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चौदह साहित्यकारों को मिला हिंदी साहित्य सेवी सम्मान :विभिन्न विधाओं की कृतियों पर साहित्यकार किए गए सम्मानित




प्रयागराज ।।  जनपद के जमुनापार क्षेत्र से जनवरी 19 81 से प्रकाशित  मौलिक विचार एवं साहित्यिक सर्जना की प्रतिनिधि पत्रिका साहित्यांजलि जो अब साहित्यांजलि  प्रभा के नाम से प्रकाशित हो रही है  के  द्वारा दिया जाने वाला हिंदी साहित्य सेवी सम्मान 2020 घोषित कर दिया गया है !
  पत्रिका के संपादक डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि प्राप्त प्रविष्टियों के आधार पर श्रेष्ठ कृतियों को चयनित किया गया जिसमें 14 साहित्यकारों को उनकी पुस्तकों पर हिंदी साहित्य सेवी सम्मान 2020 सादर प्रदान किया गया सम्मानित रचनाकारों में  1--श्रीमती तुलसी देवी तिवारी ( इंतजार एक औरत का -  कहानी संग्रह)  2---डॉ स्वाति सिंह ( मनश्विनी  --कहानी संकलन  ) 3---डॉक्टर शंभू नाथ त्रिपाठी " अंशुल "   ( रामकथा के कतिपय संदर्भ  -- लेख संकलन) 4 ----श्रीमती आभा गुप्ता ( मेरी कविताएं  --कविता संग्रह) 5  -- श्रीमती मनोरमा अग्रवाल  ( मंजिल की ओर एक कदम और -- विचार संग्रह ) 6---देवेंद्र कुमार मिश्र ( आंखें घर होती हैं  -  कविता संग्रह  ) 7 ---डॉ  अनिता सिंह  (   इंतजार --कहानी संग्रह )  8 --डॉ प्रदीप कुमार चित्रांशी ( शमशान की कबीरी  --ललित लेख ) 9 --रचना सक्सेना ( किसकी रचना  --काव्य संग्रह )   10 -- मीरा सिन्हा  ( देवभूमि किन्नौर में आपका स्वागत है --किन्नौर संस्कृति पर लिखी पुस्तक) 11--श्रीमती मंजू पांडेय महक जौनपुरी ( मेहंदी महावर -- हाइकु संग्रह ) 12 ---डॉक्टर रामलखन चौरसिया बागीश ( केकड़ा संस्कृति --कहानी संग्रह) 13---डॉ उषा मिश्रा  (साहित्यकारों के सृजनात्मक सरोकार) 14--पंडित कृष्ण देव मिश्र कृष्ण ( बंदिनी  --उपन्यास) पर सभी साहित्यकारों को हिंदी साहित्य सेवी सम्मान 2020 से अलंकृत किया गया है जिनका सम्मान पत्र अतिशीघ्र उनके पते पर भेजा जा रहा है संपादक ने बताया कि जिन प्रविष्टियों को इस योजना में पुरस्कार या सम्मान नहीं मिल पाया है उन्हें पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है एक बार सम्मानित साहित्यकार आगामी 2 वर्ष तक योजना में शामिल नहीं होते हैं वर्ष 2021 के लिए पत्रिका द्वारा शीघ्र ही चयन समिति का गठन किया जाएगा और सम्मान व अलंकरण की संख्या भी बढ़ाई जाएगी पत्रिका में आई हुई प्रविष्टि  में  जो पुस्तकें प्राप्त होती हैं वह स्थानीय श्री हनुमान पुस्तकालय को सादर भेंट कर दी जाती हैं और कुछ पुस्तकें पत्रिका के वार्षिक सदस्यों को भेंट स्वरूप प्रदान कर दी जाती हैं इस वर्ष सितंबर के प्रथम सप्ताह में पत्रिका द्वारा विशेष योजना चलाई गई थी जिसके अंतर्गत बने वार्षिक सदस्यों को न्यूनतम ₹200 मूल्य की पुस्तकें उनके निर्दिष्ट पते पर डाक अथवा कोरियर से भेजी जा रही हैं चयन समिति और संपादक मंडल ने पुरस्कृत साहित्यकारों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं ।