सावधान : भाजपा नेताओं के लिये शापित है बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र ,मालीपुर मंडल अध्यक्ष पर तहसीलदार ने कराया एफआईआर
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। प्रदेश व देश मे भाजपा का शासन है लेकिन बलिया जनपद की बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र शापित हो गया लगता है । इस तहसील में भाजपा नेताओं पर आक्रमण गुंडों और सरकारी अधिकारियों, दोनो की तरफ से हो रहा है । पिछले 17 जून को भाजपा के मंडल अध्यक्ष सतीश गुप्ता को तहसीलदार बेल्थरारोड ने पिटाई कर दी थी तो वही 2 अगस्त को सीयर पुलिस चौकी के पास ही कई दर्जन बलवाइयों ने यहां के भाजपा नेता पंकज गुप्ता को व उनके पिता व भाई को घर पर चढ़ कर मारा और चौकी इंचार्ज मूकदर्शक बने हुए थे और उल्टे पीड़ित भाजपा नेता को ही हड़का कर समझौता कराने का दबाव बना रहे थे । जिसकी शिकायत मुख्य मंत्री योगी, प्रदेश अध्यक्ष को चिट्ठी भेजने पर कार्यवाही हुई ।
तो वही मंगलवार को तहसीलदार बेल्थरारोड जितेंद्र कुमार सिंह ने भाजपा के मालीपुर मंडल अध्यक्ष शशि प्रकाश चौरसिया के घर पर जाकर न सिर्फ घर की 80 वर्ष की बुढ़िया , व विधवा महिला के साथ बत्तमीजी की बल्कि उनको धक्का देकर गिरा दिया और पक्की दीवार को गिराने के बाद राजेश चौरसिया समेत लगभग एक दर्जन लोगों पर नगरा थाने पर गंभीर धाराओं में एफआईआर भी दर्ज करा दिया है ।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन्होंने वर्तमान में नेवी में अपनी ड्यूटी कर रहे जवान और दूसरे एक मानसिक रोगी युवक को भी आरोपी बना दिया है । ऐसे में में इनकी तहरीर व घटना ही संदिग्ध हो जाती है । यही नही तहसीलदार साहब के ड्राइवर का रिश्तेदार दूसरे ग्राम सभा का होते हुए भी चाकू लेकर आया था जिसको लोगो ने पकड़ कर चाकू छीन ली ।
तहसीलदार के द्वारा अपमानित हुई पार्वती देवी ने नगरा थानाध्यक्ष को तहसीलदार के खिलाफ एक आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग को है, जो अबतक नही हुआ है ।
क्या है मामला
सरकारी जांच रिपोर्टों पर गौर करे तो दूसरे ग्राम सभा सिकरहटा के निवासी शिवबली पुत्र सूर्य प्रसाद व अनंत पुत्र सीताराम ने राजदेव आदि दुरभिसंधि करके 229 बी के तहत अर्जी दावा के द्वारा गौवापर के खाता संख्या 243 पु0 गाटा संख्या 257/9 क्षेत्रफल 0.0600 हे0 भूमि को साजिशी तौर पर अपनी सिरदारी बताकर दावा दिनांक 3.10.64 को दाखिल करके आदेश दिनांक 18.10.64 को मात्र 15 दिनों के अंदर ही प्राय कर लिया । इसके बाद इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से तजबीसानी दाखिल हुई और 12.2.69 को राज्य सरकार की तजबीसानी स्वीकृति से उक्त 229 बी के एक पक्षीय आदेश दिनांक 18.10.64 को निरस्त कर दिया गया । विपक्षी गणों से इसके खिलाफ राजस्व परिषद इलाहाबाद में निगरानी दाखिल की गई जिसको मननीय राजस्व परिषद इलाहाबाद ने 9.12.71 को खारिज करते हुए राज्य सरकार की स्वीकृत तजबीसानी आदेश दिनांक 12.2.69 की पुष्टि कर दी । लेकिन फरेब से नाम चढ़ाने वालो का साजिश के तहत माननीय राजस्व परिषद के आदेश के बाद भी 2020 तक नाम सरकारी अभिलेखों से नही हटा । जिसके सम्बन्ध में राजेश कुमार चौरसिया ने सूचना के आधार पर इस संबंध में जनसूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मांगी गई जिसके बाद एसडीएम बेल्थरारोड हरकत में आये और सरकारी दस्तावेजों से शिवबली और इनकी मृत्यु के बाद वरिसानो के चढ़ाए गये नाम को हटाकर पत्रवली को 10.2.2020 को 229 बी के आदेश के पूर्व की स्थिति में करा दिया गया ।
वर्तमान समय मे शिवबली के वारिश ने जिलाधिकारी बलिया को साक्ष्यों व माननीय राजस्व परिषद इलाहाबाद के आदेश दिनांक 12.2.69को छुपाते हुए इस भूखंड पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश ले लिया । इसी आदेश के अनुपालन में तहसीलदार बेल्थरारोड गौवापर जाकर भाजपा मंडल अध्यक्ष की बाउंड्री को गिराने लगे जिसका विरोध महिलाओ ने किया तो उनके साथ धक्कामुक्की किये और गिरा दिये और पैर से भी प्रहार किये, ऐसा महिलाओ ने तहरीर में लिखा है ।
सबसे बड़ा सवाल : क्या राजस्व परिषद के आदेश को संशोधित करने या अपील सुनने का डीएम को है अधिकार ?
दिनांक 9.12.71के राजस्व परिषद इलाहाबाद के आदेश की माननीय उच्च न्यायालय में खिलाफत नही करने से इस आदेश को जनपद स्तर के किसी भी अधिकारी को न तो सुनने का अधिकार है, न ही इसमे संशोधन का । लेकिन इसके वावजूद इस आदेश के बाद भी जिलाधिकारी बलिया द्वारा यथास्थिति कायम रखने का आदेश देना निश्चित रूप से माननीय राजस्व परिषद की अवमानना की श्रेणी में आता है और तहसीलदार द्वारा आबादी के अंदर के निर्माण को गिराना दीवानी न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है । बलिया एक्सप्रेस से बातचीत में तहसीलदार ने यह बात स्वीकार किया कि जिस भूखंड पर दीवार बनाई गई है वह आबादी /बस्ती की जमीन है ।ऐसे में गौवापार की आबादी की जमीन पर सिकरहटा के निवासी को कब्जा दिलाने के प्रयास तहसीलदार द्वारा किया जाना कही न कही सवालों के घेरे में तो आ ही गया है ।