्ट जिला स्तरीय निगरानी समिति के व्हाट्सएप ग्रुप पर देनी होगी।
परिजनों व समिति की यह है जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो प्रवासी के रूप में आ रहा है, उसके और उसके सभी परिजनों का दायित्व है कि वे निगरानी समितियों को सूचना देंगे। निगरानी समिति के अध्यक्ष व सदस्य अपने क्षेत्र में आने वाले प्रवासियों की सूची बनाएंगे और वे 14 कालम वाले निगरानी रजिस्टर पर इसे दर्ज करेंगे। समिति की जिम्मेदारी होगी कि जो व्यक्ति बाहर से आ रहे हैं, वे 28 दिन क्वारन्टीन रह रहे हैं या नहीं, चिकित्सकीय परीक्षण हुआ या नहीं, लक्षण हैं या नहीं, प्रवासी के घर में क्वारन्टीन की स्थिति है या नहीं, इसे देखेंगे। यदि नहीं है तो पास के सरकारी स्कूलों में क्वारन्टीन करेंगे।
नहीं मानने पर एफआईआर संग हो सकती है बड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने कहा, यह व्यवस्था बनाई गई है कि यदि कोई प्रवासी क्वारन्टीन के नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो निगरानी समिति सम्बंधित बीडीओ या ईओ को सूचित करेगी। बीडीओ या ईओ उसे गूगल फार्म पर दर्ज करेंगे। पुलिस विभाग का कोरोना सेल इसे ऑनलाइन चेक कर संबंधित थाने को नोट कराएंगे। इसके बाद थाने से लाल क्वारंटाइन नोटिस सम्बंधित व्यक्ति के यहां तामिला कराकर घर के बाहर चस्पा किया जाएगा और इसकी सूचना निगरानी समिति को जरूर दी जाएगी। हर थाने पर भी एक क्वॉरेंटाइन नोटिस का रजिस्टर बनाया जाएगा। इसके बाद भी अगर दोबारा होम क्वारंटाइन का उल्लंघन किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति पर आपदा अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करते हुए फैसिलिटी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया जाएगा।
घर के एक सदस्य ही बाहर जाएंगे जरूरी सामान लाने
डीएम ने बताया कि जिस घर में प्रवासी होम क्वारन्टीन हैं, उनके घर का चिन्हित सदस्य ही बाहर सामान खरीदने निकलेगा। वह व्यक्ति कौन होगा इसकी जानकारी भी निगरानी समिति को देनी होगी। एक-डेढ़ महीने पहले से भी कोई आया होगा तो उसका भी विवरण निगरानी समिति अपने रजिस्टर पर दर्ज करेगी। उसके द्वारा होम क्वारन्टीन का पालन किया जा रहा है या नहीं, यह भी देखेंगे।
ब्लॉक, नपं व जिला स्तर पर भी बनी समिति करेगी निगरानी
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर गठित निगरानी समिति के अलावा विकास खण्ड स्तर पर 17 व नगर निकाय स्तर पर 10 सहित कुल कुल 27 निगरानी समितियां भी गठित की गईं है। इसके अलावा एक जिला स्तरीय निगरानी समिति भी है जिसमें डीएम, एसपी, सीडीओ, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी हैं। तत्काल कम्युनिकेशन के लिए निगरानी समितियों का व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।
कुल 10 मरीजों में 9 बिना लक्षण के, आयुष का भी लिया जा रहा सहारा
डीएम एसपी शाही ने कहा कि छह दिनों में यहां दस संख्या हुई। यह संख्या कितनी जाएगी, कोई नहीं जानता। शुरू में दस लोगों की सैम्पलिंग में एक युवक पाजिटिव मिला। फिर ततपरता बरतते हुए 57 की सैम्पलिंग ली गई, जिसमें में आठ पॉजिटिव मिले। ये सभी अहमदाबाद से आए थे। इसके अलावा एक लड़की कोलकाता से अपने परिजनों के साथ आई थी, जो पाजिटिव मिली। पहले पॉजिटिव युवक राहुल को आजमगढ़ में भर्ती कराया गया है। बाकी नौ मरीज बसंतपुर में आइसोलेट हैं। इन सभी को आयुष सलाह का भी सहारा लिया जा रहा है। आयुर्वेदिक दवाएं व च्यवनप्राश भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दस मरीज में से नौ बिना लक्षण के हैं। लक्षण नहीं मिलना थोड़ा चुनौतीपूर्ण जरूर है।