मुम्बई में बिहार के आईपीएस को जबरदस्ती क्वारंटीन करने पर बोले कुमार विश्वास -- मौन यही बतलाता है इन निर्वाचित सरकारों का, राजमहल की दीवारों से रिश्ता है हत्यारों का !
पटना. सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच करने मुंबई पहुंचे बिहार के आईपीएस अधिकारी पटना सिटी एसपी विनय तिवारी को मुंबई बीएमसी ने क्वारंटीन कर दिया है. मामले की जांच करने पहुंचे पुलिस अधिकारी को क्वारंटीन करने को लेकर जमकर नेता व लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. मशहूर हिंदी कवि कुमार विश्वास ने भी अपने अंदाज में बिना कुछ कहे उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है.
कवि कुमार विश्वास ने पटना सिटी एसपी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन करने पर ट्वीट कर कहा
''मौन यही बतलाता है इन निर्वाचित सरकारों का,
राजमहल की दीवारों से रिश्ता है हत्यारों का !''
मालूम हो कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच को लेकर रविवार को पटना सिटी एसपी विनय तिवारी मुंबई पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि मुंबई पटना पुलिस पहले से ही ठीक जांच कर रही है. अब बड़े अधिकारी की जरूरत थी तो उन्हें पटना भेजा गया है.
हालांकि, एसपी विनय तिवारी मुंबई में जांच शुरू करते इससे पहले ही उन्हें बीएससी ने होम क्वारंटीन कर दिया. विनय तिवारी को एक गेस्ट हाउस में रखा गया है.
सीएम नीतीश बोले : ठीक नही हुआ
रविवार को पटना एसपी विनय तिवारी मुंबई पहुंचे. वो सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस में जांच में एसआईटी का साथ देने के लिए पहुंचे हैं. हालांकि बीएमसी ने उन्हें मुंबई पहुंचने पर जबरदस्ती क्वारंटाइन कर दिया. इस पर नाराज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार डीजीपी वहां के अधिकारियों के साथ बात करेंगे. उनके (बिनय तिवारी) के साथ जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं है. यह राजनीतिक नहीं है. बिहार पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही है.
बता दें कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इसकी जानकारी दी थी कि रविवार रात 11 बजे एसपी विनय तिवारी को मुंबई में बीएमसी ने क्वारंटाइन कर दिया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, आईपीएस अधिकारी बिनय तिवारी आज वहां पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे, लेकिन उन्हें आज रात 11 बजे बीएमसी अधिकारियों ने जबरन क्वारंटाइन कर दिया. उन्हें अनुरोध के बावजूद आईपीएस मेस में आवास उपलब्ध नहीं कराया गया और अब वो गोरेगाव के एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं.
बता दें कि इससे पहले मुंबई पुलिस के केस में पटना एसआईटी का सहयोग ना करने के आरोप लगे हैं. वहीं ये भी कहा गया था कि मुंबई पुलिस एसआईटी को मीडिया से बात नहीं करने दे रही है. मुंबई पुलिस मीडिया से बात करने से रोकने के लिए एसआईटी को कैदी वैन में बैठाकर ले गई थी.
सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील ने भी आरोप लगाए थे कि मुंबई पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की थी और इस कारण ही उन्होंने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई. उन्होंने कहा था कि परिवार की मांग है कि केस की जांच पटना पुलिस ही करे ।