जाने L1 हॉस्पिटल में क्या है दुर्व्यवस्था का सच
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। आये दिन L1 हॉस्पिटल में दुर्व्यवस्था के सम्बंध में वीडियो वायरल हो रहे है,आवश्यक वस्तुओं के न मिलने की भी खबरें बाहर आ रही है । विपक्षी दलों के साथ सत्ताधारी दल के कुछ नेता भी एक सुर में सीएमओ बलिया पर L1 हॉस्पिटल में कोरोना पेशेंट्स के लिये आये मद में घोटाला करने का आरोप तक मढ़ रहे है । ऐसे हालात में बलिया एक्सप्रेस ने पड़ताल कर सच को सामने लाने का निश्चय किया ।
बलिया एक्सप्रेस ने सबसे पहले कोरोना पेशेंट को आवश्यक जरूरी चीजें आसानी से उपलब्ध है कि नही ?की पड़ताल की, तो पता चला कि हर वार्ड में इंडक्शन चूल्हा लगाया गया है । इसके साथ पानी गर्म करने के लिये भगोना रखा हुआ है ताकि जब किसी को गर्म पानी पीना हो इंडक्शन पर गर्म करके वही रखे डिस्पोजल ग्लास में पी सकता है । यही नही काफी, चाय,चीनी,दूध भी रखा है ताकि अगर किसी को चाय काफी की तलब लगे तो वह स्वयं बनाकर पी सकता है । यह व्यवस्था इस लिये की गई है ताकि इनको किसी के सहारे की आवश्यकता न पड़े । कारण कि पीपीई किट पहनकर तीन बार से ज्यादे कर्मचारी वार्ड में नही जा सकते है ।
गंदगी के सम्बंध में जांच करने पर यही पाया गया कि मरीज अपने बेड के आसपास स्वयं गंदगी आलसता के कारण फैला रहे है जबकि डस्ट बिन बगल में है । मरीजों की मानसिकता आम रोगियों और वार्डो की है, जिसमे जब बुलाओ स्वीपर आ जायेगा और सफाई हो जाएगी । रही बात बाथरूम व टॉयलेट के पीले होने की तो यह सरकारी व सार्वजनिक है, इसको तो अधिकारी लाख कोशिश कर लेंगे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नही साफ करेंगे क्योंकि सबसे बड़ा यूनियन इन्ही का है । अगर घर जैसा सफाई चाहिये तो प्राइवेट सफाई कर्मी रखना पड़ेगा । हम जांच में L1 हॉस्पिटल को 80 प्रतिशत अंक दे सकते है ।
मरीजो को अच्छा खाना देने के लिये डॉक्टरों के खाने की गुड़वत्ता घटायी
भारत सरकार/उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मरीजो को सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने के लिये प्रतिदिन 100 रुपये का बजट निर्धारित किया गया है । जबकि इसी मद में चिकित्सकों व पुरे चिकित्सकीय स्टाफ के लिये 500 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है । इसके अतिरिक्त कोई मद सरकार से नही मिलता है । बलिया का जिला प्रशासन व सीएमओ बलिया ने आपसी सहमति से मरीज व चिकित्सकीय टीम के भोजन में समरूपता रहे इसके लिये दोनो मदो को मिलाकर एक सामान भोजन सबको उपलब्ध करा रहे है । या यूं कहें कि चिकित्सकीय स्टाफ के खाने की गुड़वत्ता को कम करके मरीजो के भोजन की गुड़वत्ता को बढ़ाया गया है । बावजूद इसके अगर कोई खानपान की शिकायत करता है तो उसे अन्य जनपदों में जाकर पड़ताल कर लेनी चाहिये । निश्चित रूप से बलिया का जिला प्रशासन व सीएमओ मरीजो के प्रति संवेदनशील है और इस मद में घोटाले की जो खबरे आ रही है , वो पूरी तरह निराधार है ।
शांति पैरा मेडिकल कालेज वाले L1 हॉस्पिटल के मरीजो का बयान :बिना जांच के डिस्चार्ज होने का सच
आजकल दूसरी अफवाह यह फैलायी जा रही है कि L1 हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को बिना दुबारा जांच कराये ही छोड़ दिया जा रहा है । इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि नई गाइडलाइन के अनुसार बिना लक्षण वाले मरीजो को जांच के लिये सेम्पल लेने के दिन से 14 दिन के आइसोलेशन पीरियड के बाद अगर कोई लक्षण नही है तो उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा और होम क्वारन्टीन कम से कम एक सप्ताह रहने की सलाह दी जाती है । लेकिन लक्षण वाले मरीजो को जबतक जांच रिपोर्ट निगेटिव नही आ जाती नही छोड़ा जाएगा ।