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ददरी मेला परिसर में मृत गायों को नोचते दिखे कुत्ते,जिम्मेदारों को लगता है नही है सीएम योगी का भी डर







मधुसूदन सिंह

बलिया ।।सीएम योगी जहां गोपाष्टमी में गायों को अपने हाथों से खिलाते और पूजा करते हुए देखे गये थे और गायों को लेकर कई योजनाओं को भी संचालित किये हुए है , वही इसके उलट बलिया में अलग नजारा देखने को मिला है ,जहां दो मृत गायों को सरेआम मेला परिसर में ही कुत्ते नोच नोच कर खा रहे है और ईओ मीना बाजार लगाने की योजना में लगे हुए है । सीएम योगी के लिये गाय पूज्य है लेकिन बलिया नगर पालिका के ईओ दिनेश विश्वकर्मा के लिये गाये त्याज्य है ।ईओ विश्वकर्मा की नजर में मृत गायों का सम्मान के साथ दफनाने का भी हक़ नही है। 

कोरोना महामारी के चलते जहां शासन ने भीड़भाड़ से बचने को लेकर मेलो के लगने पर प्रतिबंध लगा रखा है , तो वही महामारी की भयावहता को कम आंकते हुए कुछ लोगो की जिद के आगे जिला प्रशासन ने ऐतिहासिक ददरी मेले के साथ क्रूरतम मजाक करते हुए चट्टी चौराहे की शक्ल वाला बनाकर लगा दिया है । जबकि चेयरमैन अजयकुमार समाजसेवी ने मुख्यमंत्री योगी जी के मेला न लगने के शासनादेश को मानते हुए इस वर्ष मेला स्थगित रखने का जिलाधिकारी से लगायत शासन के उच्चाधिकारियों तक से अनुरोध करके साफ कह दिया कि अगर मेले के कारण कैरोना फैलता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी । बावजूद इसके ददरी मेला लगाया गया है ।





ददरी मेला की जिम्मेदारी नगर पालिका की होती है । इस बार चेयरमैन द्वारा मेला में न जाने से इसकी पूरी जिम्मेदारी ऐसे ईओ दिनेश विश्वकर्मा के कंधों पर दी गयी है जिनके खिलाफ 26 भ्रष्टाचार के मामले जांच में है । कई मामले तो सीधे सीधे ऑडिट में गबन की श्रेणी के बताये गये है, बावजूद स्थानीय प्रशासन व जांच अधिकारियों की दया से ये अपनी कुर्सी पर बने हुए है । जब भ्रष्टाचार का आरोप चेयरमैन साक्ष्यों के साथ लगाये और ईओ का बाल भी बांका न हो तो वह ईओ कितना लापरवाह कहे या निडर होगा,इसका नजारा ददरी मेला के नंदी ग्राम पशु मेले में देखने को मिला है । जहां दो मृत गायों को ऐसे ही फेक दिया गया है जिसको कुत्ते नोच नोच कर खा रहे है लेकिन ईओ नगर पालिका बलिया की सेहत पर कोई प्रभाव नही पड़ रहा है ।

बता दे कि 2018 में वर्तमान मंत्री (तब विधायक थे) आनंद स्वरूप शुक्ल ने भ्रष्टाचार में लिप्त ईओ दिनेश विश्वकर्मा का स्थानांतरण रामपुर जनपद के लिये कराये थे लेकिन पिछली सरकारों की तरह ही पैसा बोलता है,के द्वारा ईओ विश्वकर्मा ने डेढ़ माह में ही अपना स्थानांतरण पुनः बलिया करा लिया । इस साल मंत्री जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी, नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव तक को शिकायती पत्र भेजकर हटाने की मांग लगभग 10 माह से की है लेकिन फिर भी अबतक कोई कार्यवाही नही हुई है , या यूं कहें कि इस बार भी मंत्री जी पर ईओ विश्वकर्मा भारी पड़ रहा है ।

अब देखना है कि अबतक ईओ विश्वकर्मा के पक्ष में ढाल बनकर खड़ा जिला प्रशासन ,इस घटना के बाद कार्यवाही करता है या सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गायों की देखभाल,सुरक्षा, सम्मान के साथ रखने की योजना को ईओ द्वारा पलीता लगाने के लिये अभयदान जारी रखता है ।