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तालाब का पानी हो चुका है गन्दा,साफ कीजिये कप्तान साहब



मधुसूदन सिंह
बलिया ।। जनपद में ऊपर से तो कानून व्यवस्था एकदम चकाचक दिख रही है लेकिन अगर अंदर से देखे तो इसकी दूसरी ही तस्वीर सामने दिखने लगती है । ऐसा इस लिये है कि पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ का थानेदारों के तबादलों की नीति में विश्वास कम होना है । पुलिस अधीक्षक थानेदारों की शिकायत मिलने पर भी कठोर कार्यवाही करने से संभवतः हिचकते है । कहावत है एक मछली तालाब को गंदा कर देती है कप्तान साहब, आपके तालाब में तो अब कई गन्दी मछलियां आ गयी है जो पूरे तालाब को ही गन्दा कर रही है । अभी समय है ,इनको साफ कर दीजिये नही तो जिस दिन तालाब का पानी सड़ जाएगा, उसकी सड़ांध आप तक पहुंच जाएगी ।
  पहले से और आज भी जनपद में दो गैर कानूनी धंधे खूब चलता है, इसमे तीसरा धंधा भी जुड़ गया है । बिहार का सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां गोवंशों की तस्करी व शराब की तस्करी जोरो पर है । आज हम बलिया के उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्र के थानों पर अपनी रिपोर्ट दे रहे है । जनपद का एक चर्चित थाना है सिकंदरपुर । इस थाने के उत्तर में घाघरा नदी बहती है जिसके पार देवरिया व बिहार की सीमा लगती है । इस थाने का दियारांचल कच्ची शराब बनाने व बिक्री के लिये काफी मशहूर है । आबकारी विभाग व स्थानीय थाना कई बार कार्यवाही किया लेकिन ये कच्ची शराब को बनाने वाले इतने मनबढ़ है कि कार्यवाही के 2 से 3 दिन बाद ही अपना धंधा फिर से शुरू कर देते है । आरोप तो यह भी लगता है कि स्थानीय पुलिस का संरक्षण मिलता है लेकिन इसको साबित कौन करेगा ?
 इस थाना क्षेत्र का दूसरा अवैध कारोबार है गोवंशों की तस्करी और दो जगहों पर तो गोवंश के मांस की बिक्री की भी सूचना है । सूत्र ने तो यह भी बताया है कि 35 हजार की दर से दोनो स्थानों से मांस बिक्री के लिये वसूली की जाती है । योगी सरकार में गोवंशों की तस्करी व मांस की बिक्री अपने आप मे एक बड़ा अपराध है । यह इस लिये हो रहा है कि यहां के पुलिस वालों को विश्वास हो गया है कि कप्तान साहब तो हटायेगें नही ।

दूसरा थाना आता है गड़वार । यह गोवंश के तस्करों के लिये बीच का रास्ता है । इस थाना क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां गोवंशों के मांस की भी बिक्री होती है । अब एसओ साहब के निगाह व जानकारी में है कि नही लेकिन ऐसा हो रहा है ।
तीसरा थाना आता है फेफना , जहां चौकसी तो तगड़ी है लेकिन वावजूद इसके यहां के रास्ते चितबड़ागांव मोड़ होते हुए गोवंशों की गाड़ियां नरही थाना क्षेत्र में पहुंच जाती है । इस थाना क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबारी है जो समय समय पर बड़ी खेप के साथ पकड़े भी जा चुके है ।
चौथा व जनपद का अंतिम थाना है नरही । जहां गोवंश तस्करी से लेकर अवैध शराब , अवैध रूप लाल बालू और अवैध रूप से गंगा तट से सफेद बालू की निकासी चरम पर होती है । यहां से नाव व पुल मार्ग से पैदल गोवंशों की धड़ल्ले से तस्करी होती है । शराब की तस्करी भी नाव व पुल मार्ग से ही होती है ।
पांचवा थाना आता है चितबड़ागांव जिसकी थोड़ी सीमा चितबड़ागांव मोड़ पड़ता है जहां पिकेट ड्यूटी लगती है । वावजूद इसके यहां से अवैध शराब व गोवंश तस्करों की गाड़ियां अगर नरही क्षेत्र में पहुंच जाती है तो खुद सोचिये कि इस पिकेट पर कैसी ड्यूटी होती है ।

यह पहली कड़ी है जो कप्तान साहब को आंख खोलने के लिये निवेदन कर रही है । इस के बाद भी अगर इन क्षेत्रों में उपरोक्त अवैध व्यापार नही रुकता है तो अगली कड़ी में अवैध व्यापार वाली जगह, कुछ वीडियो और अवैध वसूली करने वालो के नाम भी बलिया एक्सप्रेस प्रकाशित करने से गुरेज नही करेगा । बलिया एक्सप्रेस अगली कड़ी में बलिया के दूसरे 5 थानों के क्षेत्रों में होने वाले अवैध व्यापार की पड़ताल सबके सामने करेगा । बलिया एक्सप्रेस एकबार फिर निवेदन कर रहा है कप्तान साहब ठहरा हुआ पानी सड़ जाता है, उसको बदलिये, नही तो महामारी फैल जाएगी ।