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गूगल द्वारा शहीद मंगल पांडेय की जयंती 19 जुलाई बताना सरासर गलत,शहीद मंगल पांडेय देश के गौरव: बब्बन विद्यार्थी







दुबहड़ बलिया ।। वैदिक काल से लेकर अब तक के हमारे इतिहास को तोड़- मरोड़ कर पेश करने, हमारे महानायकों के चरित्र को निम्नतर कर प्रस्तुत करने एवं हमारे देश भक्तों को अवसरवादी कहकर उनके देशप्रेम को मात्र स्वार्थ, लोलुपता सिद्ध करने में बाहरी इतिहासकारों ने जितना जोर लगाया है। उससे कहीं ज्यादा जोर अपनों ने लगाकर देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। यह बातें रविवार को मीडिया सेंटर अखार पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंगल पांडे विचार मंच के प्रवक्ता बब्बन विद्यार्थी ने कहीं। कहा कि क्रांति के महानायक मंगल पांडे के गौरवमय इतिहास एवं उनके जन्मदिवस को तोड़- मरोड़ कर प्रस्तुत करना कहीं से भी उचित नहीं है। विद्यार्थी ने कहा कि सोए भारत को जगाने वाले, स्वतंत्रता के प्रेरणास्रोत मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन गाजीपुर जनपद के बलिया तहसील अंतर्गत नगवा गांव में हुआ था। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 के पाठ्य पुस्तक "महान व्यक्तित्व" में भी शहीद मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 ही दर्शाया गया है। शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा स्थित शहीद मंगल पांडेय इंटर कॉलेज, शहीद मंगल पांडेय महिला महाविद्यालय, शहीद मंगल पांडेय स्मारक सोसाइटी, उनके सिद्धांतों, नीतियों एवं विचारों का प्रचार-प्रसार करने वाली संस्था मंगल पांडेय विचार मंच एवं विभिन्न प्रकार की संस्थाएं आदि  प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को ही उनका जन्म दिवस विभिन्न आयोजनों एवं अन्य कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाते हैं। उनके 30 जनवरी के जन्म दिवस के अवसर पर बलिया में बृहद हाफ मैराथन दौड़ का आयोजन होता है।
जबकि गूगल ने उनके जन्म तिथि 30 जनवरी की जगह 19 जुलाई दर्शाया है। यह सरासर तथ्यहीन, आधारहीन एवं प्रमाणहीन हैं। गूगल द्वारा शहीद मंगल पांडे के जन्मदिवस के संबंध में शहीद मंगल पांडेय के पैतृक ग्राम नगवा के लोग एवं जनपदवासी केंद्र सरकार के माध्यम से गूगल में अपना आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं।