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एसटीएफ की वाराणसी टीम ने पकड़ी 70 लाख की तस्करी से ले जायी जा रही फेंसाडिल कफ सिरप की बड़ी खेप, दो गिरफ्तार, बलिया से जुड़े तार



मधुसूदन सिंह
आजमगढ़ ।। बलिया एक्सप्रेस द्वारा 27 अप्रैल को फेंसाडिल की अवैध तस्करी की खबर का असर आज हुआ है । एसटीएफ की वाराणसी टीम ने मुखबिर की सूचना पर आजमगढ़ पुलिस व ड्रग इंस्पेक्टर की मदद से अनुमानित कीमत 70 लाख की फेंसाडिल सिरप की 39900 शीशियों को बरामद किया है । इसको आगरा से लेकर सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल ले जा रहे दो तस्कर भी गिरफ्तार हुए है । जिसमे से एक बलिया का ही रहने वाला है । जबकि ट्रक मालिक भी बलिया का है जो बंगाल में रहकर फेंसाडिल की तस्करी करने का काम करता है । बता दे कि वाराणसी के दवा व्यवसायी प्रशांत उपाध्याय का भी नाम इस सिरप की तस्करी करने वालो से जुड़ा हुआ बताया जाता है । वही बलिया के लगभग दो दर्जन प्रसिद्ध फर्मो के मालिकों का प्रशांत उपाध्याय के यहां से दवा की खरीद का कारोबार चलता है । एक व्यक्ति के पकड़ाने व एक व्यक्ति का नाम तस्करी करने वालो के सरगना के रूप में सामने आना यहां के व्यापारियों के लिये खतरे की घण्टी हो सकती है ।


 बता दे कि एसटीएफ उत्तर प्रदेश की टीम को विगत कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थे कि अंतर प्रांतीय गिरोह द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से मादक पदार्थों एवं दवाओं का अवैध तरीके से तस्करी कर पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है, जहां इन दवाओं का उपयोग नशा करने के लिए किया जा रहा है । इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देश दिए गए थे । उक्त निर्देश के क्रम में एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी द्वारा अभियुक्त संकलन की कार्रवाई की जा रही थी । दिनांक 15 अगस्त 2020 को एसटीएफ वाराणसी के निरीक्षक अरविंद सिंह के नेतृत्व में उप निरीक्षक राघवेन्द्र मिश्र आरक्षी पुलिस अभय विक्रम सिंह की एक टीम गठित कर जनपद आजमगढ़ में उक्त के संबंध में आम सूचना संकलन की कार्रवाई प्रारंभ की गई और सूचना संकलन के दौरान विशेष सूत्रों से ज्ञात हुआ कि फेंसेडिल सिरप से लदा एक ट्रक तस्करी कर जनपद आजमगढ़ के थाना फूलपुर क्षेत्र से होकर पश्चिम बंगाल जाने वाला है ।  इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ टीम द्वारा तत्काल निरीक्षक स्वास्थ्य विभाग जनपद आजमगढ़ एवं स्थानीय पुलिस से संपर्क किया गया और उन्हें साथ लेकर थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ पहुंचकर मुखबिर द्वारा बताए गए वाहन का इंतजार किया जाने लगा ।थोड़ी देर में मुखबिर द्वारा बताए गए नंबर WB25C 5835 के वाहन को रोककर चेकिंग की गई तो तो उसके अंदर मुर्गी के दानों (फीड) के बीच में उक्त फेंसाडिल सिरप को छिपाकर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था । जिस से संबंधित इनके पास कोई कागजात उपलब्ध नहीं था । मौके से उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया , जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई ।गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ किए जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि उक्त ट्रक जय प्रकाश पांडे निवासी विवेकानंद नगर कॉलोनी थाना मक्यू सकरैल हावड़ा पश्चिम बंगाल, मूलनिवासी जनपद बलिया का है । जय प्रकाश पांडे ने ही उक्त सिरप को छिपाकर लाने के लिए उन्हें भेजा था । यह दवा हम लोगों को जनपद आगरा के सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया से मिली थी जिसे लेकर हम लोगों को सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल जाना था । सिलीगुड़ी पहुंचने के बाद जय प्रकाश पांडे बताते कि इसे किसको और कहां देना है रास्ते में पुलिस को शक ना हो इसके लिए हम लोग मुर्गी का दाना लाद कर इसके बीच में सिरप की पेटियां छिपा देते थे। उक्त सिरप का प्रयोग नशा करने वाले व्यक्तियों के लिए किया जाता है जिन स्थानों पर शराब प्रतिबंधित है । वहां पर सिरप की तस्करी कर इसे ऊंचे दामों  से बेचा जाता है । यहां पर उल्लेखनीय है कि मौके पर मौजूद ड्रग निरीक्षक द्वारा बताया गया कि उक्त कफ सिरप खांसी की दवा के रूप में उपयोग किया जाता है ,इसमे कोडीन नामक केमिकल है ,इसे एक साथ अधिक मात्रा में लेने पर नशा होता है । उक्त केमिकल एक साथ अधिक मात्रा में लेने के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ पर मुकदमा अपराध संख्या 203/2020 धारा8/ 21 एनडीपीएस एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया गया ,अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है ।

गिरफ्तार अभियुक्तगण
अरुण पाल पुत्र धनुषधारी पाल निवासी गुलनी थाना पकरीबरांवा जनपद नेवादा बिहार
लवकुश पटेल पुत्र रामायन पटेल निवासी थमनपुरा थाना फेफना जनपद बलिया
बरामदगी
39900 शीशी फेंसाडिल (बाजार मूल्य 70 लाख)
1 अदद ट्रक नम्बर WB25C 5835
2 अदद मोबाइल फोन
रुपये 6000 नगद







बलिया एक्सप्रेस पहले ही जता चुका था संभावना

तो क्या जमातियों से भी खतरनाक हो गया है वाराणसी का प्रशांत उपाध्याय ,फेंसिड्रिल कफ सिरप व्यापार का क्षेत्रीय किंग बोला जाता है यह,मंत्री नीलकंठ तिवारी को भी दे चुका है 1 लाख का पीएम रिलीफ फंड के लिये चेक 
मधुसूदन सिंह 

बलिया 27 अप्रैल 2020 ।। रविवार से पूरे पूर्वांचल समेत पूर्वोत्तर राज्यो में  प्रशांत उपाध्याय पुत्र धर्मेंद्र उपाध्याय प्रो
राजेन्द्र ड्रग एजेंसी  वाराणसी  दहशत का पर्याय बन चुका है । रविवार को आयी इसकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट और इसकी बिना सुरक्षात्मक उपायों के कारोबार करने से लेकर लोगो के बीच राहत सामग्री का वितरण करना ,और अब इसकी जानकारी होने पर प्रशासनिक अमले में खलबली उसी तरह मच गई है जैसे तब्लीगी जमातियों को लेकर मची है । खबरों के अनुसार अभी पिछले सप्ताह ही प्रशांत उपाध्याय के पिता धर्मेंद्र उपाध्याय ने मंत्री नीलकंठ तिवारी को राहत फंड के लिए 1 लाख का चेक दिया है ।
 वही टिक टॉक पर प्रशांत उपाध्याय द्वारा डाले गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि इसने बिना किसी मास्क को पहने सुरक्षा में लगे कोरोना वैरियर्स को राहत सामग्री वितरित किया है । ऐसे में इसने अपनी दुकान से दवा बिक्री के समय ही नही लोगो मे राहत सामग्री बांटते हुए भी खतरे को बांट दिया है । अगर इसके द्वारा संक्रमित होने के बाद यह कृत्य किया गया है तो निश्चित ही आने वाले दिनों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या केवल प्रशांत उपाध्याय के कारण बढ़ सकती है ।
क्यो कहलाता है दवा व्यवसाय का क्षेत्रीय किंग

प्रशांत उपाध्याय व इसके पिता धर्मेंद्र उपाध्याय को वाराणसी ही नही पूर्वोत्तर के राज्यो में लोग दवा व्यवसायियों में किंग के रुप मे जानते है । इसके यहां प्रमुख कम्पनियों की दवाओं के व्यापार के साथ ही एबॉट कम्पनी की फेंसिड्रिल कफ सिरप की सबसे ज्यादे बिक्री होती है । यह कफ सिर्फ गरीबो के बीच सबसे प्रचलित व सुरक्षित नशा वाला पेय माना जाता है । यह बिहार के रास्ते बांग्लादेश व नेपाल में खूब बिकता है । वही वाराणसी के आसपास के पूर्वांचल के जिलों और बिहार, मध्य प्रदेश ,छतीसगढ़ में भी खूब बिकता है , इस बात को सूत्रों ने बताया है । दरअसल प्रशांत उपाध्याय की पूरी सल्तनत फेंसिड्रिल कफ सिरप के ही इर्दगिर्द चलती है । लॉक डाउन में जब सरकार ने शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया तो फेंसिड्रिल का व्यापार चमक उठा । बलिया जिला प्रशासन द्वारा ऐसे दुकानदारों की सूची जारी की गई है जो बलिया से वाराणसी दवाओं को खरीदने के लिये गये थे । लेकिन इस सूची में अभी भी अधिकतर व्यापारियों का नाम नही आ पाया है जो वाराणसी में इसी दवा व्यापारी से दवाएं खरीदते है । बलिया के जिला प्रशासन को यह भी जांच करनी होगी कि कितने लोगों ने प्रशांत उपाध्याय से फेंसिड्रिल कफ सिरप खरीदा है । सूत्रों की माने तो विशुनीपुर चौराहे के बड़े और बहेरी के दवा व्यवसायी जल्दी ही यहां से दवा लाये है । सिकंदरपुर, बेल्थरा ,बांसडीह तहसीलो के भी कई व्यापारियों का कारोबार यही से होता है ,सूत्रों ने तो यह भी बताया है कि प्रशांत उपाध्याय से दवा खरीदने वालों की सूची 50 से भी अधिक है । ऐसे में स्वतः ही इस दुकानदार से दवा खरीदने वालों को अपनी यात्रा का डिटेल जिला प्रशासन को देकर बलिया को कोरोना मुक्त बनाये रखने में सहयोग करे ।
  दरअसल इसके यहां बिल से ज्यादे बिना बिल की दवाओं की अत्यधिक मात्रा में सेल ,इसके यहां दवा व्यवसायियों को ज्यादे आकर्षित करती है ।
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वाराणसी के मंडौली में राजेंद्र ड्रग एजेंसी के मालिक धर्मेंद्र उपाध्याय व प्रशांत उपाध्याय का बंगला देखकर आप खुद अंदाजा लगा लीजिये कि इन दोनों की लाइफ स्टाइल कितनी ऐशोआराम से युक्त है । इनके बंगले को गौर से देखिये आपको किसी फाइव स्टार होटल की झलक मिलेगी । इतना महंगा बंगला यूंही नही बन गया होगा ?
देखिये टिक टॉक वीडियो में कैसे लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाते हुए समाजसेवी की भूमिका में नजर आ रहा है प्रशांत उपाध्याय : इस वीडियो में हेल्प कर रहा है कि ?

 लॉक डाउन में नशेड़ियों की बनी सहायक


बिहार, पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों के कई लोग फेंसिड्रिल कफ सिरप का नशा करते हैं ।
भारत के गरीब राज्यों में शुमार किए जाने वाले बिहार में तो  ड्रग कंट्रोलर ने दवाओं के थोक विक्रेताओं को एक चिठ्ठी जारी कर फेंसिड्रिल कफ सिरप की सीमित खरीद करने की नसीहत बहुत पहले से ही दी हुई है.
एक अधिकारी ने बताया है कि “नौजवान इस कफ़ सिरप का बिना रोक-टोक इस्तेमाल कर रहे हैं और यह एक गंभीर खतरा बन गया है."

सख्ती का सरकारी आदेश

 इसकी घातकता को देखते हुए देश की राज्य सरकारों ने अपने अपने ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से राज्य के ड्रग निरीक्षकों को फेंसिड्रिल कफ सिरप की बडी़ मात्रा में स्वीकृत सीमा से ज्यादा की बिक्री पर नजर रखने के लिए भी कहा है.
ड्रग कंट्रोलर के आदेश के मुताबिक अब दवाईयों को कोई थोक विक्रेता या डीलर फेंसिड्रिल की एक हज़ार से ज्यादा बोतलें नहीं खरीद सकेंगे.
सरकारी आदेश की सख्ती का ये आलम है कि थोक दवा विक्रेताओं को अगले स्टॉक की बुकिंग से पहले अपने खरीददारों का ब्यौरा देने के लिए कहा गया है.
“इसके अलावा थोक दवा विक्रेताओं और डीलरों को अपने ग्राहकों और उन्हें बेची गई मात्रा मासिक ब्यौरा ड्रग कंट्रोलर के दफ्तर में जमा करने के लिए कहा गया है.”
बिहार के रास्ते से होकर फेंसिड्रिल सिरप की बड़ी खेप बांग्लादेश और नेपाल भेजी जाती है. दोनों ही देशों में इस कफ़ सिरप को बेचने पर प्रतिबंध है. 
शराब की जगह पर कफ सिरप
संजय और उसके दोस्त रोजाना फेंसिड्रिल की पांच-छह बोतलें गटक जाया करते थे.जिसकी बाद में मौत हो गयी ।
संजय कहते हैं,“हां, यह बाजार में आसानी से मिल जाता है. शहर के हर कोने में इसे खरीदा जा सकता है. लेकिन कभी कभार हमने कोरेक्स, रेकोडेक्स और रेक्सॉफ जैसे अन्य कफ सिरप भी चखे.”
लेकिन सवाल यह उठता है कि शराब की जगह पर कफ सिरप या किसी दूसरी उत्तेजना वर्धक दवाई का सेवन करने के बाद कैसा महसूस होता है और ऐसा क्यों होता है.
इसके जवाब में संजय ने बताया,“पहली वजह तो यह है कि यह शराब से सस्ती है. इससे मन शांत होता है, सुरूर बढ़ता है और खुमारी चढ़ती है. ज्यादा असर के लिए कई बार नशेड़ी कफ सिरप पीने के बाद चाय या मिठाई भी खाते हैं.”

सेक्स लाइफ पर असर

उन्होंने बताया,“लेकिन असली नशा तब चढ़ता है जब फेंसिड्रिल सिरप पीने के बाद नशेड़ी नाइट्रोजन, नाइट्रावेट और प्रॉक्सीवॉन जैसे चीजों का सेवन करते हैं.”

लेकिन फेंसिड्रिल का असर सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है. 
 अब वह देश के नौजवानों और किशोरों से कफ सिरप के चंगुल में न पड़ने की अपील करते हैं और कहते हैं कि यह उन्हें ‘मौत और नपुंसकता’ की ओर ले जाएगा.

क्या कहते हैं नियम

एक थोक दवा विक्रेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त  बताया,”ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के नियम 67 और 97 के तहत कोडाइन की मौजूदगी वाले कफ सिरप निर्धारित मात्रा में खुले बाजार में बेचे जा सकते हैं. इन्हें कहीं लाया ले जाया भी सकता है. इन्हें स्टॉक किया जा सकता है. दवा की दुकान पर इनकी बिक्री की जा सकती है.”
वह आगे बताते हैं,“लेकिन असली समस्या फेंसिड्रिल की नकली बोतलों की है जो कि इस्तेमाल में लाई जा रही है. यह जानलेवा और खतरनाक है.”
उद्योग जगत की प्रतिनिधि संस्था ऐसोचैम की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 100 बार दवाईयां खरीदने पर 40 बार नकली दवा खरीदने की संभावना रहती है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मिलने वाली प्रत्येक चार दवाओं में से एक अवैध है. इस बात की आशंका जताई गई है कि अवैध और खराब गुणवत्ता वाली दवाईयों का कारोबार तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपए का है और यह सालाना 25 फीसदी की दर से बढ़ रहा है.
भारत का दवा उद्योग दुनिया के चौथे सबसे बड़े बाजार के तौर पर जाना जाता है जबकि बाजार के मूल्यांकन के हिसाब से यह दुनिया में 13 वें स्थान पर है.
(साभार -फेंसिड्रिल से सम्बंधित जानकारियां बीबीसी हिंदी सेवा से )

फेंसिडिल कफ सिरप की अवैध बिक्री पर 13 के लाइसेंस निलंबित, बांग्लादेश तक जुड़े अवैध कारोबार के तार
वाराणसी, 17 मई 2020 ।।  नशे के लिए किए जा रहे फेंसिडिल कफ सिरप के अवैध कारोबार पर शनिवार को शिकंजा कसा। इस सिरप की अवैध बिक्री करने वाले 13 दवा दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए। औषधि विभाग की ओर से हुई इस कार्रवाई से दवा के अवैध कारोबार से जुड़े दुकानदारों में हडक़ंप की स्थिति है। इससे पहले कई बार अवैध रूप बाहर भेजी जा रही सिरप की खेप पकड़ी जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इनके तार पूर्वांचल के साथ ही बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक जुड़े हुए हैं।
मंडल के सहायक आयुक्त औषधि केजी गुप्ता ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि ये दुकानदार फर्जी बिल के माध्यम से यह सिरप बेचते हैं। जांच करने पर पता चला कि जिस फर्म या डाक्टर के नाम फेंसिडिल सिरप बेची गई है उसका अस्तित्व कही था ही नहीं है। इस मामले में फिलहाल 13 दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। यह कार्रवाई विगत कई दिनों से कफ सिरप को लेकर आ रही शिकायतों के क्रम में कई गई है। इन फर्मों को विभाग से फेंसिडिल कफ सिरप की अवैध बिक्री के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बावजूद इसके इन फर्मों ने संतोष जनक जवाब प्रस्तुत नहीं किया। यह ये फर्मे अगली उक्त दुकानें अग्रिम आदेशों तक के लिए निलंबित की गई हैं। निलंबन के दौरान किसी भी प्रकार का क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकता है।
इन फर्मों पर गिरी है गाज
औषधि निरीक्षक सौरभ दुबे ने बताया कि पीएलके फार्मा खोजवां, गरिमा इंटरप्राइजेज सप्तसागर, पद्म मेडिकल सप्तसागर, जीडी इंटरप्राइजेज सप्तसागर, शिव फार्मा एजेंसी सप्तसागर, न्यू जानकी ड्रग सेंटर सप्तसागर, श्री हनुमंत फार्मा सप्तसागर, वीए मेडिको सुरजीको बुलानाला, श्री गणेश फार्मा बुलानाला, जागृति मेडिकल औरंगाबाद, मित्तल ब्रदर्स छोटी पियरी, विनायक फार्मा औरंगाबाद व यादव इंटरप्राइजेज दनीयलपुर के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।