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किसानों के मुद्दों पर पत्रक देने में एकजुट दिखे सपा नेता : किसानों के लिए गला घोंटू है नया कृषि कानून : सपा









सपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा

बलिया।। देश के किसानों व श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में समाजवादी पार्टी बलिया द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव के निर्देश पर शुक्रवार को राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी बलिया को सौंपा गया। आज ज्ञापन देते समय स्थानीय सपा नेताओं में एकजुटता दिखी । बता दे कि पिछले दिनों बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था आदि के मुद्दे पर पत्रक देते समय स्थानीय सपा नेताओं की गुटबंदी दिख गयी थी और एक पत्रक की जगह दो दो पत्रक उप जिलाधिकारी बलिया को सौंपे गये थे । लेकिन आज सपा नेताओं ने पिछली गलतियों को सुधार कर एक ही पत्रक दिया ।

आज सौंपे गये पत्रक में सपा ने आरोप लगाया है कि नया कृषि कानून किसानों के लिए गला घोंटू कानून है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि नीति किसानों के हितों को ध्यान में रख कर बनाया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि वर्तमान केंद्र सरकार नए कृषि कानून में किसान हितों के बजाय पूंजीपतियों के हितों को सुरक्षा प्रदान करने और कृषि में पूंजीवाद को बढ़ावा देने का प्रावधान ले कर आई है। जिससे किसान अब अपने कृषि का मालिक न रह कर सिर्फ एक मजदूर रह जायेगा। नए कानून में कृषि उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित न होने के कारण किसान अपने कृषि उत्पाद को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होगा। वहीं नए कानून में गेहूं, धान और दलहन की फसलों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है। जिससे किसानों को बड़े आढ़तियों और व्यापारियों को उनके शर्तों पर अपना उत्पाद बेचने को बाध्य होना पड़ेगा।
     संसद में पारित श्रमिक कानून से श्रमिक हितों को कुंद कर दिया गया है । अभीतक 100 श्रमिकों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति के अपने श्रमिको की छटनी का अधिकार नहीं था लेकिन अब नए कानून में 300 श्रमिकों वाले कल कारखानों को भी जब चाहे तब अपने कर्मचारियों को छंटनी का अधिकार मिल गया है। जिससे श्रमिक वर्ग के मन मे असुरक्षा का भाव होगा।

      उक्त अवसर पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजमंगल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से देश के किसानों और मजदूरों के साथ खड़ी है और किसान एव श्रमिक विरोधी इस काले कानून का विरोध अंतिम समय तक किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों का सबका साथ सबका विकास का नारा सत्ता में आने के बाद बदल गया है और 'एक साथ सबका विनाश' हो गया है। आज देश का जवान हो या किसान हो सब परेशान हैं। लेकिन इस हिटलर वादी सरकार को कुछ भी दिख नहीं रहा है। सदर विधान सभा प्रभारी लक्ष्मण गुप्ता ने कहा कि भाजपा की सरकार किसान विरोधी,नौजवान विरोधी,व्यापारी और सरकारी कर्मचारी विरोधी है । यह सरकार सिर्फ चंद उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिये देश के सार्वजनिक उपक्रमो को बेचते बेचते अब किसानों को भी इनके हाथों में बंधुवा मजदूर बनाने पर लगी है । लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के रहते ऐसा नही होने वाला है ।

 सोहांव ब्लाक प्रमुख वंशीधर यादव ने कहा कि अब देश व प्रदेश का किसान भाजपा की चाल पट्टी को जान लिया है और आगामी चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के लिये तैयार हो गया है ।
पूर्वमंत्री नारद राय ने कहा कि भाजपा का असली किसान व मजदूर विरोधी चेहरा अब दिखा है । पीएम मोदी ने किसानों की आमदनी को 2022 तक दुगनी करने का सब्जबाग दिखाकर सत्ता हासिल करते ही पूँजीपत्तियो के आगे अनुबंध रूपी भीख का कटोरा लेकर खड़ा होने के लिये मजबूर कर दिया है । आमदनी दुगनी तो छोड़ियो अब किसान गर्व से सर उठाकर चलने लायक भी नही रह जायेगा और उद्योगपतियों का बंधुआ मजदूर बन जायेगा ।
        पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय 'कान्हजी' ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें अधिनायक वादी हो गई हैं। पूर्ण बहुमत के दम्भ में देश और प्रदेश के किसानों युवाओं, बेरोजगारों और श्रमिकों को कुचलने पर आमादा है। जनहित से इनका कोई सरोकार नहीं है। चंद पूंजीपतियों के हितों के लिए देश को बर्बाद किया जा रहा है। लंबे-लंबे सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आई भाजपा देश के आम लोगो के सपनो को अपने गलत नीतियों से चकनाचूर कर रही है और ऊंचे-ऊंचे पदों पर बैठे लोग झूठ दर झूठ बोल कर देश को शर्मसार कर रहे हैं। जनता अब इन लोगो से छुटकारा चाह रही है, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत वह मौका 2022 और फिर 24 में मिलेगा और जनता उस समय स्वयं इन लोगों से गला छुड़ा लेगी।
इस अवसर पर सर्वश्री नारद राय, श्रीमती मंजू सिंह, संजय उपाध्याय, लक्ष्मण गुप्ता, रामजी गुप्ता साथी, राजन कनौजिया, रमेश चंद्र साहनी, विजय शंकर यादव, जयप्रकाश यादव मुन्ना, जमाल आलम, अजय यादव, कृपा शंकर यादव, मनन दुबे, शिवजी त्यागी, प्रभुनाथ यादव, विश्वनाथ यादव, अमलेश चौहान, मंटू साहनी, शैलेन्द्र यादव, अजीत सिंह यादव, रामभरोसे यादव, मिंटू खा, जितेंद्र यादव, जलालुद्दीन जेडी, अरविंद वाल्मीकि, बंधु गोड़, दिलीप भाई, इम्तियाज अहमद, देवेंद्र यादव, हरेंद्र गोंड, अमित राय, पिंटू पासवान, अभिमन्यु सिंह विक्की सिंह, दिलीप खरवार, संजय नटराज, अजय यादव आदि उपस्थित रहे।