कोरोना काल में भी मिला पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ
बलिया ।। कोरोना संक्रमण के चलते लोग स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से वंचित न होने पाएं, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है । इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ पहली बार गर्भवती होने वाली सभी महिलाओं को पहुंचाया जा रहा है । योजना के तहत मिली राशि इस मुश्किल भरे दौर में महिलाओं और उसके बच्चे के खान-पान और देखभाल के लिए अहम सहारा साबित हुई है।
कोरोना काल में जनपद में पिछले तीन माह यानि अप्रैल से जुलाई मध्य तक उम्मीद से ज्यादा महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। जून 2020 की राज्य मासिक प्रगति रिपोर्ट में बलिया लाभार्थियों के पंजीयन में प्रथम स्थान पर रहा है। साथ ही 15 जुलाई 2020 को राज्य द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में भी बलिया जनपद प्रथम स्थान पर चल रहा है। इसी प्रकार बलिया के राज्य की रैंकिंग में भी सुधार आया है। पहले प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद बलिया की रैंकिंग 26 थी जो अब 23 हो गयी है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ एसके तिवारी के अनुसार पहली बार गर्भवती होने वाली महिला व प्रसव बाद जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गयी थी। कोरोना संक्रमण के दौर में भी पात्र महिलाओं को निरंतर योजना का लाभ देकर सही मौके पर आर्थिक मदद दी जा रही है। उम्मीद है इस राशि से माँ और बच्चे के अच्छे पोषण और देखभाल में सहयोग होगा।
डॉ तिवारी ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। अभी तक वर्तमान वितीय वर्ष 2020-21 में जनपद में 5322 लाभार्थियो को लाभ दिया जा चुका है।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक इमरान अहमद ने बताया कि इस योजना से 01 अप्रैल 2020 से 22 जुलाई 2020 तक जिले में 5322 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। सर्वाधिक रसड़ा ब्लॉक में महिलाएं लाभान्वित की गई हैं जिनकी संख्या 871 है। उन्होने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते लाभार्थी योजना के फॉर्म अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम से संपर्क करके भर सकती हैं। इसके साथ ही प्रवासी पात्र महिलाएं भी आशा से संपर्क कर इस योजना का लाभ ले सकती हैं। महिला सरकारी कर्मचारी नहीं होनी चाहिए। सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में किये जाते हैं जिसका आधार से लिंक होना जरूरी है|