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जहाँ चाह वहां राह को चरितार्थ कर फोब्र्स मैग्जीन मे नामित युवा सोच पल्लव नधानी ने सनबीम स्कूल बलिया के वर्चुअल मंच से युवाओं को दिखाई नेतृत्व, नवीनीकरण और आत्मनिर्भर भारत की राह



बलिया ।। सनबीम स्कूल बलिया शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहते हुए अपने छात्र-छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन और भविष्य के लिए नित नए प्रयोग करता आ रहा है। इसके लिए समय - समय पर देश के विभिन्न सफल हस्तियों को मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित करता आया है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण आज़  आवागमन के साधन बेशक स्थगित हो गए हैं परन्तु विचारों के प्रवाह को विघालय प्रबंधन द्वारा कभी थमने नहीं दिया गया। पिछले 6 माह से सफलतापूर्वक आनलाईन कक्षाएं संचालित कराने के साथ ही साथ आए दिन छात्रों में जीवन्तता और उत्साह बनाए रखने के लिए देश के विभिन्न सफल व्यक्तियों को जूम के वर्चुअल मंच के माध्यम से आमंत्रित करता रहा है। इस वैश्विक आपदा की निराशाजनक परिस्थिति से उबरने के लिए पहले मनोचिकित्सक डॉ बी डी तिवारी, तत्पश्चात प्रसिद्ध बाल-मनोवैज्ञानिक सलोनी प्रिया और अब करियर काउंसिल के गुर साझा करने के लिए 30 साल से भी कम उम्र के फोब्र्स मैग्जीन मे नामित युवा अचिवर जो फ्यूजन चार्ट्स के संस्थापक और चार्ट्स.काम के संस्थापक और सी इ वो भी हैं, पल्लव नधानी को आमंत्रित किया है।
भागलपुर के एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे पल्लव नधानी 16 साल की उम्र में ही अपना जेबखर्च निकालने के उद्देश्य से एक वेबसाइट पर इनोवेटिव आइडियाज से संबंधित लेख लिखना शुरू किया था जो काफी पसंद किया गया। पहले दो आर्टिकल के लिए उन्होेंने 2000 डाॅलर प्राप्त किया। इसके उपरांत उनका हौसला बढ़ता गया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
17 वर्ष की उम्र में ही पल्लव ने फ्यूजन चार्ट्स की स्थापना कर दी। आज 120 देशों में उनके 25 हजार ग्राहक और 5 लाख से अधिक उपभोगकर्ता है।
आज फ्यूजन चार्ट्स के साथ ही वो चार्ट्स डाॅट काम के संस्थापक और CEO हैं।

 टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एप्पल, गुगल, जोहो, सिस्को, फेसबुक, लिंक्ड-इन, , आई. बी. एम., ई. एम. सी., नोकिया और नासा के वेदर वेबसाइट मे उनके साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। 2010 में पल्लव के डिजाइन किए गए डिजिटल डैशबोर्ड को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा सराहा गया।
महज 30 की उम्र में फोब्र्स मैग्जीन के अचिवर की लिस्ट में अपनी शानदार जगह बनाते हुए 47 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।

अपनी कामयाबी का गुर साझा करते हुए पल्लव ने छात्रों के अनगिनत, अनसुलझे सवालों का जवाब बड़ी तत्परता से दिया। उन्होंने बताया कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले डर तो रहता ही है कि हम सफल होंगे भी या नहीं। लेकिन हम जैसे जैसे आत्मविश्वास और मेहनत के साथ आगे बढ़ते जाते हैं हमारी लगन और कर्तव्यनिष्ठा हमें हमारी मंजिल तक पहुंचा ही देती है। आगे उन्होंने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जीवन में अगर कुछ नया और बड़ा करना है तो हिम्मत के साथ रिस्क उठाना ही होगा क्योंकि सफलता के लिए कोइ शार्टकट नहीं होता।
हमें अपने रुचियों के अनुसार ही अपने कार्य-क्षेत्र का चुनाव करना चाहिए क्योंकि आप जब अपना मनचाहा कार्य करेंगें तभी आप अपनी क्षमता का शत-प्रतिशत दे सकेंगें।
कार्य का निर्धारण समय और परिस्थितियों की मांग के अनुरूप होने पर उनकी व्यवहारिकता ज्यादा प्रभावशाली होती है। 
गलती करना गलत नहीं है क्योंकि गलतियों से ही सीखते भी हैं परन्तु एक ही गलती बार-बार दोहराया जाना ठीक नहीं है।
छात्रों और शिक्षकों के  अनेकों जिज्ञासाओं का समाधान बड़ी तल्लीनता के साथ देते हुए पल्लव नधानी ने छात्रों से आवाहन किया कि अपने देश को आत्मनिर्भर और नवीनीकरण की ओर ले जाने के लिए युवाओं में जोश, कौशल और लगन अवश्यभावी है।

छात्र अपनी सीखने की जिज्ञासा को हमेशा बनाए रखे।

अपने सोच को मूर्त रूप देने के लिए प्रेरित रहें।

परिस्थितियों को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहें।

तकनीकी का उपयोग अपने बेहतर ज्ञान के लिए करें।

दुनियाभर से संबंधित सारी जानकारी अब उनकी उंगलियों के पहुंच में है जिसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।
विघालय के निदेशक डॉ कुँवर अरूण सिंह ने पल्लव नधानी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बलिया और भागलपुर जैसे छोटे और सुविधाहीन शहरों के लिए  पल्लव जैसे कामयाब, उत्साही और प्रेरणादायी व्यक्तित्व से छात्रों का सीधा संवाद  निस्संदेह युवाओं को प्रोत्साहित करने और उनकी कल्पनाओं को ठहराव देने में मददगार सिद्ध होगी।
 विघालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया। उन्होंने श्री पल्लव से हर साल ऐसे ही उपस्थित होकर छात्रों को प्रोत्साहित करने की गुजारिश की। साथ ही युवाओं मे जोश जगाने के लिए कार्यक्रम का समापन इन शब्दों के साथ किया ----

जितना कठिन संघर्ष होगा।
जीत उतनी ही शानदार होगी।