प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना छोटे उद्योगों व कामगारों के लिए साबित होगी वरदान :केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना छोटे उद्योगों व कामगारों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि योजना कृषि उत्पादन उत्पादन संगठनों स्वयं सहायता समूह एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहित सम्पूर्ण मूल्य से श्रंखला समेत पूंजी निवेश हेतु सहायता प्रदान की जाएगी ।यह योजना वर्ष 2020 -21 से 2024- 25 तक 5 वर्षों के लिए लागू की जा रही है ,जिसमें देश के लिए रू. 10,000 करोड़ का परिव्यय एवं दो लाख उद्यमियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उत्तर प्रदेश में आगामी 5 वर्षों में 37805 इकाइयों के उच्चीकरण /उन्नयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
निजी उद्यमियो को सहायता-इस योजना में अपने उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं,जिसकी अधिकतम लागत 10लाख रुपए प्रति उद्यम है ।लाभार्थी का न्यूनतम योगदान 10प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा ।
स्वयं सहायता समूह को सीड कैपिटल- कार्यशील पूंजी एवं छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को रू. 40 हजार की दर से प्रारंभिक पूजी प्रदान की जाएगी । अनुदान के रूप में प्रारंभिक पूंजी एस०एस०जी० के संघ स्तर पर दी जाएगी,जो बदले में एस० एच० जी ०को पुनःभुगतान किए जाने हेतु एस एच जी के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जाएगी ।
कामन आधारभूत संरचना -के लिए एफपीओ/एस एच जी / सहकारिताओ, राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसियों और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज ,पैकिंग एवं इनक्यूवेशन सेंटर समेत सामान्य अवसंरचना के विकास के लिए 3 5 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा ।
ब्रांडिंग और मार्केटिंग हेतु सहायता -के तहत सामान्य पैकेजिंग और ब्रांडिग विकसित करने ,गुणवत्ता नियंत्रण ,मानकीकरण के उपबन्ध के साथ सामान्य पैकिंग एवं ब्रान्डिग का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए खाद्य संरचना पैरामीटरो का अनुपालन करने के लिए ओ०डी०ओ०पी० दृष्टिकोण अपनाते हुए योजना के अंतर्गत एफपीओ/
एसएचजी/ सहकारिताओ अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी, एसपीवी को ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता दी जाएगी ।इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गई डीपीआर और राज्य नोडल एजेंसी द्वारा दिए गए अनुमोदन के आधार पर दी जाएगी । ब्रान्डिग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50प्रतिशत तक सीमित होगी ।
पात्रता-प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन ,(खाद्य प्रसंस्करण अनुभाग) श्री बी ०एल० मीणा द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि इस योजना के अंतर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाइयां पात्र होंगी, जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं ।
एक परिवार का केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होगा ।
ज्ञातव्य है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों की भागीदारी से असंगठित क्षेत्र में कार्यरत सूक्ष्म खाद्य उद्यमो के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार सहायता देने के लिए अखिल भारतीय आधार पर
(पीएम एफएमई )प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का औपचारिक शुभारंभ किया जा चुका है।