आमजन को आत्मनिर्भर बनाने और हौसला बनाए रखने के लिए किया जा रहा है यह संवाद ,विपक्ष भी एक ऐसी रैली करके दिखाए : अमित शाह
पटना ।। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए 1500 से ज्यादा बूथों पर वर्चुअल रैली के माध्यम से कार्यकर्ता जुड़े हैं ।
इस वर्चुअल जनसंवाद रैली को बिहार के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है । भाजपा के राजनैतिक इतिहास में पहली बार हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जगह गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी कमान संभालते हुए श्रीगणेश किया । नड्डा समर्थक मजबूरी में ही वाह वाह करते नजर आए । इस रैली में गृहमंत्री ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोलते हुए जहां ऐसी ही एक रैली करने की चुनौती दे डाली तो वही डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कुछ नेताओं को बिना नाम लिये ही भ्रष्टाचारी कह डाला ।
बिहार में अमित शाह की यह पहली वर्चुअल रैली है जिसमे
पार्टी कार्यकर्ता और तमाम नेता LIVE जुड़े है । रैली को पहले संबोधित करते हुए बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि कोरोना संकट के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने 24 घंटे अपने मंत्रालय के जरिए लोगों का ख्याल रखा है । श्री जायसवाल ने अपने संबोधन में आगे कहा कि 'NDA की सरकार में कोई घोटाल नही हुआ ',लॉकडाउन में सभी परिवारों का ख्याल रखा गया','गरीबों के खाते में सरकार ने पहुंचाई है मदद' ।
वही बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने समय रहते लॉकडाउन का ऐलान कर लाखों भारतीय लोगों की जान बचायी है ।पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबों को संकट की घड़ी में मुफ्त में अनाज दिया, बिना राशन कार्ड वालों को भी मुफ्त अनाज दिया गया । विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष बिहार में घड़ियाली आंसू बहा रहा है, क्वांरटीन सेंटर में रहने वालों पर हम 5300 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च कर रहे हैं । डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि 'लाखों श्रमिकों को घर तक पहुंचाया गया है','श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन चला कर लोगों को लाया','श्रमिकों के परिवारों को राशन उपलब्ध कराया' । विपक्ष पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि 15 साल शासन करने वाले बिना मेहनत के अरबपति बन गए। BMW से चलने लगे और चार्टेड प्लेन में बर्थडे मना रहे हैं ।
अमित शाह की वर्चुअल रैली में शामिल होने के लिये बीजेपी प्रदेश ऑफिस में सुशील मोदी के अलावा , मंगल पांडेय, प्रेम कुमार ,भूपेंद्र यादव, नंदकिशोर यादव भी मौजूद रहे ।
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में यह पहली वर्चुअल रैली है, मैं बिहार के कार्यकर्ताओं का बिहार जनसंवाद रैली में स्वागत करता हूं । महामारी से अपनों को खोने वालों के प्रति संवेदना, कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे लोगों को शुभकामनाएं देता हूँ ।
कोरोना से लड़ने वालों को मेरा सलाम है । कहा कि इस वर्चुअल रैली का चुनाव से संबंध नहीं है ।'कुछ दलों ने विरोध कर इसे चुनावी रैली बना दिया है ','जनता से संवाद करने का ये बीजेपी का तरीका है','आत्मनिर्भर और हौसला बनाए रखने के लिए यह संवाद किया जा रहा है' ।पूरे देश में 77 वर्चुल रैली का आयोजन होगा' । इस रैली का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा जनसंवाद में, जनसंपर्क में विश्वास रखती है। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए लोगों को जोड़ने के लिए ये रैली है ।
कहा कि 2014 और 2019 में एनडीए को जनादेश देकर सरकार बनाने में योगदान के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूं ।बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है ।मैं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है।'जब कभी भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ हुआ, बिहार की जनता से बिगुल बजा है ।
कुछ लोगों ने थाली बजाकर रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि कोरोना से लड़ने की पीएम नरेंद्र मोदी की अपील को कुछ लोगों ने देर-सवेर माना तो ।बिहार के साथ पूरा पूर्वी भारत विकास के रास्ते पर चल पड़ा है ।
ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है ।आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया ।
इस रेली को रानीतिक व चुनावी रैली कहने वाले विपक्षी नेताओं को ललकारते हुए श्री शाह ने कहा कि जो वक्रदृष्टा लोग इसमें भी राजनीति देखते हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने उन्हें रोका है, दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते ।
2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है । आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया ।
कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की । बिहार जनसंवाद रैली: अमित शाह बोले- अब 2.5 करोड़ लोगों के घरों में बिजली आई, लालटेन का जमाना गया । अमित शाह ने तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग घर पर क्यों बैठें हैं. ये भी वर्चुअल रैली कर सकते हैं ।
आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरु करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते। मोदी जी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया ।कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है ।
जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया । चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदी जी की अपील ही थी कि देश की 130 करोड़ जनता मोदी जी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है ।
अमित शाह ने कहा- हामरी सरकार ने CDS बनाने का काम किया । बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में पड़ा है। जो लोग अपमानित करते हैं, उन्हें पता नहीं है कि बिहार के प्रवासी मजदूर का जज्बा क्या है । अमित शाह ने कहा- हम हर साल किसानों को 6 हजार रुपये दे रहे हैं ।