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गंगा की धारा मोड़ने के लिये चल रहे ड्रेजिंग कार्य का किसानों ने किया जबरदस्त विरोध : कार्य बन्द न होने पर दी खेतो में आत्महत्या करने की चेतावनी








डॉ सुनील ओझा
रामगढ़ (बलिया ) ।।  अपने कृषि योग्य उपजाऊ खेतों को बचाने हेतु  क्षेत्र के किसानों ने गंगा पार जा करके जहां अपने खेतों में सरकार द्वारा गंगा की धारा मोड़ने के  ड्रेजिंग का कार्य जो किसानों के जोते हुए उपजाऊ जमीन के बीचोबीच खेतों से होकर गुजर रहा है,वहां पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन किया । किसानों के खेत इस ड्रेजिंग कार्य से दो पार्ट में बट जाने से नाराज किसानों ने अपने खेतों पर पहुंचकर सरकार के इस ड्रेजिंग के कार्य का विरोध किया । किसानों ने शासन को मीडिया के माध्यम से चेताया कि अगर हम किसानों की जोते हुए उपजाऊ लगभग 300 एकड़ खेतो से ड्रेजिंग का कार्य नही रोका गया तो  हम लाचार किसान अपने खेतों में आत्म हत्या करने को मजबूर होंगे । क्योंकि हम कटान पीड़ित लाचार किसानों का एक मात्र जीने का सहारा हम सब का पुस्तैनी खेत है , बाकी कोई सहारा नही है ।
बताते चलें कि बैरिया तहसील के ग्राम पंचायत केहरपुर के पुरवा शाहपुर ,गंगौली , श्रीनगर के अनेकों किसानों के पुस्तैनी खेत बलिया तहसील के अंतर्गत मौजा शाहपुर मुतलिके दिघार परगना बलिया में लगभग   300 एकड़ से ज्यादा उपजाऊ जमीन जोत की है । ए सभी किसान कटान पीड़ित हैं । गंगा पार वर्षो से अपनी पुस्तैनी जमीन पर खेती करके अपना गुजारा करते हैं । सरकार द्वारा इन किसानों के जोते खेत से बीचोबीच ड्रेजिंग कार्य से किसानों की कृषिक भूमि नदी का रुप ले लेगी और पूरे मौजे की कृषिक भूमि अक्रिसिक हो जाएगी ।जिससे किसान भूमिहीन हो जाएंगे । और किसान लाचार होकर भूखों मर जाएगा । कारण एक तो पहले से ही गंगा के कटान से त्रस्त किसानों का खेत सालों बाद  उपजाऊ जमीन के रूप में गंगा पार पड़ा है । अभी यह कटान पीड़ित  किसान गंगा नदी पार करके सालो से आपने खेत बोते है और जैसे तैसे अनाज  गंगापार से ला करके अपना गुजारा करते हैं ।





ड्रेजिंग के बाद इन किसानों के खेत की कृषिक  जमीन पूर्ण रूप से अकृषिक हो जाएगी  । लाचार किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि हम किसानों के जोते हुए उपजाऊ जमीन से ड्रेजिंग के कार्य हटाए जाय नही तो हम मजबूर लाचार किसान सामूहिक रुप से अपने खेतों आत्म हत्या करने को मजबूर होंगे । इस दौरान कटान पीड़ित किसान  नागेन्द्र सिंह , जीतू सिंह, भुवर सिंह ,राधेश्याम तिवारी ,मोहन तिवारी , दीना सिह ,लखनदेव सिंह ,रमेसर सिंह ,अनिल सिंह , दिनेश सिंह , नागेन्द्र चौबे ,उपेन्द्र सिंह ,सतेंद्र सिंह , उदय सिंह , उमा सिंह , जयराम सिंह उदय प्रताप सिंह , तेज नारायण सिंह ,पप्पू सिंह , राहुल सिह  ,राजनारायण सिह ,जगदीस ,बीरेन्द्र ,बिक्रम ,त्रिभुवन ,इन्द्रासन चौधरी ,शमसेर सिंह , धर्मानन्द तिवारी ,आदि अनेकों किसान मौजूद रहे ।