हिंदी दिवस पर विशेष : जाने हिंदी से जुड़े अनसुने किस्से
बलिया ।। जीवन की परिभाषा को एकता के मजबूत धागे से जोड़ने वाली हिंदी भाषा हिन्द राष्ट्र की अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। हिंदी दिवस को देशभर में 14 सितंबर को मनाने की परंपरा देश को अंग्रेजों से आज़ादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 में आई, जब संविधान में हिंदी को राजभाषा होने का सम्मान प्राप्त हुआ था। आपको बता दें कि हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में 1950 में अनुच्छेद 343 के अंतर्गत राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है।
हिंदी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भाषा है
भारत अपनी संस्कृति, सभ्यता, एकता को एकजुटता से जोड़े रखने वाला देश माना जाता है। यहां हर क्षेत्र की अपनी विशेषता और संस्कृति है, हर क्षेत्र की अपनी भाषा है। फिर भी हिन्दी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भाषा का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा अपने इतिहास से भी ज्यादा पवित्र और पुरानी माने जाने वाली हिंदी, भारत के करीब 18 करोड़ लोगों की मातृभाषा है। वहीं, करीब 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हिंदी का इस्तेमाल अपनी दूसरी भाषा के रूप में करते हैं। ये भाषा भारत के अलावा मॉरिशस, फिजी, सुरीनाम, त्रिनिदाद और टोबेगो में भी बोली जाती है। माना जाता है कि हिंदी को भारत में आर्य और पारसी लाए थे। हिंदी के अधिकतम शब्द संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा से लिए गए हैं।
देशभर में हिंदी दिवस को भारतवासी बहुत धूम-धाम से मनाते है। ऐसे बड़े मौके पर प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह समेत कई नेताओं और अभिनेताओं ने देश को सम्बोधित करते हुए बधाई दी और भाषा का महत्व बताया। वहीं, हिंदी साहित्यकार कुमार विश्वास ने अपने अंदाज़ में लिखा किसी भाषा के सर्जनात्मक जयघोष के लिए समर्पित साधनाएं, सदैव ही सरकारी प्रयासों से ज़्यादा असरकारी होती हैं। हिन्दी के जयनाद के लिए किंचित् भी चिंतितों के लिए आज इस विचार को आत्मसात् करने का दिन है। “भाषाएं और माताएं शामियानों से नहीं, बेटे-बेटियों से बड़ी बनती हैं।