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बलिया में पत्रकारों ने दी दिवंगत साथी रतन सिंह को कैंडिल मार्च निकाल कर श्रद्धांजलि











कोविड 19 के प्रोटोकॉल का किया पालन,समाजसेवी युवाओं का भी रहा सहयोग

बलिया ।। विगत 24 अगस्त को अपराधियो द्वारा किये गये हमले में दिवंगत सहारा समय के पत्रकार रतन सिंह को बलिया के पत्रकारों ने कैंडिल मार्च निकाल कर भावभीनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । इस मार्च में युवा समाजसेवियों का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा । कैंडिल मार्च में पत्रकारों ने  कोविड 19 के नियमो का पालन करते हुए लोगो मे कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने के दायित्व का पालन करना नही छोड़ा, सभी लोगों ने मास्क और टोपी पहनने के साथ दो गज की दूरी का पालन सतर्कता के साथ किया । यह शांतिपूर्ण कैंडिल मार्च भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिलाध्यक्ष मधुसूदन सिंह के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन बलिया से शहीद चौक स्थित बापू की प्रतिमा तक पहुंचने के बाद एक शोक सभा मे परिवर्तित हो गयी । पत्रकारों ने अपने दिवंगत साथी रतन सिंह को एक मृदुभाषी स्वच्छ पत्रकारिता करने वाला तथा दोस्तो के लिये पक्ष का पहाड़ वाले व्यक्तित्व का धनी बताया ।





  वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र मिश्र ने कहा कि रतन सिंह एक जज्बाती व्यक्तित्व के धनी,और आवाज देने वाले के लिये सदैव चलने को तैयार रहने वाले मित्र थे । ऐसे मृदुभाषी दोस्त को खोकर हम लोग काफी दुखी है । वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण मिश्र उर्फ रंजीत मिश्र ने कहा कि रतन सिंह तो हमारे लिये सगे भाई जैसे थे,न सिर्फ व्यवसायिक सम्बन्ध थे बल्कि पारिवारिक सम्बन्ध अपनत्व वाला था । स्व रतन सिंह के एकाएक दुःखद तरीके से चले जाने से मुझे तो व्यक्तिगत हानि हुई है । इस नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है । वरिष्ठ पत्रकार अनिल अकेला ने कहा कि रतन के इस तरह साथ छोड़ देने से आज मै वास्तव में अपने आप को अकेला महसूस कर रहा हूँ ।





वरिष्ठ पत्रकार आसिफ जैदी ने कहा कि रतन हमारे जिगरी दोस्त थे,12 दिन गुजर जाने के बाद लग ही नही रहा है कि रतन हमारे बीच नही है । वही हंसता हुआ चेहरा हमारी आंखों के सामने हमेशा आ जा रहा है । वरिष्ठ पत्रकार मुकेश मिश्र ने कहा कि रतन हम लोगो से इतने घुले मिले थे कि इनको भुलाना कठिन है । वरिष्ठ पत्रकार मनोज चतुर्वेदी ने रतन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि -
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई 
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया
समाजसेवी सागर सिंह राहुल ने कहा कि रतन सिंह की जिस तरह से नृशंस हत्या की गई उसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है । स्व रतन सिंह के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि सब लोग मिलकर इनके हत्यारो को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाये जिससे भविष्य में कोई भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करने की जुर्रत न कर सके ।
स्व रतन सिंह को वरिष्ठ पत्रकार पशुपति जी,राणा प्रताप सिंह,मनोज राय,प्रशांत बैनर्जी,शशि कुमार,रवि सिन्हा,नवल जी ,रत्नेश सिंह,नवनीत मिश्र,विवेक जायसवाल,सागर गुप्ता,रूपेश चौबे समाजसेवी,केपी मिश्र,विक्की गुप्ता आदि ने भी अपनी अपनी श्रदांजलि अर्पित की ।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिलाध्यक्ष मधुसूदन सिंह ने कहा कि रतन सिंह अब अपने नश्वर शरीर से तो हमारे साथ नही है लेकिन वो हमारी यादों से कभी जाने वाले नही है । जिस तरह रतन सिंह किसी भी पत्रकार के लिये बिना सोचे समझे खड़े हो जाते थे,अब हम सबको उस समय तक इनके परिजनों के साथ एकजुटता के साथ खड़े रहना है जबतक हमारे दिवंगत साथी को न्याय नही मिल जाता और इनके नाबालिग बच्चे अपने पैरों पर नही खड़े हो जाते है । अपनी श्रद्धांजलि के अंत मे कहा कि

मत सहल हमें जानो फिरता है फ़लक बरसों
 तब ख़ाक के पर्दे से इंसान निकलते हैं

रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
 तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई