एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह को अयोध्या में बाइक ने टक्कर मारी, ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर
ए कुमार
लखनऊ ।। सरकारी नौकरी में संविदा की अवधि पांच वर्ष करने के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर विरोध प्रकट करने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह गुरुवार को शाम अयोध्या में सड़क पार करते समय बाइक की टक्कर से घायल गए हैं। गोरखपुर निवासी भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य को काफी चोट आई हैं, उनको किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है।
अयोध्या के कोतवाली रुदौली क्षेत्र में एनएच 28 पर हादसे में एमएलसी घायल हो गए हैं। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह लखनऊ से गोरखपुर जा रहे थे, वह रुदौली क्षेत्र में चाय पीने रुके थे। चाय पीने के बाद सड़क क्रॉस करते समय बाइक सवार ने उनको टक्कर मार दी। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद प्राथमिक उपचार देकर उनको लखनऊ के लिए रेफर किया गया।
गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह आज दिन में करीब साढ़े तीन बजे बाइक की टक्कर लगने से घायल हो गए। लखनऊ से गोरखपुर जा रहे एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह अयोध्या के रुदौली थाना क्षेत्र में सड़क के किनारे चाय पीने के लिए रुके। इसी दौरान वह सड़क के उस पार जाने लगे। सड़क पर जा रही तेज रफ्तार बाइक ने उनको टक्कर मार दी।
अयोध्या के एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि रौनाही थाना क्षेत्र के बाइक सवार मनिराम को पकड़ा गया है, जबकि एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह को यहां प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ के केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया है।
देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा था पत्र
गौरतलब है कि समूह 'ख' और 'ग' की सरकारी नौकरियों में भर्ती के बाद पांच साल तक संविदा पर नियुक्ति के शासन के प्रस्ताव के विरोध में मंगलवार को ही देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। इसके बाद से चर्चा ने जोर पकड़ा कि विपक्षी दलों के बाद अब सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों ने भी सरकारी नौकरी के प्रारूप में बदलाव का मुखर विरोध शुरू कर दिया है। भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को रद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सेवा नियमावली के लागू होने पर नवनियुक्त कर्मचारी पांच साल तक अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे।