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पशुधन विभाग में करोड़ों का टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी का मामला,तीन और गिरफ्तार ,इंदौर के व्यापारी से नौ करोड़ की ठगी में एक बड़े पत्रकार सहित 4 गिरफ्तार




पकड़े गए लोगों में दो तथाकथित पत्रकार व मंत्री का निजी सचिव भी, जांच एसटीएफ को सौंपी गई

नामजद 11 लोगों में एक कुख्यात अपराधी का नाम भी शामिल: पहले भी जा चुके हैं कई निजी सचिव जेल

लखनऊ। यूपी के पशुधन विभाग में अधिकारियों की सांठगांठ से ठेका दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के एक बड़े मामले में पुलिस ने पत्रकार आशीष राय, निजी सचिव धीरज, कथित पत्रकार और एक अन्य को गिरफ्तार किया है। वहीं एसटीएफ ने नोएडा में भी इस मामले में दबिश दी है। एक अन्य आरोपित अनिल राय को भी हिरासत में लेकर 9 करोड़ की ठगी के मामले में शेष अन्य की तलाश की जा रही है। राज्य सरकार ने मामले की आगे की जांच एसटीएफ को सौंप दी है।
गोमतीनगर नेहरू एन्क्लेव में रहने वाले एके राजीव की पुलिस विभाग और बड़े अधिकारियों में बहुत गहरी पकड़ हैं, उनका अक्सर कमांड से लेकर पुलिस महानिदेशक कार्यालय में उठना-बैठना था। पुलिस विभाग का कोई भी कार्यक्रम हो वह सभी में उपस्थित रहते थे। आरोप है कि पशुधन विभाग के कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव और राज्‍य मंत्री के कार्यालय में तैनात एक अधिकारी की सांठगांठ से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी व्‍यापारी मनजीत सिंह से से नौ करोड़ रुपये हड़पे गए। इस फर्जीवाड़े में तथाकथित पत्रकार समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ शनिवार की देर रात हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया।एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामला राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद के निजी सचिव रजनीश दीक्षित से जुड़ा हुआ है, उसे हिरासत में ले लिया गया है। जिस धीरज कुमार का नाम आ रहा है वह बाहरी व्यक्ति बताया जा रहा है जो निजी सचिव के संपर्क में था।

निदेशक बनकर मिला था व्यापारी से

पुलिस में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार इंदौर की पूर्णिया कॉलोनी में रहने वाले मंजित सिंह भाटिया उर्फ मिंकू को पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर झांसा देकर ये ठगी की गई। आशीष राय नाम के व्‍यक्ति ने खुद को विभाग का निदेशक एसके मित्‍तल बताकर मंजित से मुलाकात की थी। इस साजिश में पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार, राज्‍यमंत्री पशुधन कार्यालय में तैनात उमेश मिश्र, खुद को पत्रकार बताने वाले एके राजीव, संतोष मिश्र, अनिल राय, फरीदाबाद (अमेठी) निवासी अमित मिश्र, कानपुर निवासी उमाशंकर तिवारी, लखनऊ के रजनीश, डीबी सिंह और मुंबई निवासी अरुण राय शामिल बताए गए हैं। इन सभी लोगों ने एक राय होकर मंजित को झांसे में लिया और ठेका दिलाने के नाम पर नौ करोड़ रुपये हड़प लिए।

फ्राड में बड़े मीडिया समूह का पत्रकार भी शामिल…..
एक न्यूज चैनल के मैनेजिंग एडिटर रहे अनिल राय को यूपी पुलिस/एसटीएफ की टीम ने कल रात हिरासत में लिया। अनिल राय इन दिनों देश की एक बड़ी मीडिया कंपनी के डिजिटल विंग के हेड हैं। कहां तो यहां तक जा रहा है कि इस बड़ी मीडिया चैनल में नियुक्ति पीएमओ में कार्यरत रहे एक आईएएस अफसर की सिफारिश पर हुई थी। इस आईएएस अफसर को अब पीएमओ से हटाया जा चुका है। चर्चा है कि अनिल राय ने कुछ समय पहले ही एक करोड़ रुपए का मकान खरीदा‌ है। देवरिया के मूल निवासी अनिल राय कई प्रमुख मीडिया संस्थान में में कई साल तक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। यूपी के एक बड़े मीडिया समूह ने उन्हे यूपी/उत्तराखण्ड चैनल का प्रमुख भी बनाया था। जिस कांड में अनिल राय फंसे हैं उसी में कई अन्य पत्रकार भी फंसे हैं, इनमें से दो अन्य संतोष मिश्र व एके राजीव भी पत्रकार हैं।
ये है 9 करोड़ की ठगी का पूरा प्रकरण . . . . .
उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ ठग लिए। पीड़ित की तहरीर पर संगीन धाराओं में मुकदमा हजरतगंज थाने में दर्ज हुआ है। इस मामले में मंत्रियों के निजी सचिव और अधिकारियों की बड़ी भूमिका भी सामने आई है। 2018 से चल रहा था खेल, व्यापारी ने सारे रास्ते बंद होने के बाद पुलिस को दी जानकारी। कुल 11 लोगों के खिलाफ दर्ज इस एफआईआर में फर्जीवाड़े का मुंबई कनेक्शन भी है और आजमगढ़ का एक कुख्यात बदमाश भी इस खेल में शामिल बताया जा रहा है। यूपी में इससे पहले पिछड़ा विभाग, खनन विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्रियों के निजी सचिव भी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुके हैं।