विजय मिश्र की गिरफ्तारी का मामला : यूपी पुलिस की बादशाहत आख़िर इस बार भी लुट ले गई मध्यप्रदेश पुलिस
विकास दुबे की तर्ज़ पर हुई विधायक विजय मिश्र की गिरफ्तारी
भदोही पुलिस क्यों नहीँ कर पाई विधायक विजय मिश्र की गिरफ्तारी
पीएन शुक्ल
भदोही ।। उत्तर प्रदेश के विकरू कांड के नायक विकास दुबे और बाहुबली विजय मिश्र के गिरफ्तारी ड्रामे में सच क्या है यह बड़ा सवाल उभर कर आया है। आख़िर यूपी पुलिस विकास दुबे की तरह विधायक विजय मिश्र को क्यों नहीँ गिरफ्तार कर पाई। जिसका श्रेय योगी सरकार पुलिस को मिलनी चाहिए थी वह बादशाहत और महफिल मध्यप्रदेश पुलिस लुट के गई। भदोही पुलिस अपनी पीठ भले थपथपाए लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी नाकामी है। क्योंकि यह गिरफतारी ठीक विकास दुबे की लाइन पर हुई है।
क्यों घटी विधायक के साथ विकास दुबे जैसी ट्रेजडी
यह महज संयोग है कि विकास दुबे और पूर्वांचल के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की गिरफ्तारी एक जैसी लगती है। यूपी पुलिस के आठ पुलिस वालों का हत्यारा विकास दुबे भी महाकाल दर्शन के बाद ख़ुद आत्मसमर्पण किया था और बाद में यूपी लाते समय उसका पुलिस ने
एनकाउंटर कर दिया गया। ठीक उसी तर्ज़ पर भदोही के ज्ञानपुर से चौथी बार विधायक विजय मिश्र के मामले में भी हुआ। वह भी शुक्रवार को उज्जैन स्थित महाल दर्शन को गए थे। वहां से लौटते समय मध्यप्रदेश के आगर- मालवा पुलिस ने तनोडिया से उन्हें वाहन चेकिंग के दौरान
गिरफ्तार किया। हालांकि महाकाल दर्शन महज एक संयोग है। विकास दुबे और विजय मिश्र से सम्भवतः कोई ऐसे सम्बन्ध नहीँ थे।
भदोही पुलिस विधायक को क्यों नहीँ किया गिरफ्तार
भदोही पुलिस ने आखिर विधायक को वक्त रहते क्यों नहीँ गिरफ्तार किया। क्या वह विधायक कि गिरफ्तारी से बचना चाहती थी। भदोही एसपी आरबी सिंह का दावा है कि उन्हीं कि सूचना पर मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अगर यह सच है तो फ़िर भदोही पुलिस समय रहते क्यों नहीँ गिरफ्तार किया गया। जबकि जिस मुक़दमें में भदोही पुलिस कि सूचना पर एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पूर्व भी विधायक पर एक और मुकदमा गोपीकृष्ण महेश्वरी को धमकाने को लेकर हुआ था। जिसका आडियो वायरल होने के बाद उसका संज्ञान ख़ुद भदोही एसपी ने लिया था। फ़िर पुलिस पहले गिरफ्तार क्यों नहीँ किया। पुलिस ने जब 04 अगस्त को कृष्णमोहन तिवारी की तरफ़ से गोपीगंज थाने में दर्ज विधायक के खिलाफ मामले का अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया था तभी विधायक को पता लग गया था कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। फ़िर उन्हें ख़ुद भदोही पुलिस ने क्यों नहीँ गिरफ्तार किया। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
विकास दुबे की तर्ज़ पर विधायक ने ख़ुद तो नहीँ किया आत्मसमर्पण
विधायक विजय मिश्र ने विकास दुबे कि तर्ज पर स्वयं गिरफ्तारी की साजिश तो नहीँ रची। भदोही पुलिस को सूचना देकर ख़ुद तो गिरफ्तार नहीँ हुए। क्योंकि पुलिस की तरफ़ से एक के बाद एक दर्ज हुए मुकदमों से विधायक डर गए थे। उन्हें यह आशंका रहीं कि कहीँ विकास दुबे कि तरह उनका भी एनकाउंटर न कर दिया जाय। फ़िलहाल यह तो पुलिस जाँच का विषय है। हाल में उनकी तरफ़ से जारी दो वीडियो संदेश में साफ कहा गया है कि 'मैं ब्रह्मण हूँ और मेरी हत्या की साजिश रची जा रहीं है। इस सरकार में मैं आत्महत्या कर लूँगा। मेरी किसी भी रात हत्या हो सकती है।' वह बार मुख्यमंत्री योगी से मिलने की बात कह रहे थे लेकिन सम्भवत: उन्हें समय नहीँ मिला। क्योंकि सरकार कि निगाहें टेढ़ी थीं। इसका पता उन्हें लग गया था। अंतिम वीडियो में अपनी बात कहते हुए वह काफी मायूस दिख रहे थे। आखिकार उनकी आशंका सच निकली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मध्यप्रदेश से बाहुबली विधायक विजय मिश्र गिरफ्तार, ट्रांज़िट रिमांड पर लेगी पुलिस : विधायक के खिलाफ दर्ज हैं कुल 73 आपराधिक मामले, सबसे अधिक भदोही और प्रयागराज में
भदोही एसपी बोले विधायक की एमएलसी पत्नी गिरफ्तारी के डर से गायब
भदोही ।। पूर्वांचल और भदोही की सियासत में अपना अहम रसूख रखने वाले बाहुबली विधायक विजय मिश्र को आखिरकार मध्यप्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। विधायक की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह महाकाल का दर्शन- पूजन करने के बाद वहां से निकल चुके थे। उन्हें भदोही पुलिस की सूचना पर आगर-मालवा पुलिस ने तनोडिया में वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। भदोही पुलिस अधीक्षक आरबी सिंह ने कहा है कि टीम विधायक को लेने रवाना हो चुकी है। उन्हें ट्रांज़िट रिमांड पर लाया जाएगा। विधायक पर कुल 73 आपराधिक मुक़दमें दर्ज हैं।
भदोही पुलिस अधीक्षक आरबी सिंह ने बताया है कि 04 अगस्त को कृष्ण मोहन तिवारी ने विधायक विजय मिश्र, एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र और बेटे विष्णु मिश्र पर धनापुर आवास को जबरिया वसीयतनामा लिखवाने का आरोप लगाया था। विधायक इसी मकान में रहते थे। उन पर मकान को जबरिया कब्जा करने का आरोप था। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद कृष्ण मोहन तिवारी का अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया था। जिसके बाद विधायक को लग रहा था कि अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। विधायक महाल दर्शन को गए थे वापसी के दौरान आगर- मालवा पुलिस ने उन्हें वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
भदोही एसपी ने बताया है कि विधायक को लेने पुलिस मध्यप्रदेश रवाना हो चुकी है। विधायक की एमएलसी
पत्नी रामलली के प्रयागराज से गायब होने की बात को गलत बताया है। एसपी ने कहा है कि गिरफ्तारी के भय से बचने के लिए गायब हैं। विधायक पर हाल के दो मुकदमों को लेकर कुल 73 आपराधिक मुक़दमें दर्ज हैं। हालांकि इसमें अधिकांश मुकदमों में विजय मिश्र को क्लीन चिट मिल चुकी है। इसी आपराधिक मुक़दमें में यूपी सरकार में मंत्री नंदगोपाल नन्दी पर हमले का भी मामला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी तरफ़ से दिए गए शपथ पत्र में 16 आपराधिक मुकदमों का उल्लेख था। जिसमें हत्या के प्रयास और आपराधिक साज़िश रचने जैसे गम्भीर आरोप भी हैं। वैसे विधायक हमेशा इन मुकदमों को बेवुनियाद बताते हुए विरोधियों की साजिश बताते रहे हैं। इनमें भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ और हावड़ा शामिल है। सबसे अधिक मुक़दमें भदोही और प्रयागराज में दर्ज हैं।
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की मुश्किलें योगी सरकार में बढ़ती दिखती हैं। एक माह के भीतर अब तक विधायक उनकी पत्नी और बेटे पर दो मुक़दमें दर्ज हो चुके हैं। भतीजे मनीष मिश्र से परिवार में छिड़ी जंग उनकी परेशानी को और बढ़ा रहीं है। पुलिस की तरफ़ से विधायक कसती लगाम के बाद अब तक उनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिसमें उन्होंने कहा है ब्रह्मण होने के नाते मेरे खिलाफ हत्या की साजिश रची जा रहीं है। मेरी किसी भी रात हत्या हो सकती है। हम इस सरकार में ख़ुद आत्महत्या करना चाहते है। पुलिस मेरी गिरफ्तारी की साजिश रच रहीं है। यह सब आगामी जिला पंचायत चुनाव से मुझे बेदखल करने कि साजिश रची जा रहीं है।आखिरकार उनकी आशंका सच निकली और मध्यप्रदेश से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।