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श्री राम मंदिर के निर्माण से देश के गौरव का पुनर्अभ्युदय : साहित्यकारों और आम जनमानस में खुशी की लहर






मुक्त कंठ से  सभी कर रहे हैं केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना 

डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय
प्रयागराज ।।  तीर्थराज प्रयागराज में  भी देश के अन्य भागों की भांति आम जनमानस और साहित्यकारों  के बीच  श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर खुशी की लहर व्याप्त है श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में जन-जन की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने की खबर पाकर लेखकों साहित्यकारों और कवियों में असीम उर्जा का संचार भर गया लोगों ने अपने-अपने ढंग से रचनाएं लिखना शुरू कर दिया कवियों  ने मंच पर श्री राम मंदिर की गाथा बताई तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में भी मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद उत्साह भरी रचनाएं पढ़ने को मिली सुप्रसिद्ध संत कवि और साहित्यकार बाबा कल्पनेश जी महाराज श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर बहुत उत्साहित हैं उनका कहना है कि
अयोध्या में श्री रामलला मंदिर निर्माण  प्रक्रिया 5 अगस्त से माननीय प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा प्रारम्भ हो रहा है यह विश्व में भारत के गौरव का पुनर्अभ्युदय है ही इससे पूरे विश्व में मानवतावादी पक्ष मजबूत हो कर उभरेगा और आतंकवाद का अंत होगा-विश्व की अनिष्टकारी शक्तियां पराभूत होंगी।रामावतार का यही लक्ष्य रहा है और यही लक्ष्य राम मंदिर पुनर्निर्माण का भी है जो मंदिर निर्माण के साथ ही दृष्टिगोचर होने लगेगा।  मौलिक विचार एवं साहित्यिक सर्जना की प्रतिनिधि पत्रिका साहित्यांजलि  प्रभा के संपादक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय का कहना है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए कई सौ बरसों के बाद यह ऐतिहासिक क्षण आया है समूचे देश वासी इस निर्णय से प्रसन्न है और वे उस दिन की आकुल प्रतीक्षा कर रहे हैं जब वे भव्य श्री राम मंदिर के प्रांगण में जाकर वहां अपनी आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम का दर्शन कर सकेंगे यह  आतताइयों पर विजय है और एक काले अध्याय का समापन  हो गया जो लोग इस तिथि का विरोध कर रहे हैं वह वास्तव में देशद्रोही कहे जाएंगे क्योंकि वह जिस मिट्टी का नमक खाकर उसके नहीं हुए तो वह और किसी के भी नहीं हो सकते
वरिष्ठ साहित्यकार और समीक्षक डॉ त्रिलोकी सिंह जी का मानना है कि  मर्यादापुरुषोत्तम भगवान् श्रीराम श्रीहरि विष्णु के सातवें अवतार हैं। 'रामो विग्रहवान धर्म:' के अनुसार श्रीराम धर्म के मूर्त्त रूप हैं। वे हमारी भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।असुर संस्कृति को विनष्ट कर,ऋषि- मुनियों की रक्षा कर, सु-राज्य की स्थापना कर पुरुषोत्तम होते हुए भी वे जन-जन के वन्दनीय हो गए।"आनन्द रामायण" में कहा गया है--
  खले कृतान्तं स्वजने विनीतं
  सामोपगीतं मनसा प्रतीतम्।
   रागेण गीतं वचनादतीतं
  श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ।।
      अयोध्या प्रभु श्रीराम की परमपावनी जन्मस्थली है।वहाँ भव्य एवं विशाल मन्दिर का निर्माण परम आह्लादकारी है।
हम अपने परमाराध्य भगवान् श्रीराम के श्रीचरणों में बारम्बार नमन-वन्दन करते हैं.
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की प्रयागराज मंडल इकाई के अध्यक्ष  वरिष्ठ पत्रकार आलोक त्रिपाठी ने अपने विचार  इस प्रकार व्यक्त किए ।
अयोध्या में श्री राम लला के मंदिर निर्माण होने के रास्ते में आ रही बाधाओं के हटने से जहां श्री राम  के भक्तों में दिव्य खुशी का माहौल है। वहीं वर्षों से राजनीतिक गलियारे में राम मंदिर के नाम पर चल रही कु राजनीति का सदा सदा के लिए विराम लग गया । राम के भक्तों की देर से ही सही  जीत हुई ।और राजनीति से भी शायड कुछ दिनों में मुक्ति मिल जाए?
वरिष्ठ कवि और  शिक्षक  तथा  राष्ट्रीय प्रतिभा विकास मंच के  महासचिव जगदंबा प्रसाद शुक्ला जी का कहना है कि अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली है जिसके पर्याप्त साक्ष्य आज भी मौजूद हैं। रघुकुल तिलक प्रभु श्री राम के जन्म स्थल को कुछ आक्रांताओं द्वारा एक कुचक्र के तहत नष्ट करके हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी प्रभु श्री राम का जन्मस्थान राजनैतिक गुटबंदी का शिकार होता रहा। यह हर्ष का विषय है कि इतने झंझावात झेलने के बाद अयोध्या में प्रभु का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। यह कदम जहां हिदुओं के लिए परम गौरव की बात होगी वहीं उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।
   युवा पत्रकार प्रेमानंद मिश्र का कहना है कि
अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बने यह पूरे हिंदुस्तान के सभी निवासियों के लिए गर्व की बात है। सभी देश वासियों से मंदिर निर्माण में सहयोग अपेक्षित है।
      मंच पर अपनी देशभक्त की रचनाओं के लिए मशहूर ओज  के युवा कवि बबलू सिंह बहियारी सदैव से राष्ट्रभक्ति की अलख जगाते रहे हैं उनका कहना है कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होना असत्य पर सत्य की विजय के समान है.. जिस न्यायपालिका में स्वयं भगवान राम का केस अनेकों वर्षों तक प्रतीक्षित रहा वहाँ आम आदमी के केसों की क्या दशा होगी ये भी सोचनीय प्रश्न है।
हास्य कवि अशोक बेशरम ने कहा कि यह लोकमान्यताओं के सन्दर्भ में बहुत दिनो बाद एक पुनीत कार्य हो रहा है।इससे भारत के भक्ति प्रवण जनमानस की आस्था प्रगाढ होने के साथ साथ सर्वसमाज लोकाभिराम राम के दर्शन कर
जीवन को धन्य करेगा।
भगवान श्री राम के विरोधियों का समूल नाश हुआ है यह इतिहास स्वयं सिद्ध करता है इसी प्रकार वर्तमान में भी राम द्रोहियों का सर्वनाश निश्चित है उपरोक्त विचार नारायण जी के हैं जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज वर्तमान समय में देश की बागडोर संभालने वाले लोगों पर गर्व करना चाहिए जिन्होंने गंदी राजनीति करने वालों के मुंह पर एक करारा तमाचा मारा है 
आम जनमानस भी इस निर्णय से खुश है ग्रामीण क्षेत्र में भी इस बात की यत्र तत्र चर्चा हो रही है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण मसले का हल करके अच्छा कार्य किया है अन्यथा पिछली सरकारें तो केवल घृणित राजनीति करती आई हैं यह मुद्दा ही समाप्त हो गया बहुत अच्छा हुआ ।