आशाओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन : 2019 से बढ़ा मानदेय देने की है प्रमुख मांग
बलिया ।। आशा कर्मचारी यूनियन उत्तर प्रदेश की बलिया शाखा की आशाओं ने जिला संयोजक शशि सिंह व मंडल संयोजक अर्चना सिंह के संयुक्त नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम का 15 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी बलिया के माध्यम से शनिवार को भेजा । इन दोनों नेत्रियों ने जिलाधिकारी बलिया के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए स्थानीय स्तर की समस्याओं से भी अवगत कराकर निराकरण कराने की मांग की । कहा कि अप्रैल 2019 से हम आशाओं के मानदेय में सरकार ने प्रतिमाह साढ़े सात सौ रुपए की बढ़ोत्तरी की है लेकिन सीएमओ बलिया कार्यालय की लापरवाही के चलते पिछले वित्तीय वर्ष का मानदेय बजट होने के बावजूद नही दिये जाने से वापस चला गया । मांग की कि आप अपने स्तर से दबाव बनाकर हम लोगो के बकाया और वर्तमान बढ़ा हुआ मानदेय दिलाने की कृपा करें । श्री सिंह ने आश्वस्त किया कि सीएमओ बलिया से वार्ता कर स्थानीय स्तर की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर कराने का प्रयास करूंगा ।
मुख्यमंत्री को भेजा गया ज्ञापन निम्न है --
माननीय मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश सरकार
लखनऊ
महोदय,
सविनय निवेदन है कि कोविड-19 के नियंत्रक एवं सर्विसलांस में प्रदेश के लाखो-लाख स्कीम वर्कर-आशा, आंगनबाड़ी एवं मिड-डे-मिल वर्सर फन्ट लाइन वर्कर्स के रूप में कार्य कर रही है ,बावजूद इसके उन्हे सुरक्षा उपकरणों एवं सामग्रियों से वंचित रखा गया है । यहां तक की उनको देय पारिश्रमिक/मानदेय का भुगतान समय से नहीं किया जा रहा है, जिससे उनके अन्दर काफी हताशा है।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि प्रदेश के लाखो-लाख स्कीम वर्करों के निम्नलिखित मांगो को अपने स्तर से प्रतिपूर्ति कराने की कृपा करें, जिससे उनके भी जीवन को सुव्यवस्थित किया जा सकें। हम सभी आपके आभारी रहेंगे ।
प्रमुख मांग ---
1. अस्पतालों सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं, आई०सी०डी०एस० व मिड-डे-मील सहित पोषण योजनाओं एवं शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के प्रस्ताव का वापस लो एवं सार्वजनिक क्षेत्र के इकाईयों और सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगायी जाय।
2. केन्द्र प्रयोजित योजनाओं जैसे आई०सी०डी०एस०. एन०एच०एम० व मिड डे-मिल के स्कीम के बजट आवंटन में बढ़ोत्तरी कर उन्हे स्थाई विभाग बनाया जाय।
3. 45वें व 46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिसों के अनुसार योजना श्रमिको को मजदूर के रूप में मान्यता देते हुए सभी योजना श्रमिकों को रूपये 31000/- प्रतिमाह वेतन दिया जाय तथा रुपये 10000/- प्रतिमाह पेंशन एवं ईएसआई ,पी०एफ० आदि प्रदान किया जाय।
4. भोजन के अधिकार एवं शिक्षा के अधिकार की तरह सर्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा को भी सबके लिए अधिकार बनाया जाय।
5. कोडिफिकेशन के नाम पर श्रम कानूनों में न्योक्ता हितकारी बदलाव न लाया जाय एवं कोविड-19 के संकट के नाम पर काम के घण्टों में बढ़ोतरी न किया जाय तथा श्रम कानूनों को फ्रिज न किया जाय। सभी स्कीम वर्कर्स को वर्कर की श्रेणी में लाया जाय।
6. पूरे छः महिने तक टैक्स के दायरे के बाहर सभी परिवारो लिए जीवन निर्वाह हेतु 7500/- रुपये प्रतिमाह देने और जरूरतमन्दों के लिए मुफ्त राशन/भोजन की व्यवस्था की जाय। सभी के लिए नौकरियों या आय सुरक्षित किया जाए।
7. स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी फन्ट लाईन वर्कर विशेषकर आशा व आगनबाड़ी वर्कर्स को सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान किया जाय। विशेषकर स्वास्थ्य सर्वेक्षण हेतु कोविड-19 प्रभावित के क्षेत्रों और रेड जोन में लगे हुए वर्कर्स के लिए पीपीई किट तथा सभी फन्ट लाईन श्रमिको को बार बार निरन्तर फ्री कोविड-19 टेस्ट किया जाय। 50 वर्ष से अधिक उग्र वाले व स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं वाले वर्कर्स को कोविड-19 ड्यूटी न दी जाय।
8. सभी फन्ट लाईन श्रमिकों का 50 लाख बीमा कवर दिया जाय जिसमें डियूटी पर होने वाली सभी मौको को कवर किया जाय तथा मृत्यु होने पर वर्कस के आश्रितों को पेंशन/ नौकरी दी जाय एवं पूरे परिवार के लिए कोविड-19 के उपचार के लिए भी कवरेज दिया जाय।
9. कोविड-19 डियूटी में लगे सभी कॉन्ट्रैक्ट व योजना श्रमिको विशेषकर आशा व आगनबाडी तथा एनएचएम वर्कर के लिए प्रतिमाह 10000/- रू0 का अतिरिक्त कोविड-19 जोखिम भत्ता भुगतान किया जाय, तथा योजना श्रमिकों के वेतन भत्ते आदि के सभी लंबित देयको का भुगतान तुरन्त किया जाय।
10. डियूटी पर रहते हुए संकमित हुए सभी लोगो के लिए न्यूनतम 10 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाय।
11. मौजूदा बीमा योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बीमा योजना का लाभ सभी योजनाओं के सभी कार्यरत कर्मियों को कवर करते हुए सर्व भौमिक कवरेज के साथ ठीक से लागू किया जाय।
12 गर्मियों के छुट्टीयों सहित वर्तमान में स्कूल बन्द होने की स्थिति में मिड डे-मिल वर्कर्स को 10000/- प्रतिमाह दिये जाय एवं केंद्रीकृत रसोई व रसोइयों का ठेकाकरण न किया जाय।
13. केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिए बजट आवंटन बढाया जाय तथा आई०सी०डी०एस०, एन०एच०एम और मिड-डे-मिल के सभी लाभार्थीयों के लिए अच्छी गुणवत्ता के साथ पर्याप्त अच्छी राशन प्रदान किया जाय। वापस आ को भी इन योजनाओं में शमिल किया जाय।
14. इनकम टैक्स के दायरे के बाहर के सभी लोगो को मुक्त और पर्याप्त कोविड-19टेस्ट और उपचार की सुविधाएं प्रदान की जाय, तथा कोरोनाटाईम सेन्टर और अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित किया जाय। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए जीडीपी का 6 प्रतिशत बजट आवंटित किया जाय।
15. वित्त जुटाने के लिए सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं पर खर्च बचाया जाय एवं संसाधनों के लिए घनी वर्गों पर अतिरिक्त कर लगाते हुए टैक्स डिपाल्टर से
वसूली किया जाय।
अर्चना सिंह मंडल संयोजक ,शशि सिंह जिला संजोजक ,सुशील त्रिपाठी मंडल/जिला संरक्षक ने पत्रक पर हस्ताक्षर किया है ।