मनबढ़ ईओ की अगुवाई में नगर पालिका के अधिकारियों ने तोड़ी बलिया में शहीदों के सम्मान की परम्परा, क्या डीएम बलिया करेंगे कार्यवाही ?
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। पिछले साल सदर विधायक अब मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के द्वारा कराये गये स्थानांतरण को रुकवा कर जब से अधिशाषी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा बलिया दुबारा आये है,ये अपने आप को बलिया के राजनेताओ और अधिकारियों से भी बलवान व ताकतवर मानने लगे है । इस सोच के चलते एक तरफ इन्होंने जहां भ्रष्टाचार की बुलंदियों को छुआ है (इसकी शिकायत मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल व चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी दोनो लोगो ने सीएम योगी से लगायत शासन के हर छोटे बड़े अधिकारियों से की है ) वही बलिया की ऐतिहासिक परंपराओ को भी तोड़ने का कुचक्र रचने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है । यह तब से और बढ़ गया है ,जब से मंत्री श्री शुक्ल ने सीएम योगी के बलिया आगमन पर चेयरमैन का शिकायती पत्र सीएम योगी को सौप कर कार्यवाही की मांग की है । शुरुआत में तो यह अधिकारी इस घटना के बाद डरा भी लेकिन संभवतः जब से शासन में बैठे इसके आकाओं ने अभयदान दे दिया है ,यह फिर से अपनी तानाशाही पर उतर आया है । इसको लगता है अब मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल का भी डर नही है । यही कारण है कि इसने स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर शहीद चौक में बापू की प्रतिमा के समक्ष नगर पालिका परिषद के चेयरमैन, ईओ के साथ ही समस्त कर्मचारियों के साथ झंडा फहराने की परंपरा को तोड़कर एक तरह से इसने शहीदों का अपमान ही कर दिया है ।
बता दे कि परम्परा है कि स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस नगर पालिका में ध्वजारोहण के बाद सभी लोग शहीद चौक में भी झंडारोहण करते है । लेकिन जब से चेयरमैन अजय कुमार ने ईओ दिनेश कुमार विश्वकर्मा और लेखाधिकारी अचिन्त्य कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जांच की मांग की है, तब से ईओ ने अधिकारियों कर्मचारियों की लामबंदी शुरू कर दिया है । इसी का नतीजा है कि इस अधिकारी ने स्वयं तो शहीदों के प्रति दुर्भावना को दर्शाया ही, सहायक अभियंता, अवर अभियंता, लेखाधिकारी,सेनेटरी निरीक्षकों समेत अधिसंख्य कर्मचारियों को भी चौक में जहां चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी ने ध्वजारोहण किया, जाने से रोक दिया और बलिया की क्रांतिकारी परम्परा का घोर अपमान किया । लोगो का कहना है कि इसकी भ्रष्टाचार की जड़े सचिवालय तक पहुंची हुई है । इसी के चलते इसके खिलाफ चाहे किसी भी शिकायत हो, उस पर कार्यवाही नही हो रही है ।
अब देखना है कि इस घटना के बाद जिलाधिकारी बलिया, मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल क्या कार्यवाही करते है । अगर इस बार इस अधिकारी पर कार्यवाही नही होती है तो बलिया के लोगो मे यह बात स्थायी रूप से बैठ जाएगी कि
बलिया के मंत्रियों नेताओ पर भारी,नगर पालिका का एक अधिकारी ।