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डॉ विवेक पाण्डेय ने स्ववित्तपोषित शिक्षको के शैक्षिक अभिलेखों की सत्यता की जॉच की भी मांग किया



डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया ।। पूर्ण स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विवेक पाण्डेय ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री  को पत्र लिखकर प्रदेश में संचालित लगभग 7000 से ज्यादा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षको के भी शैक्षिक अभिलेखो की जाँच एवं भौतिक सत्यापन सुनिश्चित कराने की माँग किया। अध्यक्ष डॉ विवेक पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 20 जून 2020 को जारी पत्र संख्या 5/2020/473/सत्तर -2-2020-16(49)/2020 के माध्यम से प्रदेश 167 राजकीय एवं 331 अनुदानित महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों एवं भौतिक सत्यापन हेतु प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी के नेतृत्व  में जनपदवार जाँच समिति गठित कर जाँच कराने हेतु दिशा निर्देश निर्गत किया गया था जिस पर पूरे पदेश में सरकारी महाविद्यालयो में कार्यरत शिक्षको की जाँच हुई । किन्तु प्रदेश में 7000 से ज्यादा स्ववित्तपोषित योजनांतर्गत संचालित महाविद्यालयों को जाँच परिधि से बाहर रखा गया जबकि पूरे प्रदेश की उच्च शिक्षा के संचालन में 90 प्रतिशत से ज्यादा की जिम्मेदारी इन्ही महाविद्यालयों के माध्यम से संचालित हो रही है जो प्रदेश के सुदूर ग्रामीणांचल में संचालित हो रहे है जहाँ इनके ऊपर प्रशासनिक नियंत्रण नही के बराबर होने के कारण इनमें भ्र्ष्टाचार काफी ब्यापक पैमाने पर ब्याप्त है जिसका दुष्परिणाम उन क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्रों को भुगतना पड़ रहा है ऐसी परिस्थिति में जब स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में भ्र्ष्टाचार चर्मोत्कर्ष पर हो फिर भी इन महाविद्यालयों को जाँच परिधि से बाहर रखना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है संघ में शासन में माँग किया कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों की भी जाँच कराई जाय।कम से कम भ्र्ष्टाचार की जाँच में शासन द्वारा कोई विभेद न किया जाय।