स्टे के बाद भी सेवानिवृत्त सैनिक के गेट को पुलिस की मौजूदगी में दबंगो ने तोड़ा : अब न्याय न मिलने पर फौजी कह रहा है आत्महत्या करने की बात
नरही बलिया ।। पुलिस जब अपने पर आती है तो किसी भी आदेश व नियम कानून को ताक पर रखकर अपने चहेतों का काम करा देती है । देश की सरहदों की सेवा करने के बाद सेवानिवृत्त होकर चैन की सांस लेने की सोच एक सैनिक के लिये दिवास्वप्न हो गया है । सरहद की एक इंच जमीन दुश्मन को छूने भी नही देने वाले जवान के सामने ही उसके खून पसीने से बनाया गया गेट नरही पुलिस की सरपरस्ती में प्रधान व दबंगो ने तोड़ दिया ,जिसको देखकर सैनिक का कलेजा मुंह को आ गया लेकिन उफ न कर सका । अब जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए चेताया है कि अगर मुझे न्याय नही मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगा । बता दे कि तहसीलदार बलिया द्वारा इस विवादित भूखंड की पैमाइश को बरसात बाद कराने का आदेश देते हुए एसओ नरही को आदेश दिया है कि स्थिति में किसी भी तरह का परिवर्तन नही होना चाहिये । लेकिन वाह रे नरही पुलिस अपनी उपस्थिति में ही तहसीलदार द्वारा दिये गये स्टे को तोड़वा दिया ।
बता दे कि थाना क्षेत्र के सुरापाली गांव निवासी एक रिटायर फौजी के घर के गेट को नियम कानून को ताक पर रखकर कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पुलिस प्रशासन के मौजूदगी में गिरा दिया गया। गांव के दबंगों एवं प्रधान के मिलीभगत से फौजी के जमीन पर ही नाली बनाने की तैयारी चल रही है। फौजी ने कहा कि मेरी फरियाद नहीं सुनी गई तो मैं आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाऊंगा। सुरा पाली गांव निवासी गोरख यादव पुत्र शिव मुनि यादव आर्मी से रिटायर है वह अपने घर पर रह कर कृषि कार्य करते हैं । गांव के दबंगों द्वारा ग्राम प्रधान के इशारे पर घर के गेट को जन्माष्टमी के दिन गिरा दिया गया। जबकि जबकि तहसीलदार द्वारा बरसात बीत जाने के बाद पैमाइश का आदेश किया गया था, लेकिन दबंगों की मिलीभगत से मेरा घर का गेट गिरा दिया गया है । मेरी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है उल्टे मेरी भूमिधर की जमीन को कब्जा कर नाली बनाने की साजिश चल रही है जिसमें नरही पुलिस की मिलीभगत भी सामने आ रही है यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाऊंगा जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
बोले तहसीलदार गुलाब चंद्रा -होगी प्रकरण की जांच,स्टे के बाद भी तोड़ने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही
नरही थाना क्षेत्र के सुरापाली गांव में स्टे होने के बावजूद ग्राम प्रधान व दबंगो द्वारा पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में सेवानिवृत्त फौजी के गेट तोड़ने की खबर को तहसीलदार सदर बलिया गुलाब चंद्रा ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है । बलिया एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि ग्राम प्रधान को किसी का गेट तोड़ने का किसने अधिकार दे दिया ? जब तहसीलदार बलिया ने स्टे देकर यथास्थिति कायम रखने के लिये थानाध्यक्ष नरही को आदेशित कर दिया था तो फिर कैसे पुलिस कर्मी इस कृत्य में भागीदार बने , इसकी भी जांच की जाएगी । कहा कि फौजी को न्याय मिलेगा ,आत्महत्या करने की नौबत नही आएगी ।