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उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक गर्भवती महिला की मृत्यु पर अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कसा यह तंज,जाने क्या ?



ए कुमार

लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के नोएडा में उपचार के अभाव में 8 माह की एक गर्भवती महिला की मृत्यु पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला किया है।

अखिलेश यादव ने बोला है कि कोरोना के लिए 1 लाख बेड के बंदोवस्त का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं करती।

इस घटना पर अखिलेश यादव ने रविवार को ट्विटर हैंडल से लिखा है व कहा, "उप्र में प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मौत अति दुखद है।

सरकार यह बताए कि अगर वो कोरोना के लिए 1 लाख बेड के इंतज़ाम का दावा करती है तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे।

बीजेपी सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, महिला थी। उसकी मृत्यु के बाद बच्चे ने भी मां के पेट में दम तोड़ दिया।

परिजनों का बोलना है कि वे गर्भवती महिला को लेकर कई घंटों तक एंबुलेंस से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने एडमिट नहीं किया।

हद तो तब हो गई जब प्राइवेट अस्पताल के साथ-साथ सरकारी अस्पताल ने भी महिला को भर्ती करने से मना कर दिया।

गाजियाबाद की रहने वाली थी महिला

महिला गाजियाबाद के खोड़ा इलाके की रहने वाली थीं। उनकी पहचान नीलम कुमारी के तौर पर की गई है। पहले से उनका उपचार शिवालिक हॉस्पिटल में चल रहा था।

शुक्रवार को नीलम को आकस्मित सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसके बाद घर वाले उन्हें लेकर अस्पताल गए, लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया।

परिजनों का बोलना है कि वे शुक्रवार की प्रातः काल 6 बजे नीलम को लेकर घर से अस्पताल के लिए निकले थे, लेकिन 12 घंटे तक कई अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद भी किसी ने भर्ती नहीं किया।

इन अस्पतालों का लगाया चक्कर

परिजनों के अनुसार, जब नीलम की तबीयत बिगड़ी तो उनके पति प्रातः काल 6 बजे उन्हें लेकर अस्पताल के लिए घर से निकल गए।

इस दौरान उन्होंने 12 घंटे तक कई अस्पतालों के चक्कर काटे, पर किसी ने नीलम को एडमिट नहीं किया। पीड़ित परिवार के मुताबिक, वे लोग 12 घंटे के अंदर नीलम को लेकर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल, ईएसआई हॉस्पिटल, जिला अस्पताल, जिम्स, नोएडा फोर्टिस अस्पताल, वैशाली मैक्स हॉस्पिटल व शिवालिक हॉस्पिटल में उपचार के लिए गए। लेकिन, इन सभी अस्पतालों ने महिला को एडमिट करने से मना कर दिया।