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नाबालिग से हुआ बलात्कार पर पुलिस ने नही की बलात्कार का दर्ज मुकदमा ,पीड़िता की मां का आरोप - एसआई दे रहे है समझौता करने का दबाव




नरही बलिया ।। संगीन मामले में भी नरही पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई है। ताजा मामला स्थानीय गांव का है जहां नाबालिग लड़की के भगाने एवं बलात्कार के मामले को पुलिस ने लीपापोती की है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि मंत्री उपेन्द्र तिवारी के हस्तक्षेप के बाद भी पीड़िता न्याय के लिए भटक रही है। पीड़िता ने बताया कि 11 अगस्त को दिन में गांव का एक लड़का मेरी नाबालिग लड़की को भगा ले गया।जिसकी तहरीर 12 अगस्त को मैं नामजद नरही थाना में दी। 23 अगस्त की रात 9 बजे एसआई रमाशंकर ,महिला कांस्टेबल सुनीता यादव लड़की को लेकर मेरे घर में जबरिया घुसाने का प्रयास करने लगे ,जहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी।एकत्रित भीड़ के विरोध के बाद पीड़ित की मां व पीड़ित लड़की को रात भर थाने में रखा गया।उसी रात में एसआई रमाशंकर द्वारा पीड़ित लड़की और उसकी मां से कई सादे कागज़ो पर अंगूठे का निशान लगवाने के साथ ही हस्ताक्षर भी बनवाया गया और रात भर थाने में रखा गया। सुबह  मंत्री उपेंद्र तिवारी के कहने पर पुलिस ने 363/366 का मुकदमा पंजीकृत किया जबकि तहरीर में नाबालिग के साथ बलात्कार होने की भी बात कही गयी थी ।अगले दिन  प्रार्थिनी के खर्चे पर मेडिकल के लिए बलिया ले जाया गया जहां पर उक्त लड़की का एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड कराया गया, जबकि इस तरह के मामलों में बलात्कार से सम्बंधित  टेस्ट कराया जाता है । इस पूरे प्रकरण के बाद लड़की के परिजनों को मुकदमे और मेडिकल से संबंधित कोई भी कागजात नहीं दिया गया, साथ ही पुलिस के द्वारा लगातार समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है। बता दे कि पीड़िता ने पुुुलिस
अधीक्षक को भेजे पत्र में कई बार बलात्कार किये जाने की बात की है जबकि थाने में महिला आरक्षी द्वारा लिखे गये आवेदन में बलात्कार नही किये जाने की बात लिखी हुई है ।






लड़की के नाबालिग होने के बावजूद 376 तथा पाक्सो एक्ट की धारा नहीं लगाई गई ,आरोपित लड़के को नाबालिग बताकर किशोर न्यायालय मऊ भेज दिया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के और केंद्र सरकार द्वारा संशोधित नये कानून के अनुसार इस तरह के मामलों में 16 वर्ष के ऊपर के मुलजिम को बालिग माना जाता है । इस घटनाक्रम के बाद लड़की के माता-पिता एवं भाई के द्वारा अदालत में शपथपत्र दिया गया है कि मेरी लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म हुआ है जैसा कि लड़की ने अपने मां को बताया है।नाबालिग लड़की का बयान मायने नहीं रखता जबकि पुलिस ने बयान में उक्त पीड़िता से ही दस्तखत करवा लिए ।
सोमवार को पीड़िता की मा ने कहा कि इस पूरे मामले में उप निरीक्षक रामाशंकर शुरू से लेकर अब तक लीपापोती में लगे हैं । मैं न्याय के लिए मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकारियों तक गुहार लगा चुकी हूं। मुझे थाने से न्याय मिलने के बजाए वेश्यावृत्ति के मुकदमे में फंसाने की धमकी मिल रही है।इस पूरे मामले में नरहीं पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।

जांच अधिकारी अभी ही भूल गये है दफाये
नरही। लड़की के मामले में नरही थाने पर तैनात उपनिरीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम है कि इस प्रकरण में कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई है।